मौनी अमावस्या हादसा: हाईकोर्ट का बड़ा सवाल – कितनों को मिला अब तक मुआवजा?

इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO), मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल, टीवी सप्रू अस्पताल, कॉल्विन अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन और नर्सिंग होम एसोसिएशन को नोटिस भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इन सभी को इस मामले में पक्षकार बनाया है।

Sumit Yadav
Published on: 7 Jun 2025 8:43 PM IST (Updated on: 7 Jun 2025 8:45 PM IST)
Lucknow news
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Prayagraj news : प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान एक महिला की मौत के मामले में उसके पति ने मुआवजे की मांग करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। यह याचिका बिहार के कैमूर जिले के करौदा गांव के रहने वाले उदय प्रताप सिंह ने दाखिल की है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रयागराज के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO), मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल, टीवी सप्रू अस्पताल, कॉल्विन अस्पताल, जिला महिला अस्पताल, इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन और नर्सिंग होम एसोसिएशन को नोटिस भेजने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इन सभी को इस मामले में पक्षकार बनाया है।

कोर्ट ने क्या मांगा है?

कोर्ट ने कहा है कि 28 जनवरी 2025 से लेकर महाकुंभ खत्म होने तक सभी अस्पतालों में इलाज के लिए लाए गए मरीजों और मृतकों का पूरा रिकॉर्ड पेश किया जाए। इनमें यह भी बताया जाए कि कब-कब किस व्यक्ति को मृत घोषित किया गया, उसकी पहचान क्या थी और उसका इलाज किस डॉक्टर ने किया।

इसके अलावा कोर्ट ने जिला प्रशासन से यह जानकारी भी मांगी है कि अब तक कितने लोगों ने मुआवजे की मांग की है, कितनों को मुआवजा मिल चुका है और कितनों को मिलना बाकी है। कोर्ट ने याची की याचिका पर नियमों के मुताबिक विचार करने का निर्देश दिया है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई 2025 को होगी।

क्या है पूरा मामला?

उदय प्रताप सिंह की पत्नी अपने बेटे के साथ 29 जनवरी को प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में आई थीं। उसी दिन वह मेले में लापता हो गईं। बाद में 5 फरवरी को उनका शव मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के शवगृह से उनके बेटे को सौंपा गया। उस वक्त पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं दी गई थी।

बाद में शव को बिहार ले जाकर पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें बताया गया कि महिला की पसलियां दबने से टूटी थीं, जो मौत की वजह हो सकती है। इसी आधार पर पति ने सरकार की मुआवजा नीति के तहत मुआवजा देने की मांग की है।

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Sumit Yadav

Sumit Yadav

मेरा नाम सुमित यादव है और मैं प्रयागराज का रहने वाला हूँ। पत्रकारिता में आने से पहले मैंने अपने करियर की शुरुआत फोटो पत्रकारिता से की थी। कैमरे के साथ काम करते-करते जब कलम भी थाम ली, तो लोगों की आवाज़ बन गया। साल 2014 में मैंने बतौर रिपोर्टर अपने पत्रकारिता के सफर की शुरुआत की। इस दौरान मैंने राजस्थान पत्रिका (रायपुर), ईटीवी भारत (प्रयागराज), पत्रिका डिजिटल यूपी (प्रयागराज) और अमर उजाला (पंचकूला, चंडीगढ़) जैसे संस्थानों के साथ काम किया है। फिलहाल मैं न्यूज़ट्रैक (लखनऊ) के साथ जुड़कर पत्रकारिता का काम कर रहा हूँ और लोगों की बातों को आवाज़ देने का काम लगातार कर रहा हूँ।

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