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Lucknow News: घायल सारस-वन्य जीवों के लिए शुरू मोबाइल वेटनरी यूनिट सेवा: गोरखपुर-लखनऊ मंडल से होगी शुरुआत
Mobile Veterinary Unit: प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस का संरक्षण अब और बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। प्राकृतिक आपदाओं, शिकार या अन्य मानवीय गतिविधियों से घायल होने वाले सारस और अन्य वन्य जीवों को मोबाइल यूनिट्स के जरिए तत्काल प्राथमिक उपचार मिलेगा।
Lucknow News: Photo-Social Media
Lucknow Today News: प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में राजकीय पक्षी सारस और अन्य घायल वन्य जीवों के संरक्षण के लिए एक अहम पहल की है। अब घायल पक्षियों और वन्यजीवों को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी। इसके तहत गोरखपुर और लखनऊ मंडल में मोबाइल वेटनरी यूनिट्स (एमवीयू) की स्वीकृति दी गई है। यह सेवा खासकर पक्षी विहारों और वन क्षेत्रों में घायल जीवों को त्वरित उपचार देने में सहायक होगी।
राजकीय पक्षी सारस को बचाने की दिशा में ठोस प्रयास
उत्तर प्रदेश के राजकीय पक्षी सारस का संरक्षण अब और बेहतर तरीके से किया जा सकेगा। प्राकृतिक आपदाओं, शिकार या अन्य मानवीय गतिविधियों से घायल होने वाले सारस और अन्य वन्य जीवों को मोबाइल यूनिट्स के जरिए तत्काल प्राथमिक उपचार मिलेगा। प्रदेश के 59 जिलों में पाए जाने वाले सारस पक्षियों के लिए यह पहल बेहद जरूरी मानी जा रही है।
अन्य मंडलों में भी जल्द होगी सुविधा
वन विभाग की प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अनुराधा वेमुरी ने बताया कि लंबे समय से उत्तर प्रदेश सारस संरक्षण समिति द्वारा एमवीयू की मांग की जा रही थी। इस मांग पर अमल करते हुए पहले चरण में गोरखपुर और लखनऊ मंडलों में इसकी सुविधा दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कानपुर और मेरठ मंडलों में भी इसी तरह की यूनिट शुरू करने की योजना है, लेकिन सीमित संसाधनों के चलते फिलहाल ये संभव नहीं हो पाया है। फिर भी निकट भविष्य में इन क्षेत्रों सहित प्रदेश के अन्य मंडलों में भी यह सुविधा विस्तार पाएगी।
टाटा विंगर को बनाया गया एमवीयू, मिलेगी आधुनिक चिकित्सा सुविधा
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, टाटा विंगर गाड़ियों को विशेष रूप से मोबाइल वेटनरी यूनिट्स में बदला गया है। इनमें आधुनिक चिकित्सा उपकरण, जरूरी दवाइयां और घायल जानवरों के लिए तात्कालिक उपचार की सुविधा होगी। ये यूनिट्स घायल सारस पक्षियों के साथ-साथ छोटे वन्य जीवों को भी समय पर इलाज देने में पूरी तरह सक्षम होंगी। उपचार के बाद उन्हें निकटतम पशु चिकित्सालय में भर्ती करवा दिया जाएगा।
वन विभाग का प्रदेशभर में एमवीयू फैलाने का विचार
वन एवं वन्य जीव विभाग अब इस सेवा को प्रदेश के सभी मंडलों तक विस्तार देने की योजना बना रहा है। इस फैसले से राज्य में घायल वन्य जीवों के संरक्षण और इलाज को नई दिशा मिलेगी। वहीं यह पहल उत्तर प्रदेश को वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बनाने की दिशा में अहम कदम साबित हो सकती है।
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