मायावती का सरकार पर तीखा हमला ! महंगाई-बेरोजगारी से जनता त्रस्त, रेल किराया बढ़ाना अमानवीय, सरकार गरीबों की चिंता करे-अमीरों की नहीं

Lucknow news: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को राजधानी में प्रेसवार्ता के दौरान सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा रेलवे किराए में वृद्धि करना आम जनहित के खिलाफ है।

Virat Sharma
Published on: 1 July 2025 5:13 PM IST
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Lucknow news: बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को राजधानी में प्रेसवार्ता के दौरान सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि जब देश की आम जनता ज़बरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और घटती आमदनी से जूझ रही है, तब रेलवे किराए में वृद्धि करना आम जनहित के खिलाफ है। उन्होंने इसे संविधान के कल्याणकारी उद्देश्य के बजाय व्यावसायिक सोच वाला फैसला करार दिया।

मायावती ने कहा कि राष्ट्र प्रथम के नाम पर जीएसटी की तरह रेलवे के माध्यम से भी आमजन पर आर्थिक बोझ बढ़ाना अत्यंत अनुचित है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय पर तुरंत पुनर्विचार करने की मांग की। मायावती ने कहा कि वर्तमान हालात में देश की बड़ी आबादी मजबूरी में रोज़गार की तलाश में पलायन कर रही है। ऐसे में उनके लिए रेल यात्रा कोई आनंद या पर्यटन नहीं बल्कि ज़रूरी और तकलीफ़देह सफर है। सरकार को इन यात्रियों के साथ व्यापारिक रवैया नहीं बल्कि सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।

मायावती ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकड़ों का दिया हवाला

बीएसपी प्रमुख मायावती ने अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि साल 2025 तक देश की लगभग 64.3 प्रतिशत आबादी किसी न किसी सामाजिक कल्याण योजना पर निर्भर हो चुकी है, जबकि 2016 में यह आंकड़ा केवल 22 प्रतिशत था। मायावती ने सवाल उठाया कि क्या इसे सरकार की उपलब्धि कहा जा सकता है। उन्होंने यह कहा कि थोड़ा सा लाभ पाने के लिए लोगों को सरकारी योजनाओं में कितना पसीना बहाना पड़ता है, यह किसी से छिपा नहीं है।

प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर गरीबों का उत्पीड़न बंद हो

मायावती ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के नाम पर गरीब और मध्यम वर्ग को जिस तरह की परेशानी झेलनी पड़ रही है, उस पर भी केंद्र और खासकर दिल्ली सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जीवन-सीमा के सख्त नियमों के साथ-साथ अन्य उपाय भी अपनाने चाहिए ताकि इस क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों परिवारों की रोजी-रोटी बचाई जा सके।

दिल्ली में पलायन करने वालों को उजाड़ना अमानवीय, कोर्ट का गलत हवाला

बसपा अध्यक्ष मायावती ने दिल्ली सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि यूपी, बिहार और बंगाल से आए गरीबों को बिना वैकल्पिक व्यवस्था के उजाड़ना बेहद अमानवीय और शर्मनाक है। मायावती ने कहा कि कोर्ट ने कहीं भी यह नहीं कहा कि पुनर्वास से पहले उन्हें उजाड़ा जाए, लेकिन सरकार कोर्ट के नाम पर गरीबों की झुग्गियों पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने कहा कि दैनिक उपयोग की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी ने खासकर दिल्ली की जनता को भारी मुसीबत में डाल दिया है। कम आमदनी और ज़्यादा खर्च की स्थिति ने आम आदमी की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है।

वहीं बिजली संकट और निजीकरण की नीतियों पर सवाल उठाते हुए मायावती ने कहा कि इससे केवल आम जनता ही नहीं, बल्कि व्यापारी वर्ग और छोटे उद्योग भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। यूपी और दिल्ली जैसे राज्यों में निजीकरण से कोई संतोषजनक परिणाम नहीं निकल रहा, जिससे सरकार की नीतियों की कमियां उजागर हो रही हैं।

सरकार गरीबों की चिंता करे, सिर्फ अमीरों का नहीं

मायावती ने कहा कि सरकार को केवल मुट्ठीभर अमीरों की चिंता छोड़कर उन करोड़ों लोगों की तरफ ध्यान देना चाहिए जो रोज़गार के अभाव में दो वक्त की रोटी के लिए सरकारी योजनाओं पर निर्भर हो गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह अपनी कल्याणकारी भूमिका से मुंह न मोड़े।

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