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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना, बोले उत्तर प्रदेश में सौ से ज्यादा नदियों का खतरे में है वजूद
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार की विकास के लिए न तो कोई योजना है और नहीं जनजीवन की सुरक्षा के लिए कोई विजन है। पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा पर्व पर भाजपा सरकार का काम दमदार सिर्फ विज्ञापनों में झलकता है। उत्तर प्रदेश में सौ से ज्यादा छोटी और सहायक नदियों का वजूद खतरे में है। लखनऊ शहर की शान गोमती नदी की मान्यता आदि गंगा के रूप में है। इसकी बदहाली और दुर्गंध के पीछे भाजपा सरकार की उपेक्षा नीति है।
Lucknow news: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार की विकास के लिए न तो कोई योजना है और नहीं जनजीवन की सुरक्षा के लिए कोई विजन है। केवल थोथी बयानबाजी से ही वह अपना काम चला रहा रही है। पर्यावरण की समस्या आज की ज्वलंत समस्या है। वनसम्पदा नष्ट होती जा रही है। नदियां सूख रही है। तालाब मिटते जा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग से धरती पर जिंदगी खतरे में है। पर्यावरण दिवस और गंगा दशहरा पर्व पर भाजपा सरकार का काम दमदार सिर्फ विज्ञापनों में झलकता है। उत्तर प्रदेश में सौ से ज्यादा छोटी और सहायक नदियों का वजूद खतरे में है। लखनऊ शहर की शान गोमती नदी की मान्यता आदि गंगा के रूप में है। इसकी बदहाली और दुर्गंध के पीछे भाजपा सरकार की उपेक्षा नीति है।
नदियां जीवन देती है
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने कहा कि नदियां जीवन देती है, किसी का जीवन लेती नहीं है। भाजपा सरकार गंगा-जमुना या गोमती पर सिर्फ सियासत करती है। नदी की सफाई की जगह केवल फंड का सफाया करना उसका ध्येय है। नदियों के नाम पर ठगने में भी भाजपा माहिर है। नमामि गंगे योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। करोड़ों रूपये का बजट बह गया फिर भी मां गंगा साफ नहीं हुई। नमामि गंगे योजना जुमला बनकर न जाने कहां चली गई है। इसी तरह से बागपत में यमुना में हजारों मछलियां मरी पाई गई है। लखनऊ में भी गोमती जलकुंभी से पटी पड़ी है। आक्सीजन की कमी से यहां भी मछलियां और अन्य जलजीव मरते जा रहे हैं।
वन संपदा हर वर्ष हो रही है कम
अखिलेश यादव ने कहा कि जहां तक पर्यावरण संरक्षण की बात है भाजपा सरकार इसको कोई महत्व नहीं देती है। हमारी वन संपदा हर वर्ष कम होती जा रही है। वृक्षारोपण को महज औपचारिकता बना दिया गया है। पर्याप्त हरियाली के लक्ष्य को पाना कठिन हो रहा है। भाजपा सरकार के इस ओर ध्यान न देने के फलस्वरूप जलवायु परिवर्तन के साथ ऋतुचक्र भी बदला है। तापमान में वृद्धि से पशुपक्षी ही नहीं मानव भी धरती पर तप रहा है। पृथ्वी का औसतन तापमान में 1880 से लगभग 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ने से ग्लेशियर पिघल रहे हैं, समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। कृषि और पारिस्थितिकी तंत्र भी बहुत प्रभावित होता है।
376 एकड़ में लखनऊ में बना जनेश्वर मिश्र पार्क
उन्होंने कहा कि भाजपा को समाजवादी पार्टी से सीखना चाहिए कि कैसे पर्यावरण संरक्षण और नदियों की सफाई की जाती है। समाजवादी सरकार में बुन्देलखंड में रिकार्ड वृक्षारोपण कर वहां पर्यावरण संरक्षण में बड़ी पहल की थी। 376 एकड़ में लखनऊ में बना जनेश्वर मिश्र पार्क जैव विविधता का जीवंत उदाहरण है। डॉ0 राममनोहर लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क में आक्सीजन देने वाले पेड़ पौधे है। नदियों की सफाई का उदाहरण गोमती रिवरफ्रंट है जहां आज भी सुबह-शाम हलचल रहती है।
गोमती रिवरफ्रंट समाजवादी सरकार में बना
उन्होंने कहा कि गोमती रिवरफ्रंट को समाजवादी पार्टी की सरकार में बहुत ही सुन्दर बनाया गया जिसे भाजपा सरकार बर्बाद करने पर तुली है। इसी तरह बुन्देलखंड में भी पुराने शाही सरोवरों को जो अंग्रेजों के समय बने थे और जीण्ज्ञ्रशीर्ण हो चले थे उनका भी पुनरुद्धार तथा सौंदर्यीकरण कराया गया था। प्रदूषण से बचाव के लिए साइकिल ट्रैक बनाया गया था। लेकिन भाजपा को तो विकास की जगह विनाश का काम करना ही आता है। वह समाजवादी पार्टी के किये गये विकास कार्यो को ही कब्जा करना जानती है। 2027 के विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सत्ता से हटाकर राजनीतिक प्रदूषण से मुक्ति करके ही दम लेगी।
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