Hardoi News: हजारों रोजगार सेवकों की दिवाली बिना मानदेय के सूनी, सरकार पर संवेदनहीनता के आरोप

Hardoi News: मानदेय न मिलने से रोजगार सेवक आर्थिक संकट में, आशीष सोमवंशी बोले– भाजपा सरकार की संवेदनहीनता से हजारों परिवारों की दिवाली सूनी।

Pulkit Sharma
Published on: 19 Oct 2025 8:44 PM IST
Thousands of employed workers sue for Diwali without honorarium, accuse government of insensitivity
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हजारों रोजगार सेवकों की दिवाली बिना मानदेय के सूनी, सरकार पर संवेदनहीनता के आरोप (Photo- Newstrack)

Hardoi News: प्रदेश भर में तैनात रोजगार सेवक इस बार भी दीपावली के त्योहार पर मायूस नज़र आ रहे हैं। लगातार दूसरे वर्ष मानदेय का भुगतान समय से न मिलने के कारण कई संविदा कर्मी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। स्थिति यह है कि त्योहार के अवसर पर जहां सरकारी कर्मचारियों को वेतन के साथ बोनस और अन्य सुविधाएं समय पर मिल गईं, वहीं योजनाओं को धरातल पर लागू कराने में दिन-रात मेहनत करने वाले रोजगार सेवक अब भी भुगतान की प्रतीक्षा में हैं।

पूर्व जिलाध्यक्ष और हरदोई सदर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रह चुके आशीष कुमार सिंह सोमवंशी ने रविवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार की बेरुखी और उपेक्षा के चलते हजारों परिवारों की दिवाली फीकी पड़ गई है। उन्होंने कहा कि स्थिति अब ऐसी हो चुकी है कि इन सेवकों के घरों में बुनियादी त्योहार खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है। बच्चों के लिए पटाखे और मिठाई लेना तो दूर, कई रोजगार सेवकों को अपने घरों में दीये जलाने तक के लिए पैसे जुटाना भारी पड़ रहा है।

संविदाकर्मी अधिकार यात्रा” निकाली जाएगी

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन स्तर पर भी इस मुद्दे की लगातार अनदेखी की जा रही है। शासन की महत्वाकांक्षी जनकल्याणकारी योजनाओं के संचालन में रोजगार सेवक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन जब भुगतान की बात आती है तो इन्हें उपेक्षित कर दिया जाता है। सोमवंशी ने कहा कि जिन अधिकारियों के निर्देशों का पालन यह संविदा कर्मी पूरी निष्ठा से करते हैं, वही अधिकारी भुगतान को लेकर चुप्पी साधे बैठे हैं।उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि दीपावली से ठीक पहले भुगतान जारी नहीं किया गया, तो त्योहारों के बाद ब्लॉक स्तर पर “संविदाकर्मी अधिकार यात्रा” निकाली जाएगी।

इस यात्रा के माध्यम से सरकार की संवेदनहीनता और भेदभावपूर्ण रवैये को जनता के सामने उजागर किया जाएगा। उनका कहना है कि प्रशासन विभिन्न मदों में धन का स्थानांतरण तो कर रहा है, परंतु संविदा कर्मियों के हक का मानदेय प्राथमिकता में नहीं रखा गया।सोमवंशी ने स्पष्ट कहा कि रोजगार सेवक किसी भी योजना की अंतिम कड़ी हैं, जिनके बिना सरकारी कार्यक्रम जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच सकते। बावजूद इसके इनके साथ सौतेला व्यवहार होना बेहद निराशाजनक है। उन्होंने मांग की कि शासन तुरंत प्रभाव से मानदेय जारी करे ताकि इन संविदा कर्मियों के घरों में दीपावली की खुशियां लौट सकें।

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