Mainpuri News: भाकियू ने 8 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, 10 दिन में समस्याओं के समाधान की चेतावनी

Mainpuri News: मैनपुरी में किसानों ने भाकियू के नेतृत्व में 8 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, 10 दिन में समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

Ashraf Ansari
Published on: 13 Sept 2025 7:20 PM IST
BHAKI submits 8-point memorandum, warns to solve problems in 10 days
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भाकियू ने 8 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा, 10 दिन में समस्याओं के समाधान की चेतावनी (Photo- Newstrack)

Mainpuri News: मैनपुरी जिले में किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (महात्मा टिकैत) एक बार फिर सक्रिय हो गई है। करहल तहसील में शनिवार को भाकियू जिलाध्यक्ष लाल कुमार उर्फ लालू भड़ैया के नेतृत्व में किसानों ने उपजिलाधिकारी सुनीहा सिंह से मुलाकात की और उन्हें आठ सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर किसान नेताओं ने साफ कहा कि यदि उनकी मांगों का समाधान 10 दिनों के भीतर नहीं किया गया तो 23 सितंबर को होने वाली मासिक बैठक में आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। किसानों का कहना है कि प्रशासन को समय रहते उनकी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए, अन्यथा मजबूर होकर उन्हें सड़क पर उतरना पड़ेगा।

ज्ञापन में किसानों ने कई अहम मुद्दे उठाए। इसमें सबसे पहले तहसील कर्मचारियों द्वारा की जा रही अवैध वसूली पर रोक लगाने की मांग की गई। इसके साथ ही दाखिल-खारिज और फौती प्रकरणों को समय सीमा के भीतर निस्तारित करने पर जोर दिया गया। किसानों ने बिना सहमति स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध किया और चकबंदी प्रक्रिया की जानकारी हर माह देने की मांग भी रखी। इसके अलावा आवारा गोवंश को गोशालाओं में भेजने तथा सार्वजनिक शौचालयों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने की भी मांगें शामिल की गईं।

किसानों ने खाद वितरण को ग्राम पंचायत स्तर पर कराने और शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका कहना था कि यदि इन बुनियादी समस्याओं का समय रहते समाधान नहीं हुआ तो किसान आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

बैठक के दौरान किसान नेता जीवन यादव ने कहा कि लंबे समय से किसानों की परेशानियां अनदेखी की जा रही हैं। यदि प्रशासन ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया तो किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे। वहीं जिलाध्यक्ष लाल कुमार ने स्पष्ट कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।

भाकियू नेताओं ने चेतावनी दी कि 23 सितंबर की बैठक निर्णायक होगी और तभी आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले यदि समस्याओं का समाधान कर दिया गया तो किसान आंदोलन टाल देंगे, अन्यथा आंदोलन अपरिहार्य होगा।

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