TRENDING TAGS :
ओपी राजभर ने की भाजपा से बगावत, बिहार चुनाव में NDA से हुए अलग, 153 सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान
बिहार चुनाव में एनडीए से अलग हुए ओपी राजभर। सीट बंटवारे से नाराज़, सुभासपा 153 सीटों पर उतारेगी उम्मीदवार। गठबंधन की बातचीत जारी।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री और सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बिहार में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) से नाता तोड़ने का ऐलान कर दिया है। इसका कारण है—बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए द्वारा सुभासपा को एक भी सीट नहीं देना।
राजभर एनडीए के इस रवैये से बेहद नाराज़ हैं और अब उन्होंने बिहार में अपने दम पर 153 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है।
NDA से नाराज़गी के कारण
एनडीए ने हाल ही में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा किया, जिसमें बीजेपी और जेडीयू को 101-101 सीटें, लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें, और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) व राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को 6-6 सीटें दी गईं। लेकिन सुभासपा को एक भी सीट नहीं दी गई, जिससे पार्टी प्रमुख ओपी राजभर ने नाराज होकर अलग राह चुन ली।
ओपी राजभर ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि जब बीजेपी को उपचुनावों में मदद की जरूरत थी, तब उनके नेता उनके दरवाज़े पर गुहार लगा रहे थे। उन्होंने कहा कि:
"बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने खुद मदद मांगी थी, हमारी बात जेपी नड्डा और अमित शाह तक पहुंची थी। हमने गृह मंत्री से मिलकर अपने कार्यक्रमों की जानकारी दी थी। उन्होंने आश्वासन भी दिया था कि चुनाव में बैठकर बात करेंगे। लेकिन अब हमें पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया गया।"
बिहार में 'तीसरा मोर्चा' बनाने की योजना
ओपी राजभर ने बताया कि उनकी पार्टी बिहार में प्रजापति, राजभर और राजबंशी जैसे पिछड़े वर्गों के समर्थन से एक मजबूत जनाधार बना सकती है। उन्होंने कहा, "इन जातियों की बिहार में अच्छी-खासी आबादी है, कहीं 20 हजार तो कहीं 80 हजार तक वोट हैं। इनका कोई राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं है। सभी बड़े दल इन्हें सिर्फ अपना वोट बैंक मानते हैं, लेकिन टिकट नहीं देते। ऐसे में हम एक नया मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ेंगे।"
JMM और तेज प्रताप यादव की पार्टी से गठबंधन की बातचीत
सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरविंद राजभर ने बलिया में मीडिया को बताया कि:
• पार्टी बिहार में 153 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
• प्रत्याशियों की घोषणा पटना में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की जाएगी।
• झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और तेज प्रताप यादव की पार्टी से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है।
• गठबंधन पर अंतिम फैसला सोमवार रात तक लिया जा सकता है।
अरविंद राजभर ने एनडीए नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग कहते हैं कि हमारे पास 500 वोट भी नहीं हैं, उन्हें बिहार चुनाव में असली ताकत का अंदाज़ा तब होगा जब वे खुद 500 वोटों से हारेंगे।” उन्होंने यह भी दावा किया कि सुभासपा की भागीदारी से NDA और INDIA गठबंधन दोनों के समीकरण बदल सकते हैं, क्योंकि पार्टी का असर कई सीटों पर पड़ने वाला है।
RJD ने दिया था पांच सीटों का ऑफर, लेकिन सुभासपा ने ठुकराया
अरविंद राजभर ने खुलासा किया कि जब एनडीए से बातचीत विफल रही, तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने सुभासपा को पांच सीटों का प्रस्ताव दिया था। लेकिन सुभासपा ने इसे अस्वीकार कर दिया, क्योंकि वे सम्मानजनक भागीदारी चाहते थे, न कि सांकेतिक सीटें।
अरविंद राजभर ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चाहते थे कि सुभासपा को सीटें मिलें, लेकिन एनडीए के अंदरूनी समीकरणों के चलते यह संभव नहीं हो पाया।
ओपी राजभर ने बिहार में हुई जनगणना को भी गलत और भ्रामक करार दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में कई पिछड़ी और अति पिछड़ी जातियों की सही गिनती नहीं हुई है, और यह सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
NDA की सीट शेयरिंग: लोकसभा का फॉर्मूला बना आधार
बिहार विधानसभा सीटों के बंटवारे में एनडीए ने 2024 लोकसभा चुनाव को आधार बनाया। इसमें:
• बीजेपी ने 17 लोकसभा सीटें लड़ीं, जिनके अंतर्गत 104 विधानसभा सीटें आती हैं।
• जेडीयू ने 16 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जो 97 विधानसभा सीटों में बदलती हैं।
• दोनों दलों ने 101-101 सीटों पर समझौता कर लिया।
• लोजपा (रामविलास) को 5 लोकसभा सीटों के बदले 29 विधानसभा सीटें मिलीं।
• HAM और RLM को 1 लोकसभा सीट के बदले 6-6 विधानसभा सीटें दी गईं।
लेकिन सुभासपा को इस पूरे गणित में जगह नहीं मिली, जिससे ओपी राजभर नाराज़ हो गए और बगावत का रास्ता अपना लिया।
AI Assistant
Online👋 Welcome!
I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!


