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अब डॉक्टरों को नहीं जाना पड़ेगा CMO ऑफिस और कोर्ट..वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी गवाही, लखनऊ के किस अस्पताल में शुरू ई-कोर्ट !
लोकबंधु के डॉक्टरों को गवाही देने के लिए सीएमओ ऑफिस या अन्य जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे न केवल उनकी उपस्थिति अस्पताल में बनी रहेगी, बल्कि रोगियों को मिलने वाली सेवाएं भी लगातार जारी रहेंगी।
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow Today News: राजधानी के लोकबंधु राज नारायण अस्पताल ने एक नया इतिहास रच दिया गया, जब पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ई-कोर्ट में गवाही हुई। अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट (एमएस) डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने इस डिजिटल कोर्ट के जरिए अपनी गवाही दी। यह पहल न केवल तकनीकी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे डॉक्टरों का कीमती समय भी बचेगा और ओपीडी तथा ऑपरेशन थिएटर (ओटी) का कार्य भी प्रभावित नहीं होगा।
अस्पताल की निदेशक डॉ. संगीता गुप्ता ने बताया कि अब लोकबंधु के डॉक्टरों को गवाही देने के लिए सीएमओ ऑफिस या अन्य जिलों में नहीं जाना पड़ेगा। इससे न केवल उनकी उपस्थिति अस्पताल में बनी रहेगी, बल्कि रोगियों को मिलने वाली सेवाएं भी लगातार जारी रहेंगी।
लोकबंधु बना जिले का पहला ई-कोर्ट युक्त सरकारी अस्पताल
लोकबंधु अस्पताल जिले का पहला ऐसा सरकारी अस्पताल बन गया है, जहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए डॉक्टर अब सीधे अस्पताल से ही कोर्ट में गवाही दे सकेंगे। इससे पहले जिले भर के डॉक्टरों को सीएमओ कार्यालय में बने ई-कोर्ट रूम में जाकर गवाही देनी पड़ती थी। शासन के निर्देश पर अस्पताल में एक कमरे को पूरी तरह से ई-कोर्ट के लिए तैयार किया गया है, जिसमें कंप्यूटर, इंटरनेट और अन्य जरूरी तकनीकी उपकरण लगाए गए हैं।
डॉ. त्रिपाठी की गवाही से हुई शुरुआत, अन्य डॉक्टरों को भी मिलेगा लाभ
ई-कोर्ट से गवाही देने वाले पहले डॉक्टर बने एमएस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी। उन्होंने न सिर्फ गवाही दी बल्कि अस्पताल का नियमित कार्य भी जारी रखा। वहीं, सीएमओ कार्यालय में अब तक 20 से अधिक डॉक्टरों की गवाही हो चुकी है, लेकिन अब लोकबंधु में यह सुविधा उपलब्ध हो जाने से यहां के डॉक्टरों को अतिरिक्त दौड़-भाग से मुक्ति मिल जाएगी।
इन अस्पतालों में अभी भी नहीं है ई-कोर्ट की सुविधा
सिविल, आरएलबी, बलरामपुर और बीआरडी महानगर और जैसे बड़े अस्पतालों में अभी तक ई-कोर्ट रूम की सुविधा नहीं है। यहां के डॉक्टरों को अब भी गवाही देने के लिए सीएमओ कार्यालय आना पड़ता है, जिससे उनके रूटीन काम बाधित होते हैं।
ई-कोर्ट से डॉक्टरों को नहीं लेनी पड़ेगी छुट्टी, मरीजों को मिलेगा सीधा लाभ
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनबी सिंह ने बताया कि पहले डॉक्टरों को अलग-अलग जिलों में जाकर कोर्ट में गवाही देनी पड़ती थी, जिसके लिए उन्हें छुट्टी लेनी पड़ती थी। इससे अस्पताल की सेवाएं बाधित होती थीं। अब ई-कोर्ट की सुविधा से डॉक्टरों को राहत मिलेगी और मरीजों को समय पर इलाज भी मिल सकेगा।
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