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Gorakhpur: करोड़ों कीमत की जानलेवा सिरप को लेकर हड़कंप, डंप पड़े सिरप को कस्बाई बाजार में खपा रहे
Gorakhpur News: गोरखपुर की मंडियों में प्रतिबंधित जहरीली कफ सिरप की चोरी-छिपे बिक्री, कस्बों में खपाने की हो रही कोशिश।
कफ सिरप प्रतीकात्मक तस्वीर
Gorakhpur News: पूर्वांचल की सबसे बड़ी दवा मंडी भालोटिया में है। खांसी वाले सिरप पर पाबंदी के बाद थोक ही नहीं फुटकर दुकानदारों की करोड़ों रुपये की पूंजी फंस गई है। जानलेवा सिरप से अनजान इलाकों में इसे खपाने पर जोर दिख रहा है। उधर, ड्रग विभाग द्वारा भी इसकी बिक्री पर बंदिश को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिख रही है।
दवा बाजार में सिरप की कुल हिस्सेदारी (मार्केट शेयर) करीब 25 फीसदी है। इसमें हर तरह की सिरप, सीरम आदि शामिल हैं। सिर्फ खांसी के सिरप की भागीदारी 15 फीसदी है। भालोटिया थोक मार्केट में 400 से अधिक दुकानें हैं। कोई दुकानदार दो लाख तो कोई 50 हजार की बिक्री करता है। एसोसिएशन एक दुकान की औसत बिक्री 30 हजार मानती है। इस लिहाज से थोक बाजार एक दिन में 24 करोड़ का माल बेचता है। इसी तरह फुटकर की 5000 दुकानें हैं। इनकी बिक्री भी अच्छी है। थोक और फुटकर दुकानदारों की एक दिन की बिक्री करीब 30 करोड़ रुपये की होती है। इसमें से 25 फीसदी हिस्सा अकेले सिरप का है। इनमें सिर्फ खांसी की ही नहीं, बल्कि दूसरे रोगों में काम आने वाले सिरप भी शामिल हैं। अधिकारी कागजों में बयान दे रहे हैं कि दवा विक्रेताओं को उक्त सिरप को बाजार से हटाने की एडवाइजरी जारी की है। किसी भी स्थिति में कफ सिरप डाक्टर के पर्चे बिना नहीं बेची जाएगी। उसमें भी डाक्टर की निगरानी बहुत जरूरी है।
नेपाल के चलते खूब होती है फैंसीड्रिल की बिक्री
पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी गोरखपुर फैंसीड्रिल को लेकर बदनाम रही है। यहां से नेपाल को बड़ी मात्रा में फैंसीड्रिल की सप्लाई होती है। बिना बिलों के तस्करी के जरिए माल भेजा जाने लगा। तस्कर पकड़े गए तो पता चला कि लोग इनका प्रयोग नशे के लिए करते हैं। फैंसीड्रिल की बमुश्किल 100 रुपये की शीशी आराम से 500 रुपये तक में बिकती है। इसका सिरप का बेस कोडीन का था। इसकी आधी शीशी दिमाग को सुन्न बना देती है। बहुत जरूरी होने पर डाक्टर इसकी संतुलित खुराक लिखते थे। देशभर में इस पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद संबंधित कंपनी ने इसे दूसरे नाम से उतार दिया।
नए ब्रांड की दवाएं नहीं खरीद रहे हैं लोग
मध्य प्रदेश में सप्लाई की गई ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप पीने से बच्चों की मौत हुई है। इसे श्रेषन फार्मास्युटिकल तमिलनाडु ने बनाया है। सरकार ने देश भर में इसकी बिक्री पर रोक लगा दी है। यह बहुत प्रचलित सिरप नहीं है। उत्तर प्रदेश में इसकी सप्लाई की आशंका नहीं है। चिकित्सक परामर्श दे रहे हैं कि किसी भी नए ब्रांड की दवाइयां आपको खतरे में डाल सकती हैं। दुकानदारों का कहना है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में जिन कफ सिरप से बच्चों की मौत हुई हैं, वे नए ब्रांड हैं।
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