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Hapur News: रिश्वत के 50 हजार और सांठगांठ की कीमत पर इंसाफ कुर्बान, घायल पीड़ित को ही भेजा जेल
Hapur News: गांव अकबरपुर बुकलाना निवासी मेहर सिंह ने बताया कि 17 जून 2025 की रात करीब 8 बजे उसके भाई कपिल पर गांव के ही कुछ लोगों ने धारदार हथियार और राड से हमला किया।
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Hapur News: हापुड़ की सिंभावली थाना पुलिस पर बड़ा आरोप लगा है। एक तरफ तो जानलेवा हमले का शिकार युवक अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा, दूसरी ओर कार्रवाई की जगह उसी को जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया गया। पीड़ित पक्ष का कहना है कि इस पूरे खेल के पीछे थाना सिंभावली के दारोगा और आरोपितों के बीच हुई मोटी सांठगांठ और 50 हजार की रिश्वत है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद इलाके में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
हमला और इंसाफ की जद्दोजहद
गांव अकबरपुर बुकलाना निवासी मेहर सिंह ने बताया कि 17 जून 2025 की रात करीब 8 बजे उसके भाई कपिल पर गांव के ही कुछ लोगों ने धारदार हथियार और राड से हमला किया। कपिल के सिर पर गहरी चोट आई और वह लहूलुहान हो गया। परिजन तुरंत उसे इलाज के लिए थाने ले गए ताकि मेडिकल हो सके और हमलावरों के खिलाफ केस दर्ज हो।लेकिन, परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने न केवल मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया बल्कि कपिल के खिलाफ ही उल्टा गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर दिया।
मेडिकल कराने से भी किया इनकार
पीड़ित परिवार का कहना है कि सिंभावली पुलिस ने कपिल का सरकारी अस्पताल में मेडिकल तक नहीं कराया। मजबूरन परिवार को 19 जून को पहले सिखेड़ा सरकारी अस्पताल और फिर मेरठ के रीता अस्पताल में निजी खर्च पर इलाज कराना पड़ा। इलाज के कागजात लेकर पीड़ित पक्ष बार-बार थाना गया, लेकिन दारोगा ने रिपोर्ट को केस डायरी में शामिल करने से इनकार कर दिया।न्याय की आस में कपिल के भाई ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने आदेश दिया तो पुलिस नेआरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की।
दारोगा का रिश्वतखोरी खेल
मामले की जांच उसी दारोगा को दी गई जिसने आरोपियों से सांठगांठ कर ली।पीड़ित का आरोप है कि दारोगा ने एक नामजद आरोपी को “अपनी बहन का बेटा“ बता दिया और गिरफ्तारी से साफ मना कर दिया।कपिल के सरकारी और प्राइवेट दोनों मेडिकल रिपोर्ट को केस से बाहर रख दिया।17 जुलाई की सुबह करीब 7 बजे दारोगा मेरठ स्थित कपिल के घर पहुंचा और कहा “जेल नहीं जाना चाहते तो 50 हजार रुपये देने पड़ेंगे।”मजबूरन पीड़ित पक्ष ने रकम थमा दी।लेकिन रिश्वत की रकम लेने के बाद भी दारोगा का दिल नहीं पसीजा। उसी दिन पुलिस ने कपिल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
इस पूरे मामले ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस की वर्दी अपराधियों की ढाल बन चुकी है। इंसाफ की जगह पीड़ित को ही अपराधी बना दिया गया और हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। गांव में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस ही बिक जाएगी तो गरीब और आम आदमी को न्याय कौन दिलाएगा?
एसपी से इंसाफ की गुहार
हताश और परेशान परिजनों ने अब पूरे मामले की लिखित शिकायत एसपी हापुड़ ज्ञानंजय सिंह से की है। पीड़ित पक्ष ने साफ कहा है कि वह रिश्वत देने के बावजूद अपने घायल बेटे को जेल जाते नहीं देख सकता। परिजनों ने एसपी से दोषी दारोगा पर तत्काल कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
एसपी का बयान
एसपी हापुड़ ज्ञानजय सिँह ने कहा कि“मामले में शिकायती पत्र प्राप्त हुआ है। आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जांच बिठाई गई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
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