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Hapur News: 12 वर्षीय मासूम से कुकर्म का प्रयास: आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास, 10 हजार का जुर्माना

Hapur News: विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि वर्ष 2022 को थाना सिंभावली क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि वर्ष 2022 में उसका 12 वर्षीय पुत्र घर के बाहर खेल रहा था।

Avnish Pal
Published on: 14 July 2025 10:20 PM IST
12-year-old innocent attempts to commit crime: Accused sentenced to 20 years hard labour, fine of Rs 10,000
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12 वर्षीय मासूम से कुकर्म का प्रयास: आरोपी को 20 साल का सश्रम कारावास, 10 हजार का जुर्माना (Photo- Social Media)

Hapur News: यूपी के जनपद हापुड़ में 12 वर्षीय मासूम से कुकर्म का प्रयास करने के मामले में सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने एक आरोपी को दोषी करार दिया है। दोषी को 20 साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। न्यायाधीश ने दोषी को दस हजार रुपये का अर्थदंड से दंडित किया है।

यह था पूरा प्रकरण

विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि वर्ष 2022 को थाना सिंभावली क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति ने थाने में तहरीर दी थी। जिसमें पीड़ित ने बताया था कि वर्ष 2022 में उसका 12 वर्षीय पुत्र घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान गांव का ही विष्णू पुत्र को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया था। पुत्र को निर्वस्त्र कर आरोपी ने उसके साथ कुकर्म किया था।आरोपी ने पुत्र के शरीर पर दांतों से काटा भी था। उधर, तलाश में जुटा पीड़ित पुत्र का शोर सुनकर मौके पर पहुंचा था जिसे देखकर आरोपी हत्या की धमकी देकर मौके से फरार हो गया था। घर पहुंचकर पुत्र ने परिजनों को आप बीती वारदात सुनाई थीं। पुत्र को साथ लेकर पीड़ित थाने पहुंचा और तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की थी। मामले में पुलिस में आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था ।जांच के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी।

न्यायाधीश सुनाई यह सजा

मुकदमे पर संज्ञान लेकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) ज्ञानेंद्र सिंह यादव ने सुनवाई शुरू की थी। सोमवार को मुकदमे की सुनवाई निर्णायक मोड़ पर पहुंची। न्यायाधीश ने आरोपित विष्णु को दोषी करार दिया और सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा न करने पर दोषी को दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अर्थदंड की समस्त धनराशि पीड़ित को बतौर प्रतिकर देय होगी। जिला विधिक प्राधिकरण द्वारा भी पीड़ित के पुनर्वास के लिए 50 हजार रुपये की धनराशि बतौर प्रतिकर देय होगी।

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