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Hapur News: फर्जी आरटीओ चालान के नाम पर साइबर लूट, हापुड़ में मचा हड़कंप”
Hapur News: हापुड़ में फर्जी आरटीओ चालान के नाम पर साइबर ठगी, 3 लाख की चपत
Hapur Cyber Fraud Case
Hapur News:-शहर में साइबर अपराधियों का जाल इतना फैल चुका है कि अब वे सरकारी विभागों की आड़ लेकर लोगों की जेबें काट रहे हैं। नगर के मोहल्ला निहालचंद बिल्डिंग निवासी व्यवसायी आशीष गर्ग इस बार इन ठगों का शिकार बने हैं। मात्र 10 मिनट के भीतर उनके खाते से 3,00,559 रुपये उड़ाए गए। घटना ने लोगों में भारी आक्रोश और दहशत पैदा कर दी है।
ठगों ने सरकारी चालान की आड़ में फेंका जाल
जानकारी के अनुसार, 16 सितंबर की रात करीब 11:30 बजे आशीष गर्ग के मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप संदेश आया। संदेश में “आरटीओ चालान” के नाम पर एक पीडीएफ लिंक भेजा गया था। उसमें ट्रैफिक नियम उल्लंघन का झूठा जुर्माना बताकर तुरंत भुगतान करने का दबाव बनाया गया।आशीष ने बताया, “संदेश बहुत आधिकारिक और असली लग रहा था, मैंने जैसे ही लिंक खोला, फोन हैंग होने लगा और कुछ ही मिनटों में बैंक खाते से पैसे उड़ गए।”पहली बार में 1,95,699 और दूसरी बार में 1,04,860 रुपये खाते से निकाले गए।
मैलवेयर से बैंकिंग डिटेल्स चोरी
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे लिंक पर क्लिक करते ही फोन में मैलवेयर इंस्टॉल हो जाता है, जो आपके बैंकिंग पासवर्ड, डेबिट कार्ड डिटेल और ओटीपी तक चुरा लेता है। इस वजह से अपराधियों को रीयल-टाइम में खाते से पैसा निकालने का मौका मिल जाता है।
थाना साइबर क्राइम की कड़ी कार्रवाई का दावा
थाना साइबर क्राइम प्रभारी नजीर खान ने बताया, “पीड़ित की तहरीर पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की गंभीरता से जांच चल रही है और जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। आमजन से अपील है कि ऐसे संदिग्ध मैसेज पर क्लिक न करें और तुरंत 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।”
लोगों में भय ‘अब किस पर भरोसा करें?’
घटना के बाद शहर के व्यापारिक संगठनों में भी खलबली है। लोग कह रहे हैं कि अगर सरकारी चालान भी फर्जी बनाकर भेजा जा सकता है तो आम आदमी कैसे बचेगा?साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि ठग अब तक फर्जी कस्टमर केयर नंबर, बैंक अपडेट और लॉटरी स्कीम के नाम पर ठगी कर रहे थे, अब सरकारी संस्थानों के नाम पर लिंक भेजना नया हथकंडा है।
बचाव के लिए जरूरी कदम
किसी भी अज्ञात लिंक या संदेश पर क्लिक न करें, चाहे वह सरकारी विभाग के नाम से ही क्यों न हो।बैंकिंग डिटेल और ओटीपी किसी के साथ साझा न करें।साइबर हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत शिकायत करें।cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन केस दर्ज करें।
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