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Hapur News: 21 करोड़ का जीएसटी घोटाला: अफसर-व्यापारी गठजोड़ का काला खेल, तीन बड़े अधिकारी निलंबित
Hapur News: 21 करोड़ GST घोटाला: अफसर-व्यापारी गठजोड़ से पनपी फर्जी फर्में, शासन ने तीन अधिकारियों को किया निलंबित
Hapur GST Scam News
Hapur News:-यूपी में जीएसटी विभाग का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। शासन ने 21 करोड़ के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) घोटाले में ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए तीन सहायक आयुक्तों को तत्काल निलंबित कर दिया है। इनमें हापुड़ के जितेंद्र कुमार, अभय कुमार पटेल और गोरखपुर के अजय कुमार शामिल हैं। इन पर फर्जी फर्मों को संरक्षण देने और करोड़ों के खेल में मिलीभगत के गंभीर आरोप लगे हैं। वहीं उपायुक्त लालचंद पर विभागीय जांच बैठा दी गई है।
कैसे हुआ 21 करोड़ का खेल?
आरोपी उमेरुल निशा ने 2 मई 2023 को गढ़मुक्तेश्वर (स्याना चौपला) में “निशा इंटरप्राइजेज” नाम से फर्जी फर्म रजिस्टर कराई।आधार-पैन के आधार पर रजिस्ट्रेशन तुरंत पास हो गया।27 जुलाई 2024 को मोबाइल ऐप से फर्म संदिग्ध पाई गई और 12 जुलाई 2024 को मौके पर जांच में फर्म गायब मिली।इसके बाद पंजीकरण निरस्त कर 5.37 करोड़ की आईटीसी ब्लॉक कर दी गई।लेकिन खेल यहीं खत्म नहीं हुआ। उमेरुल निशा ने बिना किसी असली व्यापार के 2023-24 में 15.08 करोड़ और 2024-25 में 5 करोड़ रुपये की बोगस आईटीसी ट्रांसफर कर ली।कुल मिलाकर सरकार को 19.5 करोड़ का सीधा नुकसान झेलना पड़ा।
अफसरों पर आरोप,मिलीभगत से फूली-फली फर्जी फर्में
जांच में सामने आया कि निलंबित सहायक आयुक्तों ने पंजीकरण प्रक्रिया में न सिर्फ लापरवाही बरती बल्कि फर्जीवाड़े की जड़ें जमने दीं। विभागीय रिपोर्ट में इस घोटाले को “अंदरूनी खेल” बताया गया है, जिसमें कुछ अफसरों ने मौन सहमति देकर बोगस फर्मों को पनपने दिया।
शासन की सख्ती,विभाग में अफरा-तफरी
निलंबन की कार्रवाई होते ही जीएसटी विभाग में हड़कंप मच गया। छोटे से लेकर बड़े अफसर तक सकते में हैं कि अगला नंबर किसका होगा। विभागीय गलियारों में दिनभर सिर्फ इसी घोटाले की चर्चा रही।सूत्रों के मुताबिक, फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का यह अकेला मामला नहीं है। और भी फर्में राडार पर हैं। आने वाले दिनों में कई बड़े नाम बेनकाब हो सकते हैं।
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