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Jhansi News: व्यापारियों की समस्याओं का किया जाएगा निदानः जीएसटी कमिश्नर
Jhansi News: व्यापारियों की ओर से कमिश्नर को अवगत कराया कि विभाग द्वारा ब्याज माफी की योजना के अंतर्गत धारा 73 में ही छूट मिल रही है जबकि धारा 74 में भी व्यापारियों को ब्याज माफी की छूट मिलना चाहिए।
व्यापारियों की समस्याओं का किया जाएगा निदानः जीएसटी कमिश्नर (Photo- Social Media)
Jhansi News: झांसी आज राज्य जीएसटी कर लखनऊ उत्तर प्रदेश के कमिश्नर नितिन बंसल ने जीएसटी कार्यालय पर उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल, कैट एवं संगठन की लीगल विंग और विभिन्न व्यापारियों के साथ एक बैठक की। इस अवसर पर कैट के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय पटवारी ने व्यापारियों की ओर से कमिश्नर को अवगत कराया कि विभाग द्वारा ब्याज माफी की योजना के अंतर्गत धारा 73 में ही छूट मिल रही है जबकि धारा 74 में भी व्यापारियों को ब्याज माफी की छूट मिलना चाहिए।
व्यापारियों का नहीं हो उत्पीड़न, समस्या का हो समाधान
सचल दल द्वारा झांसी में अगर किसी व्यापारी का माल पकड़ लिया जाता है तो बाहर के व्यापारी को झांसी में केस लड़ना पड़ता है जिससे व्यापारियों को सुविधा होती है इस विषय को लेकर व्यापारियों को केश ट्रांसफर करने की सुविधा प्रदान की जाए। व्यापारियों की सुविधा के लिए विभागीय आदेश अनुसार प्रत्येक मंडलीय कार्यालय पर व्यापारी सुविधा कक्षा होना चाहिए जो इधर नहीं है इस अभिलंब तैयार किया जाए।
एसआईबी/ ऑडिट आदेश अक्सर धारणाओं पर आधारित होते हैं और परिणामस्वरूप बढ़ी हुई मांगें होती हैं, जिनमें से कई अपील पर 90 प्रतिशत या उससे अधिक कम हो जाती हैं, जो योग्यता की कमी को दर्शाता है। करदाता अक्सर ऑडिट/एसआईबी कार्रवाई के दौरान भारी भरकम रिकॉर्ड और प्रतिक्रियाएँ मैन्युअल रूप से जमा करते हैं, लेकिन उन्हें कोई पावती या प्राप्ति जारी नहीं की जाती है। जीएसटी पंजीकरण अधिकारी अक्सर कानून के तहत निर्धारित नहीं किए गए दस्तावेज़ों की माँग कर रहे हैं, जिससे देरी हो रही है। कई मामलों में, आधार और पैन को फिर से मांगा जा रहा है, जबकि GST पंजीकरण दाखिल करने के समय GST पोर्टल द्वारा इन्हें मान्य किया गया है।
कुछ मामलों में, अधिकारियों ने अस्पष्ट स्पष्टीकरण जारी किए हैं, दस्तावेज़ माँगना भले ही यह अनिवार्य न हो जैसे कि व्यापार नाम का प्रमाण, सहमति पत्र स्वीकार न करना, यह तर्क देना कि गैर-रिश्तेदार सहमति पत्र जारी नहीं कर सकते, व्यापार नाम प्रतीक अधिनियम, 1950 के अनुसार नहीं है आदि। इस अवसर पर कमिश्नर राज्य जीएसटी ने कहा कि व्यापारियों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा जो भी नियम अनुसार संशोधन और कार्रवाई की जा सकती है वह अवश्य की जाएगी।
जीएसटी आयुक्त लखनऊ को दिया ज्ञापन
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल ने एक ज्ञापन भी कमिश्नर को दिया। बैठक में वीरेंद्र कुमार डिप्टी कमिश्नर ग्रेट 1 एवं कैट के प्रदेश महामंत्री कुलदीप सिंह दांगी, कैट के जिला अध्यक्ष अभिषेक सोनकिया, उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष पंकज शुक्ला, उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के लीगल विंग के अध्यक्ष सीए प्रकाश हिरवानी, सीए गौरव गुप्ता, सीए अंकित अग्रवाल, सीए शिवम अग्रवाल, दिलीप सिंघल, अजय चड्ढा, विवेक बाजपेई, कृष्णा राय, संजय सराफ, रिंकू राय, पराग गुप्ता, सोनू उपाध्याय, आरिफ मंसूरी, वीरेंद्र वर्मा, प्रताप सिंह बुंदेला, सीए गगन अग्रवाल, सीए विशाल अग्रवाल, सीए उज्जवल मोदी, सीए सागर रात्रि, विदित सेठ, आयुष गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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