हाई कोर्ट का बड़ा फैसला! फिर से खुलेंगे श्रावस्ती के 30 मदरसे, सरकार का आदेश रद्द

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने श्रावस्ती के 30 मदरसों को बड़ी राहत दी है।

Priya Singh Bisen
Published on: 22 Aug 2025 3:10 PM IST (Updated on: 22 Aug 2025 3:20 PM IST)
Uttar Pradesh
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Uttar Pradesh (photo: social media)

Uttar Pradesh: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने श्रावस्ती के 30 मदरसों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने जिला प्रशासन की तरफ से जारी बंद करने की नोटिस को रद्द करते हुए सभी मदरसों को फिर से खोलने का निर्देश दिया है। जस्टिस पंकज भाटिया की सिंगल बेंच ने यह निर्देश देते हुए कहा कि प्रशासन ने नोटिस जारी करते वक़्त प्रभावित पक्ष यानी मदरसों को अपना पक्ष रखने का सही से मौक़ा नहीं दिया। इसे प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ मानते हुए अदालत ने नोटिस को दोषपूर्ण करार दिया।

भले ही हाई कोर्ट की बेंच ने भले मदरसों को बंद करने का नोटिस रद्द कर दिया हो लेकिन राज्य सरकार को कानून के आधार पर नए नोटिस जारी करने की छूट भी दे दी है।

5 जून को नोटिस पर लगाई गई थी रोक

पंकज भाटिया की बेंच ने मदरसा मोइनुल इस्लाम कासमिया समिति और अन्य मदरसों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए ये निर्देश दिया गया है। इससे पहले हाई कोर्ट ने 5 जून को एक अंतरिम आदेश पारित कर इन नोटिसों पर अंतरिम रोक लगा दी थी। सरकार की नोटिस के खिलाफ अदालत का सख्त रुख करने वाले मदरसों का पक्ष था कि नोटिस बिना सोचे-समझे जारी किए गए थे, क्योंकि सभी नोटिसों में एक ही नंबर था।

आपको बता दे, आरोप लगाए गए कि उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने मदरसों के खिलाफ बिना कोई मौका दिए कार्रवाई कर दी। इसलिए राज्य की कार्रवाई पूर्ण रूप से अवैध और दुर्भावनापूर्ण है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से ये तर्क दिया गया कि ये कार्रवाई यूपी गैर-सरकारी अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा विनियम, 2016 के अंतर्गत की गई थी और इसमें कोई अवैधता नहीं थी। इसके बाद भी कोर्ट ने मदरसों को एक तरह से तत्काल राहत देने का निर्देश दिया है।

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