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Lucknow: ऑनलाइन गेमिंग बना मौत का कारण! 14 वर्षीय बच्चे की आत्महत्या का खुलासा, झारखंड से आरोपी गिरफ्तार
Lucknow News: "लखनऊ में 14 वर्षीय बच्चे ने फ्री फायर मैक्स ऑनलाइन गेमिंग ठगी के बाद आत्महत्या की। आरोपी सनत गोराई को झारखंड से गिरफ्तार किया गया, लाखों की रकम बरामद।
Lucknow News: लखनऊ के मोहनलालगंज में ऑनलाइन गेमिंग, ठगी सुर आत्महत्या से जुड़ा एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था, जहां ऑनलाइन गेमिंग की लत ने 14 वर्षीय किशोर की जान ले ली। फ्री फायर मैक्स गेम खेलते-खेलते किशोर ठगी का शिकार हुआ और लगभग 13 लाख रुपये गंवाने के बाद आत्महत्या कर ली। मामले की गंभीरता को देखते हुए लखनऊ की मोहनलालगंज पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए झारखंड के पूर्वी सिंहभूम से शातिर आरोपी सनत गोराई को गिरफ्तार किया। उसके पास से 4.71 लाख रुपये नगद, लैपटॉप, मोबाइल, एटीएम कार्ड व डिजिटल वॉलेट की रकम बरामद हुई। जांच में पता चला कि आरोपी बच्चों को गेमिंग आईडी और इन-ऐप पर्चेज का लालच देकर लाखों रुपये ऐंठता था।
गेमिंग के जाल में फंसा था मासूम, ठगी होने के बाद की आत्महत्या
बीते 15 सितंबर को लखनऊ के धनुवासांड गांव के रहने वाले 14 वर्षीय यश कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद परिजनों ने जब बैंक स्टेटमेंट देखा तो लाखों रुपये की संदिग्ध निकासी का खुलासा हुआ। पुलिस जांच में सामने आया कि यश लगातार फ्री फायर मैक्स गेम खेल रहा था, जिसके बहाने आरोपी उससे जुड़ा। गेमिंग आईडी बेचने और डायमंड्स दिलाने का झांसा देकर आरोपी ने किशोर से 13 लाख रुपये तक ऐंठ लिए। रुपये वापस मांगने पर उसे धमकियां दी जाने लगीं। मानसिक दबाव और आर्थिक नुकसान से परेशान होकर यश ने यह खौफनाक कदम उठाया।
झारखंड से गिरफ्तार हुआ आरोपी, कब्जे से 4.71 लाख की रकम बरामद
घटना की गंभीरता को देखते हुए मोहनलालगंज पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम गठित की गई। तकनीकी जांच में आरोपी की पहचान झारखंड के रहने वाले सनत गोराई के रूप में हुई, जिसके बाद लखनऊ पुलिस टीम ने पूर्वी सिंहभूम जिले से आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी के कब्जे से 4.71 लाख रुपये कैश, 1.5 लाख रुपये का एप्पल लैपटॉप, मोबाइल फोन, 4 एटीएम कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड बरामद हुए हैं। इसके साथ ही, 1.5 लाख रुपये डिजिटल वॉलेट से फ्रीज कराए गए। पुलिस ने आरोपी पर BNS की धारा 108, 318(4), 317(2) व IT Act की धारा 66D के तहत केस दर्ज किया है।
विश्वास में लेने के बाद छोटे अमाउंट के ट्रांजेक्शन से होती थी ठगी की शुरुआत
जांच में सामने आया कि आरोपी बच्चों को पहले ऑनलाइन गेमिंग चैट और कॉल के जरिए विश्वास में लेता था। फिर उन्हें गेमिंग आईडी, डायमंड्स और बेहतर रैंकिंग का लालच देता। छोटे अमाउंट से शुरुआत कर धीरे-धीरे लाखों रुपये ट्रांसफर कराता। आरोपी ने यश का ईमेल आईडी और पासवर्ड तक हासिल कर लिया था और मोबाइल फॉर्मेट कर सभी सबूत मिटाने की कोशिश की। आरोपी का मकसद बच्चों को मानसिक दबाव में लाकर पैसे ऐंठना था। पूछताछ में सनत गोराई ने कबूल किया कि यश से ठगे गए पैसों से उसने घरेलू सामान खरीदा और महंगा लैपटॉप लिया।
लखनऊ पुलिस की साइबर सेल टीम ने लोगों से की अपील
यह घटना केवल एक आपराधिक वारदात नहीं बल्कि अभिभावकों के लिए गहरी चेतावनी है। पुलिस ने कहा कि फ्री फायर, पब्जी जैसे ऑनलाइन गेम बच्चों को मानसिक और आर्थिक शोषण के जाल में धकेल रहे हैं। साइबर सेल ने अपील की है कि माता-पिता अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखें और किसी भी संदिग्ध लेन-देन की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दें। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि Google Family Link App जैसे पैरेंटल कंट्रोल टूल्स का इस्तेमाल कर बच्चों के फोन से खतरनाक गेम्स को ब्लॉक किया जा सकता है और इन-ऐप खरीदारी पर रोक लगाई जा सकती है। यह मामला दिखाता है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत सिर्फ मनोरंजन नहीं बल्कि जीवन के लिए खतरा भी बन सकती है।
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