Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. सान्तनु कुमार स्वाईं बने सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति

Varanasi News: उनके नेतृत्व में बीएचयू का शिक्षा संकाय न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर हुआ।

Ajit Kumar Pandey
Published on: 8 Aug 2025 8:03 AM IST
Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. सान्तनु कुमार स्वाईं बने सिक्किम विश्वविद्यालय के कुलपति
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Varanasi News: सक्किम विश्वविद्यालय की विजिटर और भारत की माननीय राष्ट्रपति ने प्रोफेसर सान्तनु कुमार स्वाईं को 07 अगस्त 2025 को सिक्किम विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया है। यह न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय उच्च शिक्षा जगत के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि प्रो. स्वाईं एक ऐसे शिक्षाविद् हैं जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में चार दशकों से अधिक का लंबा, समर्पित और प्रेरणादायी योगदान दिया है।

प्रो. स्वाईं की अकादमिक यात्रा उत्कृष्टता और नेतृत्व की मिसाल रही है। वर्ष 2007 में उन्होंने भारत के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में बतौर प्रोफेसर ज्वाइन किया। इसके बाद, उन्होंने निरंतर प्रगति करते हुए विश्वविद्यालय में शिक्षा संकाय की विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ निभाईं। जून 2020 से मई 2023 तक वे बीएचयू के शिक्षा संकाय के हेड एण्ड डीन के रूप में कार्यरत रहे। इस अवधि के दौरान उन्होंने शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान, नवाचार, और शिक्षक प्रशिक्षण जैसे क्षेत्रों में कई उल्लेखनीय पहलें कीं।

उनके नेतृत्व में बीएचयू का शिक्षा संकाय न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में अग्रसर हुआ। उन्होंने शिक्षा में नवाचार, अनुसंधान-संवर्धन और मूल्य-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देने का कार्य किया। उनका मानना है कि शिक्षा केवल ज्ञान का संचरण नहीं, बल्कि समाज के समग्र विकास का माध्यम होनी चाहिए।

प्रो. स्वाईं मूल रूप से उड़ीसा राज्य से आते हैं, और उन्होंने अपनी जड़ों से जुड़ाव को कभी नहीं छोड़ा। उनके व्यवहार में विनम्रता, दृष्टिकोण में दूरदर्शिता, और कार्यशैली में अनुशासन का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने लगभग 40 वर्षों तक विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए अकादमिक, प्रशासनिक और नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। चाहे वह शिक्षक के रूप में कक्षा में ज्ञान देना हो या संस्थान के नीति-निर्माण में योगदान देना, हर भूमिका में उन्होंने उत्कृष्टता का परिचय दिया है।

सिक्किम विश्वविद्यालय जैसे उभरते हुए केन्द्रीय विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति से यह अपेक्षा की जा रही है कि वे अपने अनुभव, नेतृत्व क्षमता और शिक्षाशास्त्रीय दृष्टिकोण के माध्यम से संस्थान को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएंगे। सिक्किम जैसे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करना न केवल स्थानीय विद्यार्थियों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि यह क्षेत्रीय संतुलन और समावेशी विकास की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रो. सान्तनु कुमार स्वाईं का जीवन और कार्यशैली यह स्पष्ट संकेत देती है कि जब किसी शिक्षाविद् में गहरी निष्ठा, सामाजिक सरोकार और अकादमिक प्रतिबद्धता का संगम होता है, तो वह शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन का वाहक बन सकता है। उनका यह नया कार्यकाल निश्चित रूप से देश के शिक्षा परिदृश्य में एक नई ऊर्जा और दिशा लेकर आएगा।

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