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Hapur: टीबी मरीजों को मिला पोषण सहयोग, बांटी गईं 100 पोटलियां
Hapur: क्यूब रूट फाउंडेशन ने टीबी मरीजों को 100 पोषण पोटलियां बांटीं, डीएम और सीएमओ ने सराहा, इलाज के साथ पोषण व जागरूकता पर जोर।
Hapur_ Cube Root Foundation Distributes Nutrition Kits to 100 TB Patients
Hapur: जनपद हापुड़ में टीबी मुक्त भारत अभियान को जन आंदोलन बनाने की दिशा में लगातार प्रयास हो रहे हैं। जिलाधिकारी अभिषेक पांडे और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी के नेतृत्व में जिले के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी मरीजों को न केवल चिकित्सा सुविधा मिल रही है, बल्कि उन्हें पोषण और जागरूकता संबंधी सहयोग भी लगातार प्रदान किया जा रहा है।
क्यूब रूट फाउंडेशन का सराहनीय प्रयास
बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिंभावली पर क्यूब हाइवे संस्था द्वारा वित्तपोषित क्यूब रूट फाउंडेशन ने लगातार पांचवें माह 100 क्षय रोगियों को पोषण पोटलियां वितरित कींसंस्था के प्रतिनिधि रूपेश सिंह ने बताया "हमारी संस्था का प्रयास है कि किसी भी मरीज को पोषण की कमी के कारण इलाज में बाधा न आए। अब तक 1100 पोषण पोटलियां मरीजों तक पहुंचाई जा चुकी हैं और भविष्य में भी यह सेवा बिना रुके जारी रहेगी।"
डीएम अभिषेक पांडे का बयान
जिलाधिकारी अभिषेक पांडे ने कहा "क्षय रोग का उन्मूलन प्रधानमंत्री जी की प्राथमिकताओं में शामिल है। हापुड़ जनपद में इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर सराहनीय कार्य कर रही हैं। मरीजों को दवा के साथ-साथ पोषण और मानसिक सहयोग भी उतना ही आवश्यक है।"उन्होंने आगे कहा "क्यूब रूट फाउंडेशन द्वारा लगातार पांच माह से चलाया जा रहा पोषण सहयोग अभियान समाज के लिए प्रेरणादायक है। मैं जिले की अन्य संस्थाओं और औद्योगिक इकाइयों से अपील करता हूं कि वे भी इस मुहिम से जुड़कर ‘टीबी मुक्त भारत’ अभियान को सफल बनाने में योगदान दें।"
सीएमओ ने की अपील
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने संस्था के योगदान को सराहनीय बताते हुए कहा "टीबी का उन्मूलन केवल दवा से ही संभव नहीं है, इसके लिए मरीजों को उचित पोषण और मानसिक सहयोग भी चाहिए। क्यूब रूट फाउंडेशन द्वारा किया जा रहा कार्य अन्य संस्थाओं के लिए प्रेरणा है।"
टीबी के लक्षण और बचाव पर जागरूकता
कार्यक्रम के दौरान जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर सुशील चौधरी ने रोगियों और उनके परिजनों को टीबी से संबंधित विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को –
लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी,
खांसी में बलगम या खून आना,
वजन का घटना,
भूख कम लगना,
रात में पसीना आना,
लगातार हल्का बुखार रहना,
जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल में जांच करानी चाहिए।
सरकारी योजनाओं से मिल रहा लाभ
भारत सरकार की ओर से सभी टीबी मरीजों को निःक्षय पोषण योजना के तहत हर महीने 1000 रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि सीधे मरीज के बैंक खाते में भेजी जाती है। साथ ही सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच, दवा और उपचार पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध है।
मरीजों ने जताया आभार
पोषाहार प्राप्त करने वाले कई मरीजों और उनके परिजनों ने क्यूब रूट फाउंडेशन और स्वास्थ्य विभाग का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दवा के साथ-साथ उचित भोजन और पोषण सामग्री मिलने से उन्हें बीमारी से लड़ने की ताकत मिल रही है।
कार्यक्रम में रही खास मौजूदगी
इस अवसर पर वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक गजेंद्र पाल सिंह, वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक दुर्वेश कुमार और लैब टेक्नीशियन अमरजीत शर्मा भी उपस्थित रहे।
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