Noida: WhatsApp ग्रुप से जुड़ना पड़ गया भारी, रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर से 2.28 करोड़ की साइबर ठगी!

उत्तर प्रदेश के नोएडा में ऊर्जा मंत्रालय के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर के साथ 2.28 करोड़ की ठगी का मला सामने आया है। ठगों ने सोशल मीडिया के जरिये संपर्क किया और उनको मुनाफा के दौरान जाल में फसाया। जानें क्या है पूरा मामला...

Priya Singh Bisen
Published on: 26 Sept 2025 12:31 PM IST
Noida News
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Noida News (photo: social media)

Noida News: साइबर ठगों ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारी को शेयर बाजार में बड़े मुनाफे का लालच देकर 2.28 करोड़ रुपये ठग लिए। ठगों ने 15 जुलाई से 11 अगस्त के बीच 13 बार में राशि का ट्रांसफर कराया। मुनाफा और राशि ना मिलने पर पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

वाट्सएप से हुआ संपर्क

नोएडा सेक्टर 33 के निवासी प्रदीप कुमार नवीन ऊर्जा मंत्रालय के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें शेयर बाजार में भी दिलचस्पी है। 10 जुलाई को उनके वाट्सएप पर शेयर बाजार से जुड़ी एक लिंक प्राप्त हुई थी। इसके जरिये वह एक व्हाट्सएप समूह से जुड़ गए। फिर ठगों ने शेयर बाजार के विशेषज्ञ बनकर प्रदीप से बात की। ठगों ने उनकी मार्गदर्शन और सलाह के अनुसार शेयरों में निवेश पर 15 से 20 प्रतिशत लाभ होने का वादा किया।

ग्रुप में शामिल लोग हर दिन मुनाफे के स्क्रीनशॉट साझा करते, जिससे प्रदीप को यकीन हो गया कि धोखेबाजों ने पीड़ित का एप पर रजिस्ट्रेशन करके छोटे-छोटे निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। भरोसा बढ़ाने के लिए शुरुआत में मुनाफा और मूल धन उसके बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया। इसने प्रदीप को एप और निवेश को सही मानने का विश्वास दिला दिया।

ठग जैसे-जैसे अपना खेल खेलते रहे, प्रदीप रकम हस्तांतरित करते रहे। वह पैसे निकालने की कोशिश करते हुए ठग नए-नए शेयर खरीदने और आइपीओ में योजनाएं बताने लगते या स्कोर में कमी का हवाला देते। इस प्रकार ठगों ने 13 बार में 2.28 करोड़ रुपये ले लिए।

साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज

एप पर पोर्टफोलियो नौ करोड़ से अधिक का दिखने लगा। पीड़ित ने 11 अगस्त को पूरी राशि निकालने की कोशिश की तो धोखेबाज़ों ने और पैसे जमा करने के लिए कह दिया। पीड़ित ने राशि की कमी बताई तो धोखेबाजों ने संपर्क समाप्त कर लिया।

पीड़ित ने अपनी शिकायत पहले एनसीआरपी पोर्टल पर और फिर पुलिस के पास दर्ज करवाई। एडीसीपी साइबर शैव्या गोयल ने बताया कि पीड़ित की शिकायत के अनुसार मामला दर्ज किया गया है। अब धोखाधड़ी से जुड़े बैंक खातों की जानकारी एकत्रित की जा रही है।

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