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Mathura News: गोवर्धन में किसानों के घरों पर संकट, प्राकृतिक आपदा से फटने लगे मकान
Mathura News: इस जलभराव ने किसानों की फसलों के साथ-साथ पशुओं के चारे को भी पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि किसानों के मकानों में भी दरारें पड़ने लगी हैं।
गोवर्धन में किसानों के घरों पर संकट (photo: social media )
Mathura News: आजकल प्राकृतिक आपदा के कारण पूरा मथुरा जिला ही सुर्खियों में आया हुआ है कहीं जल भराव से फसले नष्ट हो रही है तो कहीं लोग घर से बेघर हो रहे हैं ऐसा ही एक मामला गोवर्धन क्षेत्र के गांव सीह में देखने को मिला जिसमें हजारों एकड़ भूमि जल मगन हो गई इस जलमग्न के कारण किसानो की फसल और पशुओं का चारा भी नष्ट होने के कारण किसान बर्बादी के कगार पर आ चुके हैं अब घटते जल स्तर के कारण किसानों के मकान में भी दरार आने लगी है जिससे कभी भी कोई भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है किसान अपनी बर्बादी का दुखड़ा अब किससे रोए पहले तो किसानों की फैसले बर्बाद हो गई अब आने वाली फसलों की भी कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है अगर अब मकान भी इस आपदा से धराशाई हो जाएंगे तो किसान अपना ब अपने बच्चों का गुजरा किस तरह करेंगे इन मजबूर किसानों की शुद बुध लेने अभी तक ना तो कोई नेता पहुंचे हैं और ना ही कोई प्रशासनिक अधिकारी जिससे दीनहीन हो चुके किसानों को सांत्वना मिल सके इस आपदा के द्वारा मकान फटकर गिरने के डर से ग्रामीणों का रो-रो कर बुरा हाल है गोवर्धन क्षेत्र के गांव सीह में जलभराव से हजारों बीघा फसल और पशुओं का चारा नष्ट हो गया है। अब घटते जलस्तर के कारण किसानों के मकानों में दरारें पड़ने लगी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि फसलें बर्बाद होने के बाद अब मकान भी टूटने लगे तो उनका गुजर-बसर मुश्किल हो जाएगा। इस आपदा के बीच अभी तक कोई अधिकारी या नेता हाल जानने नहीं पहुंचा है, जिससे किसान और ग्रामीण बेहद परेशान हैं।मजबूर और ग्रामीण ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से आई बाढ़ ने राया और आसपास के गांवों में लोगों की जिंदगी को मुश्किल बना दिया है। घरों में पानी भर गया है, खेत डूब गए हैं और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना लोगों के लिए चुनौती बन गया है। ऐसे समय में प्रशासन के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाएं भी मदद के लिए आगे आई हैं। बुधवार को राया जनकल्याण समिति ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचकर जरूरतमंद परिवारों को राहत सामग्री बांटी। समिति के सदस्यों ने मांट क्षेत्र के बेगमपुर, डागौली और बागरा समेत कई गांवों का दौरा किया और वहां के पीड़ित परिवारों को खाने-पीने का सामान वितरित किया। साथ ही पशुओं के लिए भी चारे की व्यवस्था की गई। समिति की ओर से कहा गया कि जब तक हालात सामान्य नहीं हो जाते, तब तक जरूरत पड़ने पर मदद पहुंचाई जाती रहेगी।राहत सामग्री मिलने के बाद ग्रामीणों के चेहरे खिल उठे। कई लोगों ने बताया कि बाढ़ की वजह से उन्हें कई दिनों से भोजन और अन्य जरूरी सामान जुटाने में परेशानी हो रही थी। समिति द्वारा दी गई मदद से उन्हें राहत मिली है।इस मौके पर उपजिलाधिकारी मांट रितु सिरोही, नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल, समिति अध्यक्ष अरविंद अग्रवाल, समाजसेवी भूपेश अग्रवाल, त्रिलोकीनाथ गर्ग, भजनलाल, ब्रजमोहन वर्मा, मनोज अग्रवाल और सचिन अग्रवाल मौजूद रहे।जनकल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि ऐसे संकट के समय समाज के सभी वर्गों को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि किसी भी परिवार को भूखा न रहना पड़े और पशुओं की भी सही देखभाल हो सके।बाढ़ प्रभावित गांवों में प्रशासन और समाजसेवी संगठनों की टीमें लगातार राहत पहुंचाने का काम कर रही हैं, लेकिन अभी भी हालात पूरी तरह से सामान्य होने में समय लगेगा।
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