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Mathura News: बाढ़ और बदहाल ब्रज: दोहों में सांसद की नदारदगी पर उठे सवाल
Mathura News: बाढ़ में डूबा ब्रज, सांसद गायब, दोहों में फूटा जन आक्रोश
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Mathura News: मथुरा ब्रजभूमि इन दिनों यमुना के उफान और बाढ़ की त्रासदी से जूझ रही है। गांव-गांव पानी से भर गए हैं, सड़कें तालाब जैसी नजर आ रही हैं, और लोग अपने घरों से पलायन को मजबूर हो गए हैं। ऐसे गंभीर संकट की घड़ी में क्षेत्र की सांसद की अनुपस्थिति को लेकर जनता के बीच आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसी विषय को लेकर मथुरा के कवि-लेखक रूपेश धनगर ने अपने दोहों के माध्यम से सवाल खड़े किए हैं।
जनभावनाओं को स्वर देते दोहे
रूपेश धनगर लिखते हैं:"स्वप्न सुंदरी को चुना, सपने देख हजार।राम भरोसे ब्रज रहा, सांसद रहीं फरार।।"जनता ने जिन उम्मीदों के साथ अपने प्रतिनिधि का चुनाव किया था, वे अब अधूरी प्रतीत हो रही हैं।बाढ़ की भयावहता का चित्रणयमुना की विकराल स्थिति को दोहों में इस तरह व्यक्त किया गया:"रूप भयानक ले रही, यमुना की जलधार।जनता में त्राहिमाम है, सांसद हुई फरार।।"ग्रामीणों के अनुसार खेत-खलिहान डूब गए हैं और घरों के भीतर तक पानी घुस आया है।
जनता के आक्रोश की अभिव्यक्ति
धनगर का अगला दोहा स्पष्ट रूप से चुनावी वादों और वर्तमान हकीकत के बीच के विरोधाभास को उजागर करता है:"वोटों की खातिर करी, जुमलों की बौछार।मगर जरूरत पर सदा, सांसद रहीं फरार।।"
व्यवस्था पर तीखा व्यंग्यकवि ने एक दोहे के माध्यम से अव्यवस्था पर कटाक्ष किया है:"मथुरा की सड़के लगें, जैसे हो तालाब।मैं भी रखूं खरीदकर, अपने घर में नाव।।"यह दोहा मौजूदा व्यवस्था की पोल खोलता है, जहां सड़कें अब नाव चलाने लायक हो गई हैं।
दोहों में छुपी जनभावनाओं की पुकार
रूपेश धनगर ने अपने दोहों के माध्यम से यह संदेश दिया है कि ब्रज की धरती आज त्राहिमाम कर रही है। बाढ़ और अव्यवस्थाओं के बीच सांसद की गैरमौजूदगी ने जनता के विश्वास को गहरा आघात पहुँचाया है। ये दोहे केवल साहित्यिक व्यंग्य नहीं हैं, बल्कि वे जनभावनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति भी हैं, जो वर्तमान व्यवस्था से जवाब मांग रही हैं।
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