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लखनऊ में ऑटो ड्राइवर बना हैवान: वीडियो कॉल पर भाई से मांगी फिरौती, युवक की हत्या के बाद पुलिस ने शव को लावारिस बताकर जलाया!
Lucknow News: लखनऊ में एक कारोबारी की ऑटो ड्राइवर ने हत्या कर दी। परिवार से वीडियो कॉल पर फिरौती मांगी गई, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। 25 जुलाई को शव मिला, जिसकी पहचान नहीं कराई गई और 29 को लावारिस बताकर जला दिया गया। एफआईआर के बावजूद पुलिस जांच ढीली रही।
Lucknow Auto Driver Kills Businessman Burns Body as Unclaimed Despite FIR
Lucknow News: लखनऊ में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें मुंबई जा रहे एक युवक की बेरहमी से हत्या कर दी गई। गोरखपुर के रहने वाले नवीन यादव (50) बीते 24 जुलाई को माल खरीदने मुंबई जा रहे थे। लखनऊ में चारबाग स्टेशन के लिए ऑटो में बैठे लेकिन ऑटो ड्राइवर ने उन्हें बीच रास्ते में अगवा कर परिजनों को वीडियो कॉल कर फिरौती मांगी। कुछ देर बाद युवक की चीख-पुकार सुनाई दी और फिर मोबाइल बंद हो गया। 25 जुलाई को एक अज्ञात शव मिला, जिसे लखनऊ पुलिस ने पहचानने की जहमत नहीं उठाई और 29 जुलाई को लावारिस बताकर जला दिया। परिजनों ने 27 जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था।
गोरखपुर से मुंबई जा रहे थे नवीन यादव
मृतक नवीन के भाई सचिन ने बताया कि नवीन यादव पेशे से कॉस्मेटिक व्यापारी थे और 24 जुलाई को माल खरीदने के लिए गोरखपुर से मुंबई जा रहे थे। लखनऊ पहुंचने के बाद उन्होंने चारबाग रेलवे स्टेशन जाने के लिए ऑटो पकड़ा। उनके पास नगद 15 हजार रुपये और 2 हजार रुपये यात्रा खर्च के रूप में था। उनके पास एक चेकवाले टॉवेल, एक नीली टी-शर्ट और Realme C15 मोबाइल था।
बीच रास्ते में अगवा, फिरौती के लिए वीडियो कॉल
रात लगभग साढ़े 8 बजे नवीन के भाई सचिन को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने बताया कि नवीन ने ऑटो में शीशा तोड़ा है और इलाज के लिए पैसे चाहिए। कुछ ही देर में वीडियो कॉल पर नवीन की हालत खराब दिखी, जिदमें वो पिट रहे थे, खून बह रहा था और मदद की गुहार लगा रहे थे। कॉल पर दिख रहा था कि ऑटो की पिछली सीट पर नवीन बेसुध पड़े थे और कोई व्यक्ति उन पर हमला कर रहा था। वीडियो कॉल के दौरान नवीन बार-बार अपने भाई से जान बचाने की गुहार लगाते रहे। उन्होंने कहा कि राकू भइया, बचाओ... ये लोग मार रहे हैं और पैसा छीन रहे हैं।' इसके तुरंत बाद कॉल कट गई और फिर से संपर्क नहीं हो सका।
पुलिस की लापरवाही आई सामने, लावारिस बताकर जला दिया गया शव
बीते 25 जुलाई को रेलवे स्टेशन के पास एक अज्ञात शव बरामद हुआ। पुलिस ने बिना पहचान की कोशिश किए शव को मोर्चरी में रखवा दिया। परिजनों ने 27 जुलाई को FIR दर्ज कराई, लेकिन पुलिस ने लावारिस शव से कोई संबंध नहीं जोड़ा। इस पूरे मामले में भी सबसे दर्दनाक बात यह रही कि 29 जुलाई को पुलिस ने शव को 'लावारिस' घोषित कर अंतिम संस्कार करा दिया। जब परिवार शव की तलाश में पहुंचा तब तक सब कुछ खत्म हो चुका था। नवीन का मोबाइल अब तक बंद है और उनका हत्यारा फरार है। अब ये पूरा मामला लखनऊ पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए सोशल मीडिया पर तूल पकड़ रहा है।
नाका थाने में गुमशुदगी के आधार पर दर्ज हुई FIR, आलमबाग पुलिस ने जलाया शव
इस मामले पर नाका इंस्पेक्टर ने बताया कि परिजनों की ओर से दी गयी तहरीर के आधार पर गुमशुदगी दर्ज हुई थी। जानकारी करने पर पता चला कि मृतक नवीन घटना की रात आलमबाग बस स्टेशन के पास खड़ा था। तभी बस का पहिया चढ़ने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गयी। मौके पर नवीन के पास ऐसा कोई दस्तावेज नहीं था, जिससे उसकी पहचान हो सके। काफी प्रयासों के बाद भी जब उसकी पहचान नहीं हो पाई तो पुलिस ने अज्ञात में शव का दाह संस्कार करा दिया। इधर, घटना की जानकारी होने के बाद नाका थाने में दर्ज हुई गुमशुदगी के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस अब मामले कि जांच कर रही है।
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