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Hardoi News: सीज अस्पताल के पीछे अग्निशमन अधिकारियों की गुप्त मुलाक़ात, भ्रष्टाचार की अटकलें तेज
Hardoi News: अग्निशमन विभाग के निरीक्षक, उप निरीक्षक और आरक्षी गुरुवार को एक सीज अस्पताल के पीछे बने घर में अस्पताल संचालकों से गुप्त मुलाकात करने पहुंचे।
सीज अस्पताल के पीछे अग्निशमन अधिकारियों की गुप्त मुलाक़ात (photo: social media )
Hardoi News: हरदोई में जिलाधिकारी अनुनय झा द्वारा स्वास्थ्य और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही को स्वीकार करते हुए शासन को कार्रवाई की रिपोर्ट भेजे जाने के बाद हड़कंप मच गया है। इसी बीच एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया है, जहां अग्निशमन विभाग के निरीक्षक, उप निरीक्षक और आरक्षी गुरुवार को एक सीज अस्पताल के पीछे बने घर में अस्पताल संचालकों से गुप्त मुलाकात करने पहुंचे।
इस गुप्त मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने अग्निशमन विभाग की कार्यप्रणाली और लापरवाही की पोल खोल दी है। जिस तरह से यह मुलाकात एक घर में हुई, उससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि अग्निशमन विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है। आरोप है कि इसी भ्रष्टाचार के दम पर 19 बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ किया गया था।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी अपने बयान से पलटे
गुप्त मुलाकात के बाद घर से बाहर निकलते समय, मीडिया को देख दमकल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अपना मुंह छिपाते नज़र आए। जिस घर में यह मुलाकात हुई, उस पर एक पीसीएस अधिकारी की नेम प्लेट लगी हुई थी। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने मीडिया से बात करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद इस मुलाकात की चर्चाएं शहर में आग की तरह फैल गईं। हर कोई दमकल विभाग और स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत पर सवाल उठा रहा है, जिसके चलते यह अस्पताल कथित तौर पर चल रहा था।
जब इस संबंध में मुख्य अग्निशमन अधिकारी महेश प्रताप सिंह से जानकारी ली गई, तो उन्होंने पहले कहा कि "घर में जाना गलत है"। हालांकि, बाद में वह अपने ही बयान से पलट गए और कहा कि "शायद नुकसान का आकलन करने के लिए टीम गई हो"। मुख्य अग्निशमन अधिकारी का यह बयान उनकी भूमिका पर भी सवाल खड़े करता है। यदि आग अस्पताल में लगी थी, तो नुकसान का आकलन अस्पताल के पीछे बने मकान में कैसे हो सकता था? और यदि अस्पताल सीज है और अंदर कोई अग्निशमन अधिकारी या कर्मचारी नहीं गया, तो आकलन किस बात का हो रहा था?
यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या अग्निशमन अधिकारी खुद को और अस्पताल संचालकों को बचाने के लिए कोई बैठक कर रहे थे। अब यह देखना होगा कि जब जिलाधिकारी स्वास्थ्य विभाग से लेकर अग्निशमन विभाग की लापरवाही बता चुके हैं, तो इन विभागों पर कब तक सख्त और कठोर कार्रवाई होगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई भी घटना दोबारा न घटे और बिना मानक पूरे हुए अस्पतालों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) न मिल सके।
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