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मेरी तरह तू भी लुटा बहार में..., आजम खान ने भावुक हो इरफान सोलंकी को लगाया गले
Azam Khan News: पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से मुलाकात के दौरान आजम खान भावुक हो गये। उन्होंने एक शेर के जरिए अपने मन की बात को सामने रखा।
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Azam Khan News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी ने रामपुर में मुलाकात की। इरफान पत्नी नसीम सोलंकी के साथ आजम खान से मिलने पहुंचे थे। पूर्व विधायक इरफान सोलंकी से मुलाकात के दौरान आजम खान भावुक हो गये। उन्होंने एक शेर के जरिए अपने मन की बात को सामने रखा। आजम ने शेर पढ़ते हुए कहा कि ‘एक गुल-ए-फशूला लगा लूं तुझे गले, मेरी तरह से तू भी लुआ है बहार में’। शेर कहने के बाद आजम खान ने तुरंत इरफान सोलंकी को गले लगा लिया। मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के साथ जेल में बिताए मुश्किल समय को साझा किया।
आजम खान के साथ पारिवारिक रिश्तेः इरफान सोलंकी
सपा के कद्दावर नेता आजम खान से भेंट करने पर इरफान सोलंकी ने कहा कि उनके परिवार के साथ हमारे पारिवारिक रिश्ते है। पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी आजम खान के साथ ही विधायक रहे हैं। वह हमारे वालिद की तरह हैं। इरफान ने आगे कहा कि हमारे परिवार में मैं और मेरा भाई काफी दिनों तक जेल में रहे। वहीं आजम खान के साथ ही उनका बेटा अब्दुल्ला आजम और पत्नी को भी जेल जाना पड़ा। आजम खान ने आरोप लगाते हुए कहा कि जेल में हमारे साथ अमानवीय बर्ताव किया गया है। इस बारे में आजम खान और मैं पहले भी बता चुके हैं।
भावुक हो गये आजम खान
इरफान सोलंकी से मुलाकात के दौरान आजम खान भावुक हो गये। उन्होंने घर पहुंचे इरफान को गले से लगा लिया। इरफान के साथ राजनीतिक सलाहकार सरताज अरवर भी पहुंचे। आजम खान से भेंट करने के बाद इरफान सोलंकी मुरादाबाद के बेलारी विधायक मोहम्मद फहीम के घर भी पहुंचे।
इरफान से व्यक्तिगत रिश्तेः आजम
इरफान सोलंकी के रामपुर पहुंचने पर आजम खान से जब पत्रकारों ने पूछा कि इस मुलाकात के सियासी मकसद हैं? इस बार आजम खान ने कहा कि सबकुछ कह सकते हैं। जब राजनीतिक लोग मुलाकात करते हैं तो फिर जाहिर है कि कुछ न कुछ राजनीतिक मकसद होता है। हालांकि इरफान सोलंकी के साथ व्यक्तिगत रिश्ते भी हैं। उनके वालिद मुश्ताक सोलंकी से मेरा ताल्लुक रहा है। मुश्ताक सोलंकी के इंतकाल पर भी मैं पहुंचा था। मैंने अपनी जिंदगी में किसी भी जनाजे में इतनी भीड़ नहीं देखी थी। हमारे यहां तो यह कहा जाता है कि अगर जनाजे में 40 लोग भी शामिल हो जाएं तो जन्नत मिलती है।
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