आपदा में हर पंजाब किसान के साथ खड़ी है यूपी सरकार, योगी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किए गेहूं के बीज!

Yogi Adityanath, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास से पंजाब के बाढ़ प्रभावित किसानों की सहायता हेतु गेहूं के बीज सहायता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

Priya Singh Bisen
Published on: 21 Oct 2025 2:52 PM IST
Yogi Adityanath, Lucknow
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Yogi Adityanath, Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अपने सरकारी आवास से पंजाब के बाढ़ प्रभावित किसानों की सहायता हेतु गेहूं के बीज सहायता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दीपावली का पर्व पूरे उत्साह, उमंग और शांतिपूर्वक वातावरण में मनाया जा रहा है। दीपावली का पर्व पूरे उत्साह, उमंग और शांतिपूर्वक वातावरण में मनाया जा रहा है। उत्सव का वास्तविक आनंद तभी है, जब हम किसी पीड़ित को जोड़कर उसकी सहायता के लिए खड़े हों। इसी भावना के साथ आज इस कठिन समय में उत्तर प्रदेश सरकार पंजाब के अन्नदाता किसानों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि आपदा का सामना पंजाब के किसान अकेले नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में डबल इंजन की सरकार (भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार) हर आपदा-पीड़ित नागरिक के साथ खड़ी हैं। चाहे वह राहत सामग्री के रूप में सहायता हो, आर्थिक सहयोग हो या पुनर्वास का प्रयास। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर किसानों को सशक्त, आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाएंगे।

हर जरूरतमंद के साथ है उत्तर प्रदेश सरकार


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब हमारे देश का एक प्रमुख राज्य है, जिसने स्वतंत्र भारत में कृषि आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। लेकिन इस वर्ष वहां हुई अतिवृष्टि (अति वर्षा) के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां तक कि किसानों द्वारा सुरक्षित रखे गए बीज भंडार भी बाढ़ की चपेट में आने से नष्ट हो गए, जिससे आगामी फसलों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसी भावना के साथ आज कृषि विभाग एवं उत्तर प्रदेश बीज एवं विकास निगम की ओर से ढाई हजार बोरे यानी 1000 क्विंटल गेहूं का बीज पंजाब भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि जब पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड में बाढ़ आई थी, तब उत्तर प्रदेश सरकार ने इन राज्यों के लिए राहत सामग्री भेजी थी और साथ ही मुख्यमंत्री राहत कोष से धनराशि भी उपलब्ध कराई थी। उन्होंने कहा कि किसी भी प्राकृतिक आपदा की घड़ी में उत्तर प्रदेश सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।

रोग प्रतिरोधी और पोषणयुक्त प्रजाति का है बीज

मुख्यमंत्री ने बताया कि पंजाब के किसानों के लिए भेजा जा रहा 1000 क्विंटल गेहूं बीज "बीबी-327" प्रजाति का है, जिसे करण शिवानी के नाम से भी जाना जाता है। यह रोग-प्रतिरोधी, बायो-फोर्टीफाइड और पोषणयुक्त प्रजाति है, जो केवल 155 दिनों में तैयार होती है और लगभग 80 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक की उपज देने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि यह बीज न केवल पंजाब के किसानों के लिए सहायक सिद्ध होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश बीज एवं विकास निगम की प्रगति और दक्षता का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि जब वर्तमान सरकार ने कार्यभार संभाला था, उस समय निगम की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। लेकिन आज यह निगम लगभग 148 करोड़ रुपये के लाभांश पर संचालित हो रहा है और केवल एक वर्ष में 37 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित कर चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि यदि संस्थाएं समर्पण और ईमानदारी से कार्य करें, तो वे न केवल लाभ अर्जित कर सकती हैं बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं।

