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MGUG Foundation Day: शिक्षा, शोध और सेवा में बना पूर्वांचल की नई पहचान
योगी आदित्यनाथ के विजन से विश्वविद्यालय ने 4 साल में शिक्षा-चिकित्सा में रचा कीर्तिमान
MGUG Foundation Day: Education, Research & Service in Eastern UP (image from Social Media))
Gorakhpur News: भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक एवं वर्तमान में यूपी सरकार के सलाहकार डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि स्थापना के महज चार साल में ही एमजीयूजी, इस विश्वविद्यालय के शिल्पी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन से अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए रोल मॉडल और प्रेरणास्रोत बन गया है। अल्प समय में ही इस विश्वविद्यालय ने अकादमिक उत्कृष्टता, शोध, नवाचार और सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य किए हैं।
डॉ. सिंह गुरुवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय पूर्वांचल की नई पहचान बनकर हजारों युवाओं को शिक्षा, रोजगार और सामाजिक उत्थान से जोड़ रहा है। यह विश्वविद्यालय शिक्षा, चिकित्सा एंव तकनीक का संगम है जहां विद्यार्थियों के चहुमुखी विकास हेतु समग्र प्रयास किया जाता है। डॉ. सिंह ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के परिसर में अध्यात्म, शिक्षा और सेवा की वैचारिक त्रिवेणी प्रवाहमान है। पिछले चार वर्षों में, विश्वविद्यालय ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध कार्यों में लगातार प्रगति की है।
सर्वधर्म सेवा समभाव की परिकल्पना को साकार किया एमजीयूजी ने : डॉ. संजय माहेश्वरी
स्थापना दिवस समारोह के मुख्य वक्ता एमपी बिरला ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के निदेशक, ख्यातिप्राप्त कैंसर सर्जन डॉ. संजय माहेश्वरी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने शैक्षिक गतिविधियों को नई ऊंचाई देने के साथ लोगों की सेवा के लिए चिकित्सा की विभिन्न विधाओं को एकीकृत किया है। विश्वविद्यालय पूर्वी उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना चुका है। यह विश्वविद्यालय चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी समाजिक सहभागिता के लिए जाना जाता है और इस दिशा में निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि एमजीयूजी के महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय ने अनेक कैंसर रोगियों की सफल सर्जरी कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में कैंसर जैसे असाध्य रोग के उपचार के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है। इस उपलब्धि ने विश्वविद्यालय की “सर्वधर्म सेवा समभाव” की परिकल्पना को साकार किया है, जिसमें बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लोगों को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा प्रदान कर आरोग्यता प्रदान किया गया। यह न केवल चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है, बल्कि मानवीय सेवा के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।
अकादमिक उत्कृष्टता और सामाजिक सेवा का केंद्र है एमजीयूजी : डॉ. अतुल वाजपेयी
समारोह की अध्यक्षता करते हुए एमजीयूजी के पूर्व कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का लक्ष्य अपने संस्थापकों के विचारों के अनुरूप शत-प्रतिशत ज्ञान का प्रकाश चारों दिशाओं में फैलाना है। एमजीयूजी का उद्देश्य अपने छात्रों को वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान करना है और समाज के वंचित वर्गों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाकर अपनी परिकल्पना को साकार करना है। इस प्रकार, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय एक ऐसा केंद्र बन रहा है जो न केवल अकादमिक उत्कृष्टता पर जोर देता है, बल्कि सामाजिक सेवा और मानवीय मूल्यों को भी उतना ही महत्व देता है। यह विश्वविद्यालय अपने संस्थापकों के सपनों को साकार करते हुए एक उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसर है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, अपितु सामाजिक समरसता, के साथ-साथ वंचितों तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ प्रदान करना भी है।
अनुसंधान, नवाचार एवं उत्कृष्ट शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्रतिबद्ध है एमजीयूजी : डॉ. प्रदीप राव
इस अवसर पर आगतों का स्वागत करते हुए कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में एमजीयूजी का लक्ष्य भारतीय ज्ञान मनीषा के आलोक में मूल्य-संवर्धित एवं रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देना है जो समग्र रूप में सामाजिक व राष्ट्रीय हितों का पोषण करते हुए विश्व पटल पर भारतीय ज्ञान परम्परा एवं भारतीय संस्कृति को पुर्नस्थापित कर सके। कहा कि यह विश्वविद्यालय योग, आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा का संगम है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर अनुसंधान, नवाचार एवं उत्कृष्ट शैक्षणिक गतिविधियों के लिए प्रतिबद्ध है। इस वर्ष विश्वविद्यालय ने रोजगारपरक कोर्स, स्टार्टअप एवं डिजिटल शिक्षण की दिशा में कई नवाचार शुरू किए है। जिससे विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर का अनुभव प्राप्त हो रहा है। शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में शोध-अनुसंधान, नवाचार और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एमजीयूजी ने शिक्षा विभिन्न संस्थानों से साझा समझौता कर के विश्वविद्यालय संसाधनों को चैमुखी मार्ग प्रशस्त किया है।
दो पुस्तकों का हुआ विमोचन
चतुर्थ स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा दो पुस्तकों क्रमशः राष्ट्रीय सेवा योजना की सत्र 2024-25 की वार्षिक विवरणिका सेवापथ एवं त्रैमासिक पत्रिका आरोग्य प्रभा का विमोचन मंचस्थ अतिथियों द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. रेखा माहेश्वरी और विशेष अतिथि के रूप में शीलम वाजपेयी की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का शुभारम्भ पुष्पांजलि एवं द्वीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। तत्पश्चात राष्ट्रगीत, सरस्वती वन्दना विश्वविद्यालय के कुलगीत का गायन विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा किया गया।
451 प्रतिभाओं का हुआ सम्मान
समारोह में शैक्षणिक उत्कृष्टता, शोध कार्य, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कुल 451 विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों कुल 6 अलग-अलग समूहों ने प्रतियोगिताओ में प्रतिभाग किया। सर्वश्रेष्ठ समूह के रूप में ब्राउन समूह को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सर्वश्रेष्ठ समूह के रूप में सम्मानित किया गया।
सीएम योगी ने दी विश्वविद्यालय परिवार को बधाई
एमजीयूजी के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मुख्यमंत्री एवं इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ ने बढ़ाई देते हुए इस विश्वविद्यालय को शैक्षिक पुनर्जागरण का सशक्त केंद्र बताया। सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपने बधाई संदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, 'शिक्षा, शोध और साधना' की त्रिवेणी महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के स्थापना दिवस पर विश्वविद्यालय परिवार को हार्दिक बधाई! योग, विज्ञान और भारतीय ज्ञान परंपरा से अनुप्राणित यह संस्थान पूर्वांचल में शैक्षिक नवजागरण का सशक्त केंद्र बन रहा है। गुरु परंपरा की दिव्यता और नए भारत की आकांक्षा से जुड़ा यह विश्वविद्यालय नई पीढ़ी को आत्मज्ञान, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से सशक्त कर रहा है।’
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