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Jhansi News: ऑपरेशन कन्विक्शनः झांसी में अपराधियों पर नकेल, 23 महीनों में 1220 को मिली सजा
Jhansi News: 64 अपराधियों को आजीवन कारावास, 17 अपराधियों को बीस साल का कारावास, 79 अपराधियों को दस साल का कारावास और 72 अपराधियों को पांच साल का कारावास हुआ है।
ऑपरेशन कन्विक्शनः झांसी में अपराधियों पर नकेल (photo: social media )
Jhansi News: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरु किए गए ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के अंतर्गत झांसी पुलिस ने हत्या, दुष्कर्म, पॉक्सो, दहेज हत्या, लूट, डकैती, अपहरण जैसे जघन्य अपराधों में एक जुलाई 2023 से 30 जून 2025 (23 माह) में 1220 अपराधियों को सजा दिलाई है। इनमें 64 अपराधियों को आजीवन कारावास, 17 अपराधियों को बीस साल का कारावास, 79 अपराधियों को दस साल का कारावास और 72 अपराधियों को पांच साल का कारावास हुआ है।
पुलिस की ओर से इस दौरान पॉक्सो/ बलात्कार से संबंधित 50 मुकदमें, सनसनीखेज अभियोग से संबंधित 360 मुकदमें, चिन्हित माफियाओं से संबंधित चार मुकदमें, गौवध अधिनियम से संबंधित तीन मुकदमे, नारकोटिक्स एक्ट से संबंधित 26 मुकदमें व अन्य मामले से जुड़े 425 मुकदमें यानी कुल 839 मुकदमों में से 1220 अपराधियों को सजा दिलाई गई है।
अपराधियों को उनके अपराध के अनुसार सजा मिले
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति का कहना है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। प्राथमिकता यही रहेगी कि पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिले। अपराधियों को उनके अपराध के अनुसार सजा मिले। प्रभावी पुलिसिंग से न केवल अपराध पर अंकुश लगत है, बल्कि पीड़ितों का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। समय पर सजा कराने के लिए पुलिस ने दर्ज मुकदमें में समयबद्ध जांच पूरी कर साक्ष्यों को मजबूती से कोर्ट में प्रस्तुत किया। इससे न सिर्फ पीड़ितों को समय पर न्याय मिला, बल्कि समाज में कानून व्यवस्था के प्रति भरोसा भी बढ़ा है।
क्या है ऑपरेशन कन्विक्शन
अपराध होने के बाद आरोपी के दोषी साबित होने और उसे सजा मिलने तक की प्रक्रिया बहुत लंबी है। कई केस में आरोपी सजा का एलान होने तक वह बुजुर्ग हो जाता है। कई बार समय पर पैरवी नहीं होने से अपराधी बच निकलते हैं। पीड़ित भी लंबे समय तक इंसाफ की आस में बैठा रहता है। समस्या से निपटने के लिए यूपी सरकार ने ऑपरेशन कन्विक्शन की शुरुआत की थी। इसमें दुष्कर्म, हत्या, लूट, डकैती सहित कई प्रमुख अपराधों का शामिल किया गया है।
प्रभावी पैरवी कर अपराधियों को समयबद्ध सजा दिलाना
संबंधित मुकदमों की पहचान करने के बाद प्रभावी पैरवी कर अपराधियों की समयबद्ध सजा दिलाना है। प्रत्येक जिले में एक अभियोजन और मॉनिटरिंग सेल की स्थापना की गई हैं, जिन्हें अपने जिले के अंतर्गत सभी अभियोगों की पैरवी के लिए उत्तरदायी बनाया गया है। थानास्तर पर प्रत्येक थाने में अभियोजन सेल का गठन किया गया है, जो प्रतिदिन गवाहों की उपस्थित, गवाहों के बयान कराए जाने के लिए उत्तरदायी है।
सबसे कम समय में पॉक्सो एक्ट में बीस साल का कारावास
न्यायालय स्पेशल पॉक्सो एक्ट ने मासूम बच्ची के साथ बलात्कार करने के आरोप में अभियुक्त राजू खंगार निवासी पलेरा टीकमगढ़ को दोषी पाया था। इस आधार पर अभियुक्त को बीस साल का कारावास और एक लाख दस हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया था। मालूम हो कि सदर बाजार निवासी एक व्यक्ति ने 14 अगस्त 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि एक व्यक्ति ने उसकी मासूम बच्ची के साथ बलात्कार किया है। इस आधार पर सदर बाजार पुलिस ने आरोपी राजू खंगार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। 21 अगस्त 2024 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। 9 दिसंबर 2024 को अदालत ने फैसला सुनाया था। यानि चार माह से कम समय में फैसला हुआ था।
अभियोगवार आंकड़े
अपराध का प्रकार मुकदमें की संख्या
पॉक्सो एक्ट 43
दुष्कर्म सात
हत्या/दहेज हत्या 57
लूट/डकैती 63
चिन्हित माफिया 04
गौवध अधिनियम तीन
चोरी/ग्रहभेदन 70
नारकोटिक्स 26
अन्य 566
कुल 839
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