Jhansi News: फर्जी मार्कशीट के फंदे में फंसे रेलवे के मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक, नौकरी पर खतरा!

Jhansi News: रेलवे में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां जाली मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे एक मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर) प्रदीप कुमार जैन की नौकरी अब खतरे में पड़ती दिख रही है।

B.K Kushwaha
Published on: 21 May 2025 7:17 PM IST
Jhansi News: फर्जी मार्कशीट के फंदे में फंसे रेलवे के मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक, नौकरी पर खतरा!
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Jhansi News: रेलवे में फर्जीवाड़े का एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां जाली मार्कशीट के सहारे नौकरी कर रहे एक मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक (चीफ हेल्थ इंस्पेक्टर) प्रदीप कुमार जैन की नौकरी अब खतरे में पड़ती दिख रही है। जन सूचना अधिनियम के तहत मांगी गई कुछ जानकारियों ने रेल प्रशासन की नींद खोल दी है, जिसके बाद उनके खिलाफ कड़ी जांच शुरू कर दी गई है।

जन सूचना से खुली पोल, विजिलेंस ने कसी कमर

जानकारी के मुताबिक, बी.पी. श्रीवास्तव और डी.एस. पिप्पल नामक दो व्यक्तियों ने उप महाप्रबंधक (सतर्कता) उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज को एक शिकायती पत्र भेजा था। इसमें बताया गया था कि झांसी स्थित उत्तर मध्य रेलवे चिकित्सालय में प्रदीप कुमार जैन जाली मार्कशीट के आधार पर स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं और रेलवे प्रशासन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इस शिकायत के बाद मंगलवार को विजिलेंस टीम ने मंडलीय रेलवे अस्पताल में अचानक छापा मारा। सूत्रों के अनुसार, इस मामले की जांच पहले विजिलेंस इंस्पेक्टर विष्णु कुमार कर रहे थे, लेकिन अब उन्हें हटाकर दूसरे विजिलेंस इंस्पेक्टर को जांच की ज़िम्मेदारी सौंप दी गई है। यह बदलाव मामले की गंभीरता को दर्शाता है। रेल प्रशासन ने 8 जून 2007 से ही मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक जैन के प्रमोशन पर रोक लगा रखी थी, जिससे इस फर्जीवाड़े की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से मांगा मार्कशीट का ब्योरा

जन सूचना अधिनियम के तहत मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक ए.के. जैन के मामले में मांगी गई जानकारी को उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज के उपमुख्य सतर्कता अधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत आईटीआई वेबसाइट के माध्यम से 24 अप्रैल 2025 को प्राप्त आवेदन के आधार पर उत्तर मध्य रेलवे का सतर्कता विभाग जांच कर रहा है। रेलवे प्रशासन ने अब बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (बुविवि), झांसी को एक पत्र भेजकर मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक पी.के. जैन की मार्कशीट का पूरा विवरण मांगा है।

क्या है कारनामा? फर्जीवाड़े की परतें

शिकायत में प्रदीप कुमार जैन की मार्कशीटों को लेकर कई गंभीर अनियमितताएं उजागर की गई हैं:

प्रथम मार्कशीट (बीएससी द्वितीय वर्ष): रोल नंबर 27531, डीवी कॉलेज, उरई केंद्र से वर्ष 1988 में विभाग को प्रस्तुत की गई। इसमें कुल प्राप्तांक 264 हैं, लेकिन अंक सूची में कुल योग 267 कैसे दर्शाया गया है, यह संदिग्ध है।

द्वितीय अंक सूची (बीए द्वितीय वर्ष): वर्ष 1986 में जारी रोल नंबर 23534 की है।

तृतीय अंक सूची (बीएससी द्वितीय वर्ष): रोल नंबर 60456, वर्ष 1988 में डीवी कॉलेज, उरई से ही जारी की गई, जिसमें प्राप्तांक 264 हैं।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से इन अंक सूचियों की जांच कराए जाने पर पता चला कि जैन ने वर्ष 1986 में बीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, एक ही सत्र वर्ष 1988 में बीएससी द्वितीय वर्ष की परीक्षा में एक ही केंद्र डीवी कॉलेज उरई से दो अलग-अलग रोल नंबर 27531 और 60456 से सम्मिलित होने की मार्कशीट विभाग को प्रेषित की है। हैरानी की बात यह है कि इन रोल नंबरों की मार्कशीट बुविवि के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

नौकरी के दौरान पढ़ाई पर भी सवाल

एक और बड़ा सवाल यह है कि जैन वर्ष 1986 से मार्च 1989 तक लगातार ग्वालियर स्टेशन पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, झांसी के आदेशानुसार सब्सीट्यूट सैनिटरी सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत रहे हैं। ऐसे में ग्वालियर में कार्यरत रहते हुए उन्होंने उरई के डीवी कॉलेज से वर्ष 1988 और 1989 में बीएससी की परीक्षा संस्थागत रहकर कैसे दी, यह अपने आप में हास्यास्पद है। बताया गया है कि मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक जैन रेलवे प्रशासन को पहले ही यह लिखकर दे चुके हैं कि उनके मूल प्रमाण पत्र खो गए हैं। उन्होंने विभाग से अपने पूर्व में प्रस्तुत प्रमाण पत्रों की वर्ष और रोल नंबर से अवगत कराने का अनुरोध किया था, ताकि वे दूसरी प्रमाण पत्र बनवा सकें। उनका यह कृत्य भी संदेह के घेरे में है। इस मामले में जांच आगे बढ़ने के साथ ही रेलवे प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती है कि वह अपने भीतर चल रहे ऐसे फर्जीवाड़े पर कैसे नकेल कसता है।

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Harsh Srivastava

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Harsh Shrivastava is an enthusiastic journalist who has been actively writing content for the past one year. He has a special interest in crime, politics and entertainment news. With his deep understanding and research approach, he strives to uncover ground realities and deliver accurate information to readers. His articles reflect objectivity and factual analysis, which make him a credible journalist.

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