भक्ति या बवाल? यूपी में कांवड़ यात्रा के नाम पर सड़क पर तांडव, पुलिस के 'Zero' एक्शन पर खड़ा हुआ सवाल

Kanwar Yatra 2025, UP News: सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में कावड़ियों की ओर से यात्रा के नाम पर बीच सड़क उपद्रव और तांडव से जुड़ी तस्वीरें सामने आईं।

Hemendra Tripathi
Published on: 15 July 2025 2:55 PM IST
Kanwar Yatra 2025, UP News
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Kanwar Yatra 2025, UP News

Kanwar Yatra 2025, UP News: सावन मास की शुरुआत से भगवान शिव की भक्ति के लिए कावड़ियों का सैलाब हर साल की तरह इस साल भी देश की हर छोटी बड़ी सड़कों, चौराहों और हाइवे पर देखने को मिला। इन्हीं कावड़ियों की सुरक्षा के साथ साथ कावड़ यात्रा की व्यावस्थाओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सरकारी अफसरों को कावड़ यात्रा में किसी प्रकार का अवरोध न पैदा हो, इसके लिए कड़े निर्देश दिए। एक ओर उत्तर प्रदेश पुलिस कावड़ियों की सुरक्षा व कावड़ यात्रा की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगी हुई है तो वहीं, दूसरी ओर से कावड़ियों के जगह जगह उपद्रव के मामले भी तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं।

सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में कावड़ियों की ओर से यात्रा के नाम पर बीच सड़क उपद्रव और तांडव से जुड़ी तस्वीरें सामने आईं। हाल की में उत्तराखंड में कावड़ियों ने एक दुकान में तोड़फोड़ पर उपद्रव किया, जिसके बाद पुलिस ने 2 कावड़ियों को गिरफ्तार किया। लेकिन अब उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से कावड़ियों के उपद्रव पर दिखाई जा रही नरमी पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा करने लगी है।

पहले जानिए! यूपी के किन किन जिलों में कावड़ियों ने मचाया उपद्रव

1- मेरठ: शिवभक्ति के नाम पर सड़क किनारे दुकानदार को पीटा गया, जब उसने सामान मुफ्त देने से इनकार किया। वीडियो वायरल होने के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं। मेरठ के थाना सदर बाजार क्षेत्र में भी कांवड़ियों ने स्कूल बस पर हमला कर दिया। टक्कर के आरोप में गुस्साए कांवड़ियों ने बस के शीशे तोड़ दिए। तोड़फोड़ के दौरान एक कांवड़िया घायल हो गया।

2- मुजफ्फरनगर: हाईवे पर वाहन फंसे थे। कांवड़ियों ने जाम के बीच गाड़ी निकालने की कोशिश कर रहे एक कार चालक से मारपीट कर दी।

3- लखनऊ: DJ की ऊंची आवाज से परेशान लोगों ने विरोध किया तो उन्हें धमकाया गया। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन समझाकर लौट गई।

4- गाज़ियाबाद: कांवड़ियों के जत्थे ने बाइक पर स्टंट किया और महिला कार चालक से बदतमीजी की। कोई कार्रवाई नहीं।

5- बलरामपुर और बरेली: कई जगह कांवड़ियों ने दुकानों में जबरन घुसकर सामान की मांग की। मना करने पर गाली-गलौज और हाथापाई।

6- बरेली: दुकानों से जबरन सामान छीनने की कोशिश की गई।

7- बलरामपुर: DJ की शिकायत पर युवक को पीटा गया।

8- प्रतापगढ़: बाइक सवारों की भीड़ ने वाहन रोककर उत्पात मचाया गया।

9- कुशीनगर: हाईवे पर अराजक डांस करते हुए महिला यात्रियों से बदसलूकी की गई।

10- कानपुर: अस्पताल के पास तेज़ DJ पर रोकने पर नर्स से विवाद किया गया।

11- रामपुर: मस्जिद के सामने जानबूझकर तेज़ संगीत बजाने पर तनाव की स्थिति पैदा हुई।

