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Jhansi News: झाँसी विश्वविद्यालय में CIFOR–ICRAF प्रमुख, कृषि-वानिकी और जलवायु पर गहन चर्चा
Jhansi News: मुख्य अतिथि डॉ रॉबर्ट नासी ने छात्र-छात्राओं के अंतर्राष्ट्रीय पर बल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के वानिकी के विद्यार्थियों को प्रायोगिक शिक्षा हेतु नैरोबी (केन्या) एवं बोगोर (इंडोनेशिया) स्थित अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में भेजा जाएगा।
Rani Laxmi Bai CAU Jhansi (photo: social media )
Jhansi News: रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में आज अंतर्राष्ट्रीय वानिकी अनुसंधान केंद्र–कृषि वानिकी अनुसंधान (CIFOR–ICRAF) के महानिदेशक एवं निदेशक विज्ञान डॉ रॉबर्ट नासी का भव्य स्वागत किया गया। उनके साथ संस्थान के वरिष्ठ सलाहकार डॉ रवी प्रभु और भारत निदेशक डॉ मनोज दाबस भी उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि डॉ रॉबर्ट नासी ने छात्र-छात्राओं के अंतर्राष्ट्रीय पर बल देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के वानिकी के विद्यार्थियों को प्रायोगिक शिक्षा हेतु नैरोबी (केन्या) एवं बोगोर (इंडोनेशिया) स्थित अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में भेजा जाएगा। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों, सतत् कृषि-वानिकी के महत्व और अनुसंधान आधारित नवाचारों की भूमिका पर विस्तार से विचार रखे।
प्रक्षेत्र भ्रमण और कृषि-वानिकी मॉडल की सराहना
विश्वविद्यालय प्रक्षेत्र भ्रमण के दौरान अतिथियों ने मिलिया, गम्हार, कदम, एलेन्थस तथा समेकित कृषि प्रणालि मॉडल का अवलोकन कर प्रशंसा की। इस अवसर पर निदेशक सीआईएफओआर-आईसीआएएफ भारत डॉ मनोज दाबस ने भारतीय परिप्रेक्ष्य में CIFOR–ICRAF की गतिविधियों एवं विश्वविद्यालय के साथ संभावित सहयोग की रूपरेखा प्रस्तुत की। सीआईएफओआर- आईसीआरएएफ के वरिष्ठ सलाहकार डॉ रवि प्रभु ने अपने अनुभव साझा किये और वानिकी व कृषि वृक्षारोपण कृषि वानिकी क्षेत्र की प्रासंगिकता पर विचार रखें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि “विश्वविद्यालय लगातार अपने शैक्षणिक व अनुसंधान प्रयासों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर से जोड़ने का कार्य कर रहा है। यह सहयोग बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों और छात्रों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”
निदेशक शोध डॉ एसके चतुर्वेदी ने अंतर्राष्ट्रीय संस्थान के साथ मिलकर कृषि वानिकी और वानकी में शोध करने की बात कही,साथ ही विश्वविद्यालय में स्थापित जैव विविधता पार्क को अंतरराष्ट्रीय केंद्र के साथ मिलकर सुदृढ़ करने पर सहयोग का आवाहन किया।
इस अवसर पर डॉ नासी और अन्य गणमान्य अतिथियों को कुलपति एवं वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा स्मृति चिन्ह, विश्वविद्यालय उत्पाद एवं अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया गया। विश्वविद्यालय परिवार ने उन्हें प्रायोगिक कार्यों और अनुसंधान गतिविधियों से अवगत कराया। डॉ. मनीष श्रीवास्तव (डीन, बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय) व डॉ. एमजे डोबरियाल (एसोसिएट डीन, वानिकी संकाय) ने चल रहे अनुसंधान एवं प्रशिक्षण कार्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के निदेशक शिक्षा डॉ. अनिल कुमार, अधिष्ठाता कृषि डॉ. आरके सिंह, कुलसचिव डॉ. एसएस कुशवाह, डॉ. योगेश्वर सिंह सहित कई अधिकारी, वैज्ञानिक व शिक्षक उपस्थित रहे।
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