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Hapur News: हापुड़ में गैस माफिया का बडा खेल बेनक़ाब, 137 सिलेंडरों संग दो गिरफ्तार
Hapur News: हापुड़ में पुलिस ने गैस माफिया का बड़ा खेल पकड़ा। 137 सिलेंडर बरामद, दो गिरफ्तार। नेटवर्क के और साथी तलाश में।
हापुड़ में गैस माफिया का बडा खेल बेनक़ाब ,137 सिलेंडरों संग दो गिरफ्तार (Photo- Newstrack)
Hapur News: मंगलवार की दोपहर बाइपास पर की जा रही रूटीन चेकिंग ने पूरे जिले में गैस माफिया के बड़े खेल का खुलासा कर दिया। देहात थाना पुलिस, यातायात पुलिस और पूर्ति विभाग की संयुक्त टीम ने दो मिनी ट्रक रोके। जब दरवाजे खुले तो पुलिस भी हक्की-बक्की रह गई। ट्रकों से 137 सिलेंडरों का जखीरा बरामद हुआ, जिनमें भारत गैस और इंडेन कंपनी के सिलेंडर शामिल थे। सिलेंडर अवैध रूप से सप्लाई किए जा रहे थे और इसके पीछे बड़े नेटवर्क की साजिश सामने आई है।
चेकिंग बनी माफियाओं के लिए मुसीबत
मंगलवार को पुलिस की टीम गाजियाबाद की ओर से आ रहे वाहनों की चेकिंग कर रही थी। तभी दो संदिग्ध पिकअप आते दिखाई दिए। पुलिस ने इशारा किया तो चालक पहले बचने की कोशिश करने लगे, लेकिन टीम ने घेराबंदी कर गाड़ियां रोक लीं। तलाशी होते ही सामने आया गैस सिलेंडरों का खजाना।
गिरफ्त में आए गैस माफिया के साथी
पुलिस ने मौके से रामप्रवेश, निवासी भगत विहार गली नंबर-5, करावल नगर, दिल्ली और रामगोपाल, निवासी खोड़ा कॉलोनी, थाना खोड़ा, गाजियाबाद को गिरफ्तार किया हैं।दोनों आरोपी सिलेंडरों से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वे इन्हें अवैध रिफिलिंग सेंटरों तक ले जा रहे थे, जहां इन्हें दोबारा भरकर ऊंचे दामों पर सप्लाई किया जाना था।
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
यह कोई अकेली डील नहीं, बल्कि लंबे समय से चल रहा धंधा है।इसके पीछे एक संगठित गैस माफिया नेटवर्क काम कर रहा है।सिलेंडर चोरी-छिपे रिफिल होते हैं और फिर ब्लैक में बेचे जाते हैं।
सीओ सिटी का बयान
सीओ सिटी वरुण मिश्रा ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा की अवैध गैस सिलेंडर सप्लाई केवल कानून तोड़ना नहीं है, यह जनता की जान से खिलवाड़ है। अगर ये सिलेंडर फटते तो बड़ा हादसा हो सकता था। पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की और 137 सिलेंडर बरामद कर बड़ी वारदात को टाल दिया। इस नेटवर्क के बाकी लोग भी जल्द पकड़े जाएंगे। किसी भी हालत में गैस माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।"
क्यों खतरनाक है गैस माफिया का धंधा?
बिना सुरक्षा मानकों के रिफिलिंग से कभी भी विस्फोट हो सकता है।
मुनाफाखोरी के लिए माफिया सैकड़ों परिवारों की जान खतरे में डालते हैं।
कंपनियों और सरकार को करोड़ों का नुकसान होता है।
यह नेटवर्क ब्लैक मार्केटिंग कर आम जनता की जेब काट रहा है।
पुलिस अब किन कड़ियों तक पहुंचेगी?
सिलेंडर कहां से आए?
रिफिलिंग कहां की जानी थी?
नेटवर्क का असली सरगना कौन है?
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