12- फतेहपुर: एक पुलिसकर्मी को ही भीड़ ने धक्का दिया गया।

13- शामली: प्रशासनिक मना करने पर DJ वालों का उत्पात सामने आया।

14- अमेठी: कांवड़ियों ने चलती बस पर हमला किया गया, जिसमें यात्री घायल हुए।

15- जौनपुर: एक मेडिकल स्टोर में जबरन घुसकर सामान माँगा गया।

16- हाथरस: एक स्कूल के बाहर हुड़दंग, बच्चों को घर भेजा गया।

17- फिरोजाबाद: जुलूस के दौरान बिजली के तार खींचकर तोड़े गए।

18- हरदोई: गांव में धार्मिक स्थल पर ज़बरदस्ती घुसने की कोशिश की गई।

19- सुल्तानपुर: कांवड़ियों ने रास्ता रोकने पर ट्रक ड्राइवर की पिटाई की गयी।

20- सहारनपुर: स्टंट करते समय गिरने के बाद मेडिकल स्टाफ पर हमला किया गया।

इन जिलों के अलावा प्रदेज़ह के अन्य कई ऐसे जिले हैं, जहां कावड़ियों की ओर अराजकता व उपद्रव किया गया। इन घटनाओं ने साफ कर दिया है कि शिवभक्ति के नाम पर कुछ समूह 'धर्म के नाम पर दबंगई' कर रहे हैं। इतनी घटनाओं के बावजूद इनपर कोई कार्रवाई न होना ये साफ करता है कि प्रशासन 'शांति बनाए रखने' की आड़ में इन्हें छूट दे रहा है।

हरिद्वार में मचाया उत्पात, दो कांवड़िए गिरफ्तार

सबसे ताजा मामला उत्तराखंड के हरिद्वार से सामने आया है, जहाँ रविवार को कुछ कांवड़ियों की ओर से सार्वजनिक सड़कों पर उत्पात मचाने और ऑटो व बाइक तोड़ने का वीडियो वायरल हुआ। घटना की पुष्टि होते ही हरिद्वार पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण (SP देहात) के अनुसार, अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।

यूपी में अब तक सिर्फ दिखावे की 'सख्ती', पुलिस लाचार

वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में भी कांवड़ियों की ओर से ट्रैफिक नियमों की अवहेलना, ध्वनि प्रदूषण, सड़कों पर कब्जा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के मामले सामने आए हैं। खासकर मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, गाज़ियाबाद, लखनऊ और बलरामपुर जैसे जिलों से कई वीडियो और रिपोर्ट्स सामने आई हैं, जिनमें देखा गया कि कांवड़ यात्रा में भाग ले रहे लोग तेज़ आवाज़ में डीजे बजा रहे हैं, हाईवे और सड़कों पर बिना अनुमति तंबू और पड़ाव बना दिए गए हैं, राह चलते लोगों और दुकानदारों से बदतमीज़ी की जा रही है।

इतना कुछ होने के दौरान ट्रैफिक पुलिस तक कई जगह बेबस नजर आई। लेकिन इन घटनाओं के बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से अब तक कोई स्पष्ट सख्त कार्रवाई सामने नहीं आई। केवल सुरक्षा और सुविधा के नाम पर फोर्स की तैनाती की जा रही है, जबकि नियमों की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं।

सवालों के घेरे में यूपी पुलिस की 'नरमी'

उत्तराखंड में जहाँ दो कांवड़ियों की गिरफ्तारी ने यह संदेश दिया कि आस्था के नाम पर अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी, वहीं यूपी में पुलिस की सॉफ्ट अप्रोच पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी दलों और सोशल मीडिया यूज़र्स लगातार इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगा रहे हैं कि कांवड़ यात्रा को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है इसलिए नियम तोड़ने वालों पर हाथ डालने से पुलिस भी हिचकती है।

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Priya Singh Bisen

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Content Writer

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