Moradabad News: 1971 के युद्ध में पाकिस्तान सैनिकों के छक्के छुड़ाने वाले रिटायर्ड मेजर जगतपाल सिंह ने ताजा की सैन्य युद्ध के बारे में अपनी यादें

Moradabad News: आज जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया तो 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के सैनिकों के छक्के छुड़ाने वाले रिटायर्ड मेजर जगतपाल सिंह ने सैन्य युद्ध के बारे में अपनी यादें ताजा करते हुए न्यूज ट्रैक टीम को बताया ।

Sudhir Goyal
Published on: 7 May 2025 6:54 PM IST
Retired Major Jagatpal Singh
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Retired Major Jagatpal Singh   (photo: social media )

Moradabad News: भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये जो कर दिखाया है, उससे भारत के नागरिक ही नहीं बल्कि उन लोगों में भी अजब सा उत्साह देखने को मिला है। जिन्होंने 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ जंग के मैदान में अपना खून पसीना बहाया है। आज हम बात करते हे मुरादाबाद के ऐसे शख्स की जो फौज में रहते हुए देश की सेवा की है और जब फ़ौज से उनका नाता छूटा तब उन्होंने विधायक बन कर मुरादाबाद के लोगों की सेवा की। मगर फौज की यादें आज भी उनके दिल में जीवित हैं।

आज जब भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया तो 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के सैनिकों के छक्के छुड़ाने वाले रिटायर्ड मेजर जगतपाल सिंह ने सैन्य युद्ध के बारे में अपनी यादें ताजा करते हुए न्यूज ट्रैक टीम को बताया ।

पाकिस्तान के टैंक को अपने सैनिकों की मदद से कब्जा कर लिया

लगभग 45 वर्ष पूर्व हुए हिंदुस्तान ओर पाकिस्तान के युद्ध को ताजा करते हुए रिटायर्ड मेजर जगतपाल सिंह उर्फ जेपी सिंह ने अपने दिमाग पर जोर डालते हुए बताया कि उन्होंने पाकिस्तान के टैंक को अपने सैनिकों की मदद से कब्जा कर लिया था । परन्तु उनके पास टैंक चलाने वाला चालक नहीं था। बह सोच ही रहे थे कि तभी उन्होंने टैंक छोड़ कर भाग रहे पाकिस्तान के चालक को पकड़ लिया और हथियार से धमकाते हुए उससे कहा चलो टैंक चलाओ। ओर फिर वह टैंक चलाने लगा तो हम पाकिस्तान के टैंक से उसके ही सैनिकों पर हमला करते हुए आगे बढ़ने लगे।

रिटायर्ड जेपी सिंह ने आगे बताया कि इसी तरह से हमारी वहां पर 4-5 दिन का खतरनाक युद्ध पाकिस्तान के साथ हुआ ओर जीत हमारी हुई थी। 1971 का भारत पाक युद्ध के गवाह रह चुके मेजर जगतपाल सिंह करीब 85 वर्ष के हो चुके हैं। मुरादाबाद में वह सिविल लाइंस स्थित एसएसपी आवास के पास अपनी कोठी में रहते हैं। जेपी सिंह 1961 में सेना में भर्ती होने के बाद वह 10 जैक राइफल्स कंपनी के1971 में मेजर थे।

पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में लड़ाई लड़ी

मेजर जेपी के अनुसार उन्होंने और उनकी कंपनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 में लड़ाई लड़ी थी। उनकी फोर्स नागालैंड में तैनात थी। अचानक उन्हें इसके बाद पाकिस्तान से युद्ध करने का आदेश हुआ और उनकी कंपनी नागालैंड से होते हुए अगरतला पहुंची और जब अगरतला पहुंची तो देखा पाकिस्तानी सैनिकों ने महिलाओं के ब्रेस्ट काटकर छोड़ दिए थे और हमारे एक सरदार के गर्दन को काटकर पेड़ से लटका दिया था। यह सब देखकर हमारे सैनिकों का खून खौल उठा। इसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों से अपनी कंपनी के साथ लड़ाई लड़ते हुए आगे बढ़ने लगे।

रिटायर्ड मेजर जेपी सिंह ने आगे बताया कि उन दिनों हमारे पास आज के बराबर आधुनिक हथियार तो नहीं थे। परन्तु जो भी थे बहुत थे। बाकी हमारे हिम्मत बहुत थी। इसी हिम्मत के भरोसे हमारी कंपनी पाकिस्तानी सैनिकों को मारते, पीटते और खदेड़़ते हुए ब्रह्मपुत्र तक पहुंच गई। और उसके बाद जब हम चले तो पाकिस्तान के टैंक हम पर हमला कर रहे थे। मेजर जेपी सिंह ने आगे बताया कि 1971 भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी ओर हार का सामना करना पड़ा था।

16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया

पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया और बांग्लादेश के रूप में एक नया देश बना। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। सीजफायर होने की घोषणा तक हम 96 000 पाकिस्तानियों को बंधक बना चुके थे। इसके बाद ऊपर से हमें आदेश मिला कि शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार की सुरक्षा की जाए। इसके बाद हम वहां से ढाका पहुंचे और वहां भी पाकिस्तानियों को मार भगाया। कई दिनों तक हमने शेख मुजीबुर रहमान के परिवार पत्नी और उनकी बेटी शेख हसीना की रक्षा की।

बहुत ताकत है आज बाजुओं में

रिटायर्ड मेजर जगतपाल सिंह ने बताया कि आज जब हम भारत की एयर स्ट्राइक देख रहे थे तो मेरा मन कह रहा था अगर मुझे हथियार दे दिया जाए तो इस 85 साल की उम्र में मैं अभी भी दुश्मन पर गोलियां बरसा सकता हु। परन्तु भारत की सेना ने जो कर दिखाया है, उसको मेरी ओर से जय माता दी है।

पाकिस्तान के साथ कोई नहीं खड़ा होगा

मेजर जगतपाल सिंह पाकिस्तान उस स्थिति में नहीं है कि वह भारत पर मिसाइल से हमला कर सके। बस वह चेक पोस्टों पर या कभी दो-चार सैनिक हमने उनके मार दिए कभी उधर से उसने फायरिंग कर दी। इससे अधिक पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता है और उसका साथ देने वाला कोई नहीं है।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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