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विशेष बच्चों की चुनौतियों पर लखनऊ में बड़ी चर्चा, विशेषज्ञ बोले- 'ये बीमारी जीवनभर रहती है साथ'
लखनऊ में रोटरी क्लब निराला नगर व शक्ति सेंटर फॉर लर्निंग डिस्एबिलिटी द्वारा संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
Lucknow Seminar on Special Children Experts Highlight Lifelong Challenges and Parent Struggles
Lucknow News: लखनऊ में रोटरी क्लब निराला नगर के तत्वाधान में शक्ति सेंटर फॉर लर्निंग डिस्एबिलिटी द्वारा एक महत्वपूर्ण वार्षिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी का मुख्य उद्देश्य विशेष आवश्यकता वाले बच्चों और उनके माता-पिता के सामने आने वाली चुनौतियों को समझना और समाज में इस विषय पर जागरूकता बढ़ाना था। इस कार्यक्रम में कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया और अपनी बात रखी, जिसमें कोरोना महामारी और मोबाइल के अत्यधिक उपयोग को बच्चों में भाषा संबंधी समस्याओं का एक बड़ा कारण बताया गया।
'यह एक जीवन भर चलने वाली अवस्था है'
SGPGI लखनऊ के प्रोफेसर और चीफ व गोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि यह एक जीवन भर चलने वाली स्थिति है और इसे पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि प्रोफेशनल के द्वारा दिए जाने वाले विशेष प्रशिक्षण से बहुत हद तक समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सकता है। उनके इस बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि इन बच्चों को सही दिशा और देखभाल की कितनी जरूरत है। वहीं, कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आशुतोष वर्मा ने बताया कि प्रारंभिक समय में ऑटिज्म, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी और अन्य समस्याओं को कैसे पहचानें और उनके उपचार के लिए क्या कदम उठाए जाएं। यह जानकारी उन माता-पिता के लिए बेहद उपयोगी है, जो अपने बच्चों की स्थिति को लेकर चिंतित रहते हैं।
अभिभावकों के संघर्ष और मानसिक स्वास्थ्य
गोष्ठी में सबसे महत्वपूर्ण बात डॉ. आनंद नारायण ने रखी, जिन्होंने विशेष बच्चों के माता-पिता के सामने आने वाली समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि लगातार देखभाल करते-करते माता-पिता एक ही दिनचर्या में फंस जाते हैं और धीरे-धीरे वे भावनात्मक और मानसिक तौर पर प्रभावित होने लगते हैं। इसका उनके व्यक्तिगत जीवन और रिश्तों पर गहरा असर पड़ता है। स्पीच थेरेपिस्ट मिस नलिनी श्रीवास्तव ने भाषा संबंधी समस्याओं का मुख्य कारण कोविड का दुष्प्रभाव और अत्यधिक मोबाइल का प्रयोग बताया। उन्होंने इन समस्याओं से निपटने के उपायों पर भी प्रकाश डाला जो अभिभावकों के लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं।
एसोसिएशन का गठन और आगे की राह
इस गोष्ठी में लगभग 100 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें कई अभिभावक भी शामिल थे। उन्होंने बढ़-चढ़कर चर्चा में भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में सेंटर की डायरेक्टर डॉ. शक्ति देश ने सभी का धन्यवाद करते हुए एक एसोसिएशन के गठन की बात कही जो इन बच्चों के माता-पिता को एक साथ लाकर उनकी समस्याओं के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में देश दीपक चौधरी, कमल यादव, विख्यात, हर्षित तिवारी और वंश जैसे लोगों का विशेष योगदान रहा।
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