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Muzaffarnagar News: मुस्लिम महिला शबनम की शिव में अगाध आस्था, पति संग हरिद्वार से लाईं कांवड़; बोलीं - "हिंदू धर्म में मिला सम्मान
Muzaffarnagar News: शबनम ने खुले तौर पर कहा है कि लव मैरिज के बाद उन्हें हिंदू धर्म में "अधिक सम्मान" मिला है।
Muzaffarnagar News: सावन मास की कांवड़ यात्रा के दौरान शुक्रवार को मुजफ्फरनगर जनपद में मुस्लिम महिला शबनम (अब सोनम बाल्मीकि) की शिव में अगाध आस्था का एक अनूठा उदाहरण देखने को मिला। वह अपने पति पवन बाल्मीकि के साथ हरिद्वार से 40 लीटर गंगाजल भरकर गाजियाबाद के लिए कांवड़ लेकर पैदल यात्रा कर रही हैं। शबनम ने खुले तौर पर कहा है कि लव मैरिज के बाद उन्हें हिंदू धर्म में "अधिक सम्मान" मिला है।
भावुक क्षणों में, शबनम ने बताया कि उन्होंने अपनी कांवड़ पर अपने सास-ससुर की तस्वीरें भी लगाई हुई हैं। उनकी योजना है कि यात्रा पूरी होने के बाद, 23 तारीख को शिवरात्रि के दिन भगवान शिव शंकर पर जलाभिषेक करने के बाद, वह बचे हुए गंगाजल से अपने सास-ससुर को स्नान कराएंगी। यह उनकी मन्नत का हिस्सा है।
गाजियाबाद में एक अस्पताल में काम करते हैं पवन
शबनम ने अपनी प्रेम कहानी साझा करते हुए बताया कि उनके पति पवन गाजियाबाद में एक अस्पताल में काम करते हैं और उनकी मुलाकात 9 साल पहले वहीं हुई थी। "मुझे ये मेरा भोला पवन बहुत अच्छा लगा था," शबनम ने कहा, "इसलिए हम दोनों ने लव मैरिज कर ली।" अब उनके दो बच्चे हैं, एक 6 साल की बेटी और 4 साल का बेटा। शबनम ने इस बात पर जोर दिया कि इस धर्म में आने के बाद उन्हें बहुत सम्मान मिला है, खासकर उनके सास-ससुर बहुत अच्छे हैं जो उन्हें घर में इज्जत देते हैं और उन्होंने उन्हें रहना-खाना और जीवन जीना सिखाया है।
शबनम पहले भी कांवड़ यात्रा पर आ चुकी हैं, लेकिन इस बार की यात्रा उनके सास-ससुर के लिए विशेष मन्नत से जुड़ी है। उनके पति पवन ने बताया कि उन्होंने 12 जुलाई को हरिद्वार हर की पौड़ी से 40 लीटर गंगाजल की कांवड़ उठाई थी, जिसे वे दोनों मिलकर प्रतिदिन 10 से 20 किलोमीटर पैदल लेकर चलते हैं। शबनम का कहना है कि वे 22 तारीख तक गाजियाबाद पहुँच जाएंगे। यह कहानी आस्था, प्रेम और सामाजिक सद्भाव का एक खूबसूरत संगम प्रस्तुत करती है।
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