कौन कहता है किताबें वजूद खो रही, एक अच्छी किताब दिलों की धड़कन बन जाती है

बलरामपुर गार्डन लखनऊ में 22वां राष्ट्रीय पुस्तक मेला तीसरे दिन भी भीड़भाड़ भरा रहा, नई किताबें, विमोचन और कवि सम्मेलन रहे आकर्षण का केंद्र।

Newstrack Desk
Published on: 6 Sept 2025 9:33 PM IST
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Lucknow Book Fair 2025: अमेरिकन गॉड्स के लेखक नील गैमन का यह कथन आज भी मौजूं है कि "कौन कहता है किताबें वजूद खो रही हैं? एक अच्छी किताब दिलों की धड़कन बन जाती है।" वह कहते हैं कि अच्छी किताबें कभी पुरानी नहीं होतीं, वे हमेशा हमारे दिलों के करीब रहती हैं। कई लोग सोचते हैं कि डिजिटल युग में किताबों की ज़रूरत खत्म हो गई है, लेकिन वास्तव में, एक बेहतरीन किताब आज भी दिल को छू जाती है और जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाती है।लखनऊ के अशोक मार्ग पर बलरामपुर गार्डन में चल रहे 22वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का तीसरा दिन उत्सवी माहौल लिए भीड़ भरा रहा। पुस्तक प्रेमी मनपसंद किताबों में उलझे दिखायी दिये। चौथे दिन के कार्यक्रमों में कल कई चर्चित किताबों का विमोचन होगा।


यहां नयी किताबों में राजकमल प्रकाशन समूह चार्ली चैप्लिन की आत्मकथा, सीमा कपूर की यूं गुजरी अब तलक, जावेद अख्तर की सीपिया, गुलज़ार के 500 गीतों का संग्रह गुनगुनाएं और अनूपमणि त्रिपाठी की व्यंग्य पुस्तक सांपों की सभा पाठकों को पसन्द आ रही हैं। प्रभात प्रकाशन स्टाल पर असली जासूसी दुनिया से एफबीआई जासूसी के कौतुकपूर्ण कारनामे, सीआईए के अनसुने सच, केजीबी के अनसुने सच जैसी एन चोक्कन की कई किताबों के संग और अपराधिक पृष्ठभूमि से उपजी सच्ची घटनाओं से बृजलाल की डेढ़ बिस्वां जमीन आम पाठकों की पसंद में सबसे आगे हैं। मेले में अपूर्व शाह एक इंची भगवद्गीता लाएं हैं तो दिव्यांश पब्लिकेशंस में सबसे बड़ा आठ खण्डों और करीब चार हजार पृष्ठों का ओशो गीता दर्शन का नया संस्करण भी लोगों का ध्यान खींच रहा है। नीरज बताते हैं आचार्य चतुरसेन की वयं रक्षाम:, वैशाली की नगरवधू, भगत सिंह की मेरी जेल डायरी तथा हिन्द युग्म की किताबों में विनोद कुमार शुक्ल की दीवार में एक खिड़की, केवल जड़ें हैं, मानव कौल की संयम दिव्यप्रकाश दुबे की यार पाप, अक्टूबर जंक्शन, और शुगर डैडी अधिक बिक रही हैं।


आज कार्यक्रमों में

नवसृजन संस्था का काव्य समारोह नरेन्द्र भूषण, आचार्य ओम नीरव, डा.शिव मंगल सिंह, रवींद्रनाथ तिवारी, डा.सत्यदेव प्रसाद द्विवेदी पथिक श्री राजेश द्विवेदी, हरि प्रसाद अग्रवाल, चन्द्रपाल सिंह, त्रिवेणी प्रसाद, उपेन्द्र वाजपेयी

की उपस्थिति में अनिल किशोर शुक्ल निडर की वाणी वन्दना से आरम्भ हुआ। कार्यक्रम में डा.योगेश, मन्जू सक्सेना एवं देवेश द्विवेदी देवेश द्वारा संपादित साझा काव्य-संग्रह "वह तुम हो" के रचनाकारों का काव्यपाठ हुआ। समाज की विसंगतियों को रेखांकित डा.वीना उदय रचित काव्य संग्रह निनाद पर चली परिचर्चा में डा.दिनेश चन्द अवस्थी, सुधाकर अदीब, समीक्षक पद्म कांत शर्मा प्रभात, सौम्या मिश्रा, संदीप अनुरागी, डा.अमिता दुबे, डा.उदय प्रताप सिंह व संचालक डॉ.अर्चना सिंह ने विचार व्यक्त किये। डा.इंजीनियर मनोज श्रीवास्तव की 60 वर्ष की काव्य यात्रा पुस्तक विमोचन के अवसर पर उनके साथ गिरीश गुप्ता, महेश अस्थाना, डण्डा लखनवी, राजीव वर्मा वत्सल, जगन्नाथ सिंह, ज्योति किरन रतन व रश्मि सिंह आदि ने विचार रखे। शायर संजय मिश्रा शौक़ की अध्यक्षता में चले दिव्यांश और सर्वोदय प्रचार प्रसार ट्रस्ट के कार्यक्रम में श्री जय नारायण मिश्र पी. जी. कॉलेज के प्राचार्य डा. विनोद चंद्र की उपस्थिति में संयोजक सोमनाथ कश्यप, संचालक धीरज मिश्र, अनुपम श्रीवास्तव, अमित अवस्थी, बलवंत सिंह, हर्षित मिश्र, ज्ञान प्रकाश आकुल, आदर्श सिंह निखिल, चंद्रेश शेखर आदि ने काव्य पाठ किया।


निःशुल्क प्रवेश और 14 सितंबर तक रोज सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चलने वाले मेले में खरीदी गई हर पुस्तक पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

पुस्तक मेले के सहयोगी संस्थान यूपी मेट्रो, रेडियोसिटी, ओरिजिंस, किरण फाउंडेशन, ज्वाइन हैंड्स फाउंडेशन, लोकआंगन और विश्वम् फाउंडेशन्स है।

आज के कार्यक्रम 7 सितंबर

पूर्वाह्न 11:00 बजे मीडिया फाउंडेशन का लोकार्पण समारोह

अपराह्न 1:45 बजे रहीस सिंह की पुस्तक कैकेयी के राम का विमोचन

अपराह्न 2:30 बजे मालिनी अवस्थी की पुस्तक चंदन किवाड़ का विमोचन

अपराह्न 3:30 बजे फ्लाइट ड्रीम पब्लिकेशन का पुस्तक लोकार्पण

शाम 5:00 बजे चित्रकार सुखबीर सिंहल की किताब का विमोचन

शाम 7.00 बजे अपराजिता संस्था का सांस्कृतिक कार्यक्रम

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