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Meerut News: तूफान से बिगड़ी बिजली व्यवस्था ने किसानों की कमर तोड़ी, सिंचाई ठप, फसल पर मंडराया खतरा
Meerut News: तूफान गया लेकिन पीछे छोड़ गया तबाही की लंबी फेहरिस्त। मेरठ जनपद के सरधना विधानसभा क्षेत्र सहित कई इलाकों में बिजली व्यवस्था ध्वस्त है, और इसका सबसे बुरा असर पड़ रहा है उन किसानों पर, जिनकी फसलें अब पानी के इंतजार में मुरझाने लगी हैं।
Meerut News: तूफान गया लेकिन पीछे छोड़ गया तबाही की लंबी फेहरिस्त। मेरठ जनपद के सरधना विधानसभा क्षेत्र सहित कई इलाकों में बिजली व्यवस्था ध्वस्त है, और इसका सबसे बुरा असर पड़ रहा है उन किसानों पर, जिनकी फसलें अब पानी के इंतजार में मुरझाने लगी हैं। गांव-देहात के नलकूप ठप हैं, खेत सूख रहे हैं, और किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठा है—शायद कोई राहत आ जाए। वहीं कस्बों और शहरों में भी पेयजल संकट सिर उठाने लगा है। बिजली के बिना पानी की टंकियां नहीं भर रहीं, हैंडपंपों में मोटरें बंद पड़ी हैं।
इस पूरे हालात पर सबसे मुखर आवाज उठाई है राष्ट्रीय जाट महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित जाखड़ ने, जिन्होंने विधायक श्री अतुल प्रधान के साथ मिलकर पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एम.डी. से मुलाकात की और कहा कि अब कागज़ी कार्रवाई से बात नहीं बनेगी, जमीन पर काम दिखना चाहिए। रोहित जाखड़ ने तीखे शब्दों में कहा, "ये सिर्फ बिजली का फाल्ट नहीं है, ये किसानों की कमर तोड़ देने वाली लापरवाही है। अगर जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हुई, तो मेरठ के गांवों में संकट और गहराएगा।"
विधायक अतुल प्रधान ने भी हालात की गंभीरता को समझते हुए विभाग को निर्देश दिए हैं कि आपातकालीन व्यवस्था के तहत टीमें सक्रिय की जाएं और गांव-गांव जाकर बहाली सुनिश्चित की जाए। स्थानीय लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि हर बार आपदा के बाद यही हाल क्यों होता है? क्या बिजली विभाग के पास कोई आपदा प्रबंधन प्लान नहीं है? अब देखना होगा कि रोहित जाखड़ और विधायक अतुल प्रधान की इस पहल से सरकारी मशीनरी कितनी तेज़ी से जागती है, और खेतों में फिर से बिजली की रौशनी कब लौटती है।
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