Pratapgarh News: मोहर्रम पर टकराव: राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 समर्थक हाउस अरेस्ट

Pratapgarh News: हर साल की तरह, जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह और उनके 12 समर्थकों को हाउस अरेस्ट कर लिया है। शेखपुर गांव में मोहर्रम को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है।

Sanjay Pal Pratapgarh
Published on: 6 July 2025 10:49 AM IST
Pratapgarh News: मोहर्रम पर टकराव: राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 समर्थक हाउस अरेस्ट
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Pratapgarh News: प्रतापगढ़ से खबर है कि राजा भैया के पिता, भदरी के राजा उदय प्रताप सिंह समेत 13 समर्थकों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। आज से रात 9 बजे तक राजा उदय प्रताप सिंह और उनके करीबी समर्थक नज़रबंद रहेंगे। एसडीएम कुंडा के आदेश पर कोतवाल ने भदरी महल गेट पर नोटिस चस्पा किया है।महल के बाहर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। यह कार्रवाई मोहर्रम का जुलूस सकुशल सम्पन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा की गई है।

गौरतलब है कि 2016 से लगातार मोहर्रम के मौके पर प्रशासन राजा उदय प्रताप को हाउस अरेस्ट करता आ रहा है। मोहर्रम के दिन भंडारे के आयोजन को लेकर राजा और प्रशासन के बीच हर साल टकराव की स्थिति बनती है। प्रशासन का कहना है कि मोहर्रम के दिन भंडारे की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि एक साथ दोनों आयोजन होने पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका रहती है।वहीं राजा उदय प्रताप सिंह बंदर की मौत की बरसी पर भंडारा करने की जिद पर अड़े रहते हैं।

राजा उदय प्रताप सिंह, कुंडा विधायक राजा भैया के पिता हैं और भदरी रियासत के राजा हैं। यह मामला कुंडा कोतवाली के अंतर्गत आने वाले शेखपुर गांव का है।इस बार भी, हर साल की तरह, जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह और उनके 12 समर्थकों को हाउस अरेस्ट कर लिया है। शेखपुर गांव में मोहर्रम को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इलाके में पुलिस और पीएसी की तैनाती कर दी गई है, और ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है।राजा उदय प्रताप को हाउस अरेस्ट किए जाने से उनके समर्थकों में आक्रोश है, वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि यह कार्रवाई मोहर्रम का जुलूस शांतिपूर्वक सम्पन्न कराने के उद्देश्य से की गई है।

दरअसल, मामला 2012 का है, जब कुंडा के शेखपुर गांव में सड़क किनारे एक बंदर की मौत हो गई थी। इसके बाद ग्रामीणों ने वहां एक हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया। वहाