Gorakhpur News: गोरखपुर: महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का 1 जुलाई को राष्ट्रपति करेंगी लोकार्पण

Gorakhpur News: चिकित्सा शिक्षा के समन्वय और एकीकरण की आवश्यकता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पहले आयुष विश्वविद्यालय की परिकल्पना को धरातल पर उतारा।

Purnima Srivastava
Published on: 29 Jun 2025 10:28 PM IST
Mahayogi Guru Gorakhnath Ayush University
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महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय (Photo- Newstrack)

Gorakhpur News: गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना से प्रदेश में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों का एकीकृत नियमन संभव हो सका है। इस विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुष के कॉलेजों का नियमन अलग-अलग विधाओं की संस्थाओं द्वारा किया जाता था, जिससे समन्वय में कमी आती थी। राज्य के इस पहले आयुष विश्वविद्यालय की नींव चार साल पहले रखी गई थी और अब 1 जुलाई को इसका विधिवत लोकार्पण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के कर कमलों से होने जा रहा है। यह एक विशेष बात है कि इस विश्वविद्यालय की नींव भी राष्ट्रपति के हाथों रखी गई थी और अब इसका लोकार्पण भी उन्हीं के द्वारा किया जा रहा है।

प्रदेश में पहला आयुष विश्वविद्यालय, सीएम योगी आदित्यनाथ की देन

केंद्र सरकार द्वारा प्राचीन एवं पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेद, यूनानी, सिद्धा, होम्योपैथी आदि सभी विधाओं को 'आयुष' के रूप में एकीकृत किए जाने के बाद, राज्य में इसकी चिकित्सा शिक्षा के समन्वय और एकीकरण की आवश्यकता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में पहले आयुष विश्वविद्यालय की परिकल्पना को धरातल पर उतारा। महायोगी गुरु गोरखनाथ के नाम पर यह विश्वविद्यालय गोरखपुर मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर भटहट के पिपरी में 52 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित किया गया है। इसका शिलान्यास सीएम योगी के आमंत्रण पर तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 28 अगस्त 2021 को किया था।

आयुष विश्वविद्यालय

आयुष विश्वविद्यालय के अंतर्गत आयुष की सभी विधाएं (आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, योग एवं नेचुरोपैथी, सिद्धा तथा सोवा-रिग्पा) समाहित हैं। फिलहाल आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी की शिक्षा और चिकित्सा से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा रहा है। आगामी दिनों में योग, प्राकृतिक चिकित्सा, सिद्धा और सोवा-रिग्पा की शिक्षा और चिकित्सा से जुड़ी कार्ययोजना भी तैयार हो जाएगी।

आयुष विश्वविद्यालय के संचालित न होने की दशा में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी विधाओं का नियमन इनसे संबंधित अलग-अलग संस्थाओं द्वारा किया जा रहा था, लेकिन अब इनका नियमन एक केंद्रित व्यवस्था में हो रहा है। वर्तमान में आयुष विश्वविद्यालय से 76 आयुर्वेद, 10 यूनानी और 12 होम्योपैथी सहित कुल 98 आयुष कॉलेज संबद्ध हैं। शैक्षिक सत्र 2021-22 से इस विश्वविद्यालय द्वारा आयुर्वेद विधा के अंतर्गत बीएएमएस, एमडी, एमएस, यूनानी विधा के तहत बीयूएमएस, एमडी, एमएस तथा होम्योपैथी विधा के अंतर्गत बीएचएमएस व एमडी की पढ़ाई और परीक्षाओं का नियमन किया जा रहा है।

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