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Meerut News: शिक्षा की भूमि पर रचा इतिहास: चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने पूरे किए 60 वर्ष, 61वें में नए संकल्पों संग बढ़ा कदम
Meerut News: यह विश्वविद्यालय, जो कभी 'मेरठ विश्वविद्यालय' के नाम से शुरू हुआ था, आज शिक्षा और नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने पूरे किए 60 वर्ष (photo; social media )
Meerut News: पश्चिम उत्तर प्रदेश की शैक्षणिक शान और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाले चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने मंगलवार को 60 वर्ष की शानदार यात्रा पूरी कर 61वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। इस ऐतिहासिक पड़ाव को विश्वविद्यालय परिवार ने परंपरा, श्रद्धा और भविष्य की उम्मीदों के साथ एक भव्य आयोजन के रूप में मनाया। यह विश्वविद्यालय, जो कभी 'मेरठ विश्वविद्यालय' के नाम से शुरू हुआ था, आज शिक्षा और नवाचार का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला के नेतृत्व में महापुरुषों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण, हवन-पूजन, और विश्वविद्यालय की गौरवशाली विरासत को नमन करते हुए हुई। इस विशेष अवसर पर उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने सोशल मीडिया (एक्स) पर शुभकामनाएं दीं और संस्थान की उपलब्धियों की खुले दिल से सराहना की।
विश्वविद्यालय से प्रधानमंत्री से लेकर खिलाड़ी तक निकले
अपने उद्बोधन में कुलपति प्रो. शुक्ला ने कहा, "यह विश्वविद्यालय केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि उन असंख्य सपनों की जमीन है, जहां से प्रधानमंत्री से लेकर खिलाड़ी तक निकले हैं।" उन्होंने बताया कि 1965 में 'मेरठ विश्वविद्यालय' के नाम से शुरू हुए इस संस्थान को महान किसान नेता और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के सम्मान में वर्तमान नाम दिया गया।
विश्वविद्यालय की आधुनिक शोध प्रयोगशालाएं, अत्याधुनिक पुस्तकालय, खेल सुविधाएं और निःशुल्क योग-स्वास्थ्य सेवाएं न केवल विद्यार्थियों बल्कि मेरठ शहरवासियों के लिए भी वरदान हैं। इसके अलावा, कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से शैक्षणिक सहयोग स्थापित कर शोध और नवाचार को नई दिशा दी गई है। कुलपति ने स्पष्ट किया कि आने वाला समय गुणवत्ता आधारित उच्च शिक्षा, तकनीकी नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए इस संस्थान को और मजबूती देगा।
इस अवसर पर प्रति-कुलपति प्रो. मृदुल गुप्ता, कुलसचिव डॉ. अनिल यादव, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र, परीक्षा नियंत्रक वीरेंद्र मौर्य, समेत कई विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, इंजीनियरिंग और प्रशासनिक टीम, मीडिया सेल सदस्य एवं छात्रगण उपस्थित रहे। यह समारोह विश्वविद्यालय की छह दशकों की उल्लेखनीय यात्रा का प्रमाण है, जो शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हुआ है।
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