Mainpuri News: फर्जी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र का भंडाफोड़, सेना में भर्ती का झांसा देकर ठगे लाखों रुपये

Mainpuri News: इस गिरोह की जड़ें घिरोर (मैनपुरी), नोएडा और उत्तराखंड तक फैली हुई थीं, जहां पहले भी इस तरह के फर्जी केंद्र चलाए जा चुके हैं।

Ashraf Ansari
Published on: 4 Jun 2025 4:28 PM IST
Mainpuri News: फर्जी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र का भंडाफोड़, सेना में भर्ती का झांसा देकर ठगे लाखों रुपये
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फर्जी सैन्य प्रशिक्षण केंद्र का भंडाफोड़   (photo: social media )

Mainpuri News: मैनपुरी पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा के अनुसार, एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसमें आरोपी बिधूना चौराहे के पास एक फर्जी प्रशिक्षण केंद्र चला रहे थे। यह केंद्र युवाओं को सेना और सरकारी नौकरी का झांसा देकर प्रति व्यक्ति 2 से 3 लाख रुपये वसूलता था। इसके बदले में उन्हें केवल सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाई जाती थी। इस गिरोह की जड़ें घिरोर (मैनपुरी), नोएडा और उत्तराखंड तक फैली हुई थीं, जहां पहले भी इस तरह के फर्जी केंद्र चलाए जा चुके हैं। आरोपी विभिन्न राज्यों जैसे तेलंगाना, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और ओडिशा से युवाओं को फर्जी प्रशिक्षण के नाम पर बुलाते थे।

शिकायत के बाद खुला फर्जीवाड़ा

थाना किशनी में तेलंगाना के एक युवक की शिकायत के बाद इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सर्विलांस टीम को तैनात किया। जांच के बाद पुलिस ने अरविंद पांडे (निवासी मैनपुरी, हाल निवासी फरीदाबाद, हरियाणा) और सुमित्रा सेनापति (निवासी ओडिशा) को गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में सामने आया कि आरोपी अरविंद खुद को सेना का रिटायर्ड 'कैप्टन', 'डॉक्टर' और अन्य पदों पर नियुक्त बताकर ठगी करता था। वह पहले 'हिंदुस्तान दंत मंजन' नामक टूथपेस्ट कंपनी और 'मिस इंडिया प्रतियोगिता की तैयारी' के नाम पर भी धोखाधड़ी कर चुका है।

सरकारी दस्तावेजों की नकली प्रतियां बरामद

पुलिस को अरविंद के पास से राष्ट्रीय चिन्ह 'अशोक स्तंभ' के स्टिकर, फर्जी मेडिकल लेटर, किरायानामा, रबर स्टाम्प सहित कई सरकारी दस्तावेजों की हूबहू नकली प्रतियां मिली हैं। पुलिस का कहना है कि करीब 300 से 400 लोगों के साथ ठगी के सबूत मिले हैं, जिनकी छानबीन जारी है।

कई धाराओं में मुकदमा दर्ज

पुलिस ने अरविंद और सुमित्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 338, 336(3), 340(2)/205 BNS, भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह अधिनियम की धारा 11 और प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट (PSARA Act) की धारा 20(2)/21 के तहत मामला दर्ज किया है।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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