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हमीरपुर जेल में बंदी अनिल तिवारी की मौत पर हंगामा, परिजनों का आरोप, डिप्टी जेलर सस्पेंड
Hamirpur News: परिजनों ने हत्या का आरोप लगाकर सड़क जाम किया, प्रशासन ने जांच के साथ डिप्टी जेलर निलंबित किया
Hamirpur Jail Death
Hamirpur News: जिला कारागार में बंद विचाराधीन बंदी अनिल तिवारी की मौत के बाद सोमवार को परिजनों और ग्रामीणों ने जेल के सामने सड़क पर जाम लगा दिया। परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही और हत्या का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। करीब एक घंटे तक हंगामे की स्थिति बनी रही। सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने में जुटे। वहीं सदर विधायक भी मौके पर पहुंचे और परिजनों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
सदर कोतवाली क्षेत्र के सूरजपुर गांव निवासी 33 वर्षीय अनिल तिवारी को एससी/एसटी एक्ट के मुकदमे में वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने 11 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। रविवार को जेल में उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल ले जाने का प्रयास किया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
जेल अधीक्षक मंजीव विश्वकर्मा ने बताया कि भर्ती के समय मेडिकल में बंदी को अल्कोहलिक प्रवृत्ति का मरीज दर्ज किया गया था। रविवार को अचानक उसका शुगर लेवल गिर गया और स्थिति गंभीर हो गई। उसे जिला अस्पताल भेजा गया, लेकिन रास्ते में ही दम तोड़ दिया। जेल अधीक्षक ने कहा कि पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच कराई जा रही है।
मृतक की पत्नी पूजा द्विवेदी ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा मेरे पति बिल्कुल स्वस्थ थे। बृहस्पतिवार को हाज़िर हुए थे और शुक्रवार को मैं उनसे मिलने जेल गई थी तब वे अच्छे-खासे थे। रविवार को मेरी उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। शनिवार को किसी ने बताया कि अनिल की तबीयत ठीक नहीं है, लेकिन अचानक रविवार को खबर मिली कि उनकी मौत हो गई और कहा गया कि ‘मिट्टी के लिए ले जाओ’। मुझे इस पर भरोसा नहीं है। मेरे पति की मौत स्वाभाविक नहीं है। मुझे इंसाफ चाहिए। मेरे दो छोटे बच्चे हैं, अब उनका क्या होगा।
चचेरे भाई सुमित ने बताया कि दस साल पहले मोहल्ले के ही दलित परिवार से विवाद के बाद अनिल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद से वह दिल्ली में रहकर नौकरी करने लगा। कोर्ट में पेशी न होने के चलते उस पर वारंट जारी हुआ और हाल ही में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही शव जेल परिसर के बाहर पहुंचा, परिजन भड़क उठे। उन्होंने जेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मुख्य सड़क पर जाम लगा दिया। परिजनों का कहना था कि सही-सलामत जेल गया अनिल तीसरे ही दिन कैसे मर गया। मौके पर पहुंची पुलिस जाम खुलवाने की कोशिश करती रही।अपर पुलिस अधीक्षक अनूप गुप्ता ने बताया कि यह मामला जेल प्रशासन से जुड़ा है। मौत की जांच मजिस्ट्रेट स्तर होगी ।मौत की खबर से गांव और परिजनों में कोहराम मचा है। दो छोटे बच्चों के भविष्य को लेकर पत्नी बिलख-बिलख कर न्याय की गुहार लगा रही है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से जेल परिसर और आसपास अतिरिक्त फोर्स तैनात कर दी है।
डिप्टी जेलर निलंबित
हमीरपुर। एससी-एसटी एक्ट के मामले में चार दिन पहले जेल में निरुद्ध बंदी की मौत के बाद जेल प्रशासन ने डिप्टी जेलर को आगामी आदेशों तक निलंबित करने की कार्यवाही की है।इस दौरान डिप्टी जेलर संगेश कुमार उप कारागार डॉ संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ से संबंध रहेंगे।सदर कोतवाली क्षेत्र के सूरजपुर गांव निवासी अनिल कुमार तिवारी (33)पुत्र कृष्ण तिवारी को एससी-एसटी एक्ट के दस वर्ष पुराने मामले में बीते 11 सितंबर को न्यायालय ने जेल भेजा था।बीते रविवार को निरुद्ध विचाराधीन बंदी अनिल कुमार तिवारी द्वारा उद्दण्डता किये जाने पर डिप्टी जेलर संगेश कुमार ने जेल वार्डर अनिल कुमार यादव एवं नम्बरदार बंदी शफी मोहम्मद के सहयोग से नियंत्रित किया। उक्त तिथि की अपरान्ह में बंदी की तबियत अचानक खराब होने पर विशेषज्ञ उपचार हेतु जिला चिकित्सालय भेजा गया, जहां चिकित्सक द्वारा परीक्षणोपरान्त बंदी अनिल कुमार तिवारी को मृत घोषित कर दिया गया।
डिप्टी जेलर संगेश कुमार द्वारा चक्राधिकारी के रूप में अपने पदेन निर्धारित कर्तव्यों एवं दायित्वों का पूर्ण अनुपालन न किये जाने तथा बंदियों व अधीनस्थों पर शिथिल नियंत्रण होने के कारण उक्त घटना घटित हुयी। जिसके निमित्त प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने पर डिप्टी जेलर संगेश कुमार को तात्कालिक प्रभाव से निलंबित करते हुए उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
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