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Gorakhpur News: गोरखपुर विश्वविद्यालय की डॉ. स्निग्धा त्रिपाठी करेंगी IPSA वर्ल्ड कांग्रेस में भारत का प्रतिनिधित्व; प्रवेश परीक्षा में महिलाओं का नेतृत्व और उच्च उपस्थिति दर्ज

Gorakhpur News: कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने डॉ. त्रिपाठी को बधाई देते हुए कहा कि उनकी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भागीदारी से भारत और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ रही है।

Purnima Srivastava
Published on: 8 July 2025 10:57 PM IST
Before leaving for South Korea, he met with Vice-Chancellor Prof. Poonam Tandon. Snigdha Tripathi
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दक्षिण कोरिया जाने से पहले कुलपति प्रो पूनम टंडन से मुलाक़ात करती डॉ. स्निग्धा त्रिपाठी (Photo- Newstrack)

Gorakhpur News: गोरखपुर, 8 जुलाई 2025: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का क्षण है, क्योंकि राजनीति विज्ञान विभाग की पोस्ट डॉक्टोरल फेलो (आईसीएसएसआर फेलोशिप) डॉ. स्निग्धा त्रिपाठी दक्षिण कोरिया के सियोल में 13 से 16 जुलाई 2025 तक आयोजित होने वाले 28वें अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक विज्ञान संघ (IPSA) वर्ल्ड कांग्रेस में अपने शोध पत्र का प्रस्तुतीकरण करेंगी।

डॉ. स्निग्धा त्रिपाठी का वैश्विक मंच पर प्रतिनिधित्व

डॉ. त्रिपाठी का शोध पत्र 'संतुलन की दिशा में: जेईटी-पी ढांचे में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार और वैश्विक राजनीतिक चुनौतियाँ' विषय पर आधारित है। वह इस कांग्रेस में पेपर ऑथर, मौखिक प्रस्तोता (Oral Presenter) तथा कुछ पैनलों में चर्चाकार (Discussant) के रूप में भाग लेंगी। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने डॉ. त्रिपाठी को बधाई देते हुए कहा कि उनकी अंतरराष्ट्रीय मंच पर भागीदारी से भारत और विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि डॉ. त्रिपाठी का शोध कार्य न केवल ऊर्जा नीति के क्षेत्र में भारत की भूमिका को उजागर करता है, बल्कि वैश्विक नीति निर्माण में भी सार्थक योगदान देता है।

विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा में महिला नेतृत्व और उच्च उपस्थिति

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा के चौथे दिन एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला, जहां 50% परीक्षा केंद्रों की कमान महिला शिक्षकों ने संभाली। इन केंद्रों पर केंद्राध्यक्ष और पर्यवेक्षक दोनों ही शीर्ष दायित्व महिला शिक्षकों द्वारा निर्वहन किए गए। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने इसे आत्मविश्वास और दायित्व निर्वहन का प्रशंसनीय प्रतीक बताया, यह कहते हुए कि ऐसे प्रयोग समाज और महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ावा देते हैं।

आज, डॉ. स्मृति मल्ल और डॉ. वंदना सिंह ने केंद्राध्यक्ष की भूमिका निभाई, जबकि प्रो. पूजा सिंह और प्रो. शुभी धूसिया ने इन्हीं केंद्रों पर ऑब्जर्वर के रूप में योगदान दिया।

प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रातः सत्र में बी.एस.सी. ऑनर्स (गणित वर्ग) की परीक्षा शांतिपूर्वक संपन्न हुई, जिसमें कुल 1904 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 1665 अभ्यर्थी उपस्थित रहे, यानी 87% से अधिक उपस्थिति दर्ज की गई। सायं सत्र में विधि परास्नातक (एलएल.एम.) पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा संपन्न हुई, जिसमें कुल 778 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 698 अभ्यर्थी उपस्थित रहे, यानी 89% से अधिक उपस्थिति दर्ज की गई।

आगामी प्रवेश परीक्षाएं

बुधवार, 9 जुलाई को सुबह के सत्र में बीबीए तथा एमए भूगोल की प्रवेश परीक्षा आयोजित होगी, जबकि शाम के सत्र में एमएससी रसायन विज्ञान में प्रवेश के इच्छुक अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।

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