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Hapur News : हापुड़ दहेज हत्या: पति को उम्रकैद, चाचा निर्दोष,कोर्ट का सख्त फैसला!”
Hapur News : हापुड़ में दहेज हत्या केस में पति को उम्रकैद, चाचा बरी, कोर्ट का सख्त फैसला, महिलाओं की सुरक्षा पर फिर उठा सवाल
Hapur Dowry Murder ( Image From Social Media )
Hapur News:-हापुड़ जिले में एक विवाहित महिला की निर्मम हत्या के मामले में अदालत ने आज महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) हनी गोयल ने पत्नी लक्ष्मी की हत्या के मामले में उसके पति दीपक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया, जो न भरने की स्थिति में दीपक को अतिरिक्त एक महीने की जेल भुगतनी होगी। वहीं, दहेज हत्या के आरोप में दीपक के चाचा संजय को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया। इस फैसले के बाद महिलाओं के खिलाफ अपराधों और दहेज प्रथा के मुद्दे पर समाज में एक बार फिर चर्चा छिड़ गई है।
मामला क्या है?
जानकारी के अनुसार, यह मामला 2018 में पिलखुवा कोतवाली में दर्ज एक FIR से शुरू हुआ। दिल्ली निवासी नेमसिंह ने अपनी बेटी लक्ष्मी की हत्या की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। लक्ष्मी की शादी 28 अप्रैल 2016 को पिलखुवा के मोहल्ला रमपुरा निवासी दीपक से धूमधाम से हुई थी। लेकिन शादी के कुछ ही दिनों बाद पति दीपक, उसकी मां रानी और चाचा संजय ने दहेज की मांग को लेकर लक्ष्मी पर लगातार अत्याचार करना शुरू कर दिया।नेमसिंह को एक फोन कॉल के जरिए सूचना मिली कि लक्ष्मी को दहेज के लिए पीट-पीटकर मार दिया गया और उसके गले की हड्डी तोड़ दी गई। इसके बाद पुलिस ने दीपक और संजय के खिलाफ मामला दर्ज किया। हालांकि, मुकदमे में मुख्य रूप से दीपक और संजय पर ही ध्यान केंद्रित किया गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच की और अदालत में चार्जशीट दाखिल की। दीपक पर हत्या और दहेज हत्या के तहत विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए।
अदालत का फैसला
विशेष लोक अभियोजक विनीता त्यागी के अनुसार, मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश हनी गोयल ने दीपक को धारा 302 IPC के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई और साथ ही 10,000 रुपये जुर्माना लगाया। इस मामले में हत्या के ठोस सबूत सामने आने के चलते अदालत ने सख्त फैसला सुनाया। दूसरी ओर, चाचा संजय को सभी आरोपों से दोषमुक्त करार दिया गया।इस फैसले के बाद समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों और दहेज प्रथा की जड़ों पर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है। लोग दहेज प्रथा के खिलाफ कड़े कानूनों और महिलाओं की सुरक्षा की दिशा में सुधार की मांग कर रहे हैं।
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