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Poster Politics: Lucknow में भड़का सियासी पोस्टरवार! मस्जिद में Akhilesh Yadav की बैठक के मुद्दे पर BJP-SP आमने-सामने
Poster Politics In Lucknow: शुक्रवार को अखिलेश यादव व सांसद डिंपल यादव द्वारा पार्लियामेंट में बनाई गई मस्जिद में प्रवेश करने पर सियासत एक बार फिर गर्म होती नजर आई। जिसमें भाजपाइयों ने नेताओं के मस्जिद में प्रवेश पर अलग-अलग तरीके से अपने विचार रख तीखी टिप्पणियां दी हैं।
Poster Politics In Lucknow
Poster Politics In Lucknow: राजधानी लखनऊ में लगातार सपा और भाजपा के बीच चल रहे पोस्टरवार के बीच अब एक नए जातिवाद के मुद्दे की शुरुआत हो चुकी है। एक ओर जहां भाजपा नेता अखिलेश यादव की फोटो लगाकर उनकी पूर्व की सरकार पर टिप्पणी करते हुए निशाना साध रहे हैं वहीं अब सपा नेता भी पीछे हटने से कोताही ही नहीं कर रहे हैं। शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व सांसद डिंपल यादव द्वारा पार्लियामेंट में बनाई गई मस्जिद में प्रवेश करने पर सियासत एक बार फिर गर्म होती नजर आई। जिसमें भाजपाइयों ने नेताओं के मस्जिद में प्रवेश पर अलग-अलग तरीके से अपने विचार रख तीखी टिप्पणियां दी हैं।
वहीं इस मामले में पलटवार करते हुए सपा नेता मोहम्मद इखलाक ने एक बार फिर पोस्ट लगवाते हुए लिखा कि अखिलेश नफरत का सौदा नहीं करते न ही वह मंदिर और मस्जिद के मुद्दे पर सियासत करते हैं। इसके साथ ही पोस्टर पर यह भी लिखवाया गया है कि मंदिर और मस्जिद हमारे लिए मोहब्बत की पहचान है।
समाजवादी पार्टी के नेता मो. इखलाक से इस मामले पर जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के अंदर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर डरी हुई है। यही कारण है कि अब योगी सरकार को मंदिर और मस्जिद के आधार पर लोगों में पक्षपात और जातीय बंटवारे के अलावा कोई रास्ता सूझ नहीं रहा है। बता दें इससे पहले भी उन्होंने स्कूलों पर ताले और बात शिक्षा के झूठे वादे को लेकर प्रदेश की भाजपा पर पोस्टर लगाकर सवाल किया है। इसके साथ ही उन्होंने टोपी वाला द्वारा 2027 में शॉक देने के लिए लिखा है।
ऐसे ही पोस्टरवार को लेकर सपा कार्यकर्ताओं पर हुआ था मुकदमा
विगत 8 दिन पूर्व ऐसे ही भाजपा और सपा के बीच मे चल रहे पोस्टरवार के चलते समाजवार्दी पार्टी के 8 कार्यकर्ताओं के खिलाफ बीजेपी युवा मोर्चा के अमित त्रिपाठी ने मुकदमा दर्ज कराया था। सपा कार्यकर्ताओं पर आरोप था, कि यह सभी आरोपी उनको और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी सोशल मीडिया समेत अन्य तरीकों से दे रहे थे।
जिसके बाद अमित त्रिपाठी ने हज़रतगंज थाने में उनके खिलाफ घर के आसपास लोगों का जमावड़ा, रेकी के आरोप पर शिकायत दर्ज कराया था और पुलिस ने इस मामले में बीएनएस की 352, 351( 3) 353(2) और सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन अधिनियम 2008 के तहत धारा 66 में मुकदमा दर्ज किया था।
पहले धरातल फिर सोशल मीडिया अब पोस्टर
समाजवादी पार्टी और प्रदेश की भाजपा सरकार के बीच चल रहे खींचातानी की शुरुआत जमीनी स्तर और सोशल मीडिया होते हुए अब पोस्ट तक पहुंच गई है। शहर में आए दिन सपा के कार्यकर्ताओं और भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा अलग-अलग मुद्दों पर पोस्टर लगाए जा रहे हैं।
जिसमें समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा नीतियों का खुलकर विरोध भी कर रहे हैं, और मौका पड़ने पर पोस्ट फाड़कर भाजपा का विरोध भी कर रहे हैं। वहीं भाजपा के कार्यकर्ता और नेता अपनी सरकार के पक्ष में शहर भर में 2017 से पहले अखिलेश सरकार द्वारा किए गए काम की खामियां निकाल कर उनको आरोपित कर रहे हैं।
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