लखनऊ के साथ ही 5 अन्य सीड पार्क जल्द होंगे स्थापित

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसान और हमारे संस्थान मिलकर आत्मनिर्भर भारत की नींव को सुदृढ़ कर रहे हैं। इसी क्रम में बहुत शीघ्र ही लखनऊ में पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी की स्मृति में “सीड पार्क” की स्थापना की जाएगी। इसकी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। इसके अलावा प्रदेश के भीतर पांच अन्य सीड पार्क स्थापित करने की दिशा में भी कार्य तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को समय पर उन्नत और गुणवत्तापूर्ण बीज मिल जाएं, तो उनकी लागत घटती है और उत्पादन बढ़ता है। लेकिन यदि बीज देर से या घटिया गुणवत्ता के हों, तो 30 से 50 प्रतिशत तक उत्पादन घटने की संभावना रहती है। इसलिए सरकार की प्राथमिकता यह है कि किसानों को समय पर श्रेष्ठ बीज उपलब्ध हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश बीज एवं विकास निगम के प्रयासों से राज्य आज खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि देश की कुल कृषि योग्य भूमि में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी केवल 11 प्रतिशत है, लेकिन राज्य देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में 21 प्रतिशत योगदान करता है। यह उत्तर प्रदेश के किसानों की मेहनत और सरकार की नीतिगत दक्षता का प्रमाण है।

गुरु हरगोविंद जी महाराज का जीवन सेवा और त्याग की प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली के साथ-साथ गुरुओं की पावन धरा पंजाब में सिख परंपरा के षष्टम गुरु, श्री गुरु हरगोविंद जी महाराज की जयंती भी मनाई जा रही है। उनके जीवन से सेवा, त्याग और परोपकार की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने 52 से अधिक राजाओं को कैद से मुक्ति दिलाकर मानवता की सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि कहा जाता है कि जब गुरु हरगोविंद जी महाराज हरमंदिर साहिब पहुंचे, तो उनके आगमन की खुशी में पूरे पंजाब में दीप जलाए गए थे। उसी प्रकार जैसे प्रभु श्रीराम के 14 वर्षों के वनवास के बाद अयोध्या आगमन पर दीपावली मनाई जाती है। इसीलिए दीपों का यह पर्व पंजाब में भी गुरु हरगोविंद जी महाराज के आगमन की स्मृति में मनाया जाता है। इस अवसर पर पंजाब के सभी भाइयों-बहनों, विशेषकर अन्नदाता किसानों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। दीपावली और गुरु हरगोविंद जी महाराज की जयंती की यह पावन बेला हम सबके जीवन में नई ऊर्जा, सहयोग और संवेदना का संचार करे।


इस अवसर पर योगी सरकार में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख पूर्व मंत्री और विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम के उपाध्यक्ष राजेश्वर सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव कृषि रविंद्र कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेश की मानवता और सहयोग की मिसाल

जब पंजाब में बाढ़ ने तबाही मचाई, खेत जलमग्न हो गए और किसानों के पास बीज तक नहीं बचे, तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी चिंता करते हुए एक संवेदनशील पहल की। सामाजिक दायित्व और मानवीय संवेदना के तहत यूपी सरकार ने पंजाब के किसानों की सहायता के लिए 1000 क्विंटल उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं बीज भेजने का निर्णय लिया। ये बीज निशुल्क वितरित किए जाएंगे, जिससे पंजाब के कई जिलों के प्रभावित किसान दोबारा खेती शुरू कर सकें और अपनी आजीविका को पुनर्स्थापित कर सकें। दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान पंजाब के कृषि मंत्री ने बाढ़ से बिगड़े हालात और बीज की कमी की जानकारी दी थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने तुरंत यह निर्णय लिया। यह कदम न केवल किसानों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और दूरदृष्टि का उदाहरण है, बल्कि राज्यों के बीच मानवता और सहयोग की अद्भुत मिसाल भी पेश करता है, जहां सीमाओं से परे जाकर किसानों के दुख को साझा किया गया है।

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