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Hapur News: हापुड़: कांवड़ मार्ग पर डग्गामार बस हादसा, प्रशासनिक नियमों की अनदेखी पर गंभीर सवाल

Hapur News: रविवार को बाबूगढ़ के बागड़पुर फ्लाईओवर पर एक तेज रफ्तार डग्गामार बस ने गंगाजल लेकर आ रहे एक ट्रैक्टर-टैंकर में जोरदार टक्कर मार दी।

Avnish Pal
Published on: 15 July 2025 8:39 PM IST
Daggamar bus accident on Kanwar Marg, serious question over ignoring administrative rules
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कांवड़ मार्ग पर डग्गामार बस हादसा, प्रशासनिक नियमों की अनदेखी पर गंभीर सवाल (Photo- Newstrack)

Hapur News: हापुड़। सावन के पवित्र माह में कांवड़ यात्रा के चलते हाईवे पर भारी वाहनों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद, रविवार को बाबूगढ़ क्षेत्र में एक डग्गामार बस द्वारा ट्रैक्टर-टैंकर को टक्कर मारने की घटना ने पूरे प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह हादसा नियमों की खुली अवहेलना और कथित प्रशासनिक मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है।

कैसे हुआ हादसा?

रविवार को बाबूगढ़ के बागड़पुर फ्लाईओवर पर एक तेज रफ्तार डग्गामार बस ने गंगाजल लेकर आ रहे एक ट्रैक्टर-टैंकर में जोरदार टक्कर मार दी। यह टक्कर इतनी भीषण थी कि टैंकर पलट गया, जिससे 20 लोग घायल हो गए। घायलों में से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


कांवड़ मार्ग पर भी डग्गामार बस!

इस समय सावन के पहले सोमवार के चलते हाईवे पर भारी वाहनों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध है। कांवड़ यात्रा के मार्ग पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पिलखुवा से गजरौला तक नौ जगहों पर चेकिंग पोस्ट बनाए गए हैं। इन पोस्टों पर रोडवेज व परमिटधारी वाहनों को भी इस मार्ग से गुजरने की अनुमति नहीं है। बावजूद इसके, यह डग्गामार बस गजरौला से बाबूगढ़ तक लगभग 50 किलोमीटर तक बिना रोके दौड़ती चली आई, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े किए हैं।

प्रशासनिक चूक या मिलीभगत?

जानकारों का मानना है कि यह केवल एक सामान्य प्रशासनिक चूक नहीं है, बल्कि डग्गामार बस ऑपरेटरों और कुछ अधिकारियों की मिलीभगत का परिणाम हो सकता है। बताया जा रहा है कि मुरादाबाद और गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र से रोजाना करीब 50 डग्गामार बसें अवैध रूप से दिल्ली के लिए चलती हैं, जिन्हें कथित रूप से पुलिस और परिवहन अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। यह आरोप सिस्टम में गहरे भ्रष्टाचार की ओर संकेत करता है।

जांच के आदेश, जिम्मेदारी तय होगी:

हादसे की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एआरटीओ प्रवर्तन, एडीएम और एएसपी की एक संयुक्त जांच टीम गठित की है। शासन ने भी इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। जांच में यह स्पष्ट किया जाएगा कि इतनी सख्त पाबंदियों के बावजूद यह अवैध बस चेकिंग पोस्ट पार कर कैसे आगे बढ़ती रही और इसमें संबंधित अधिकारियों की क्या भूमिका रही। जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन की सख्ती का दावा:

प्रशासन का कहना है कि हाईवे पर केवल दूध, दवा, सब्जी, पेट्रोल-डीजल, समाचार पत्र वाहनों और एंबुलेंस को ही संचालन की अनुमति है। डग्गामार बसों का संचालन पूरी तरह से अवैध है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जांच के बाद लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

यह हादसा सिर्फ एक सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह प्रशासनिक विफलता और सिस्टम की कमजोरियों को उजागर करता है। कांवड़ यात्रा जैसे संवेदनशील समय में ऐसे हादसे न केवल यात्रियों की जान को खतरे में डालते हैं, बल्कि कानून व्यवस्था और सार्वजनिक भरोसे पर भी गंभीर असर डालते हैं। अब देखना यह होगा कि जांच के बाद दोषियों पर कितनी सख्त कार्रवाई होती है और क्या भविष्य में ऐसे अवैध संचालन पर पूर्ण विराम लग पाएगा।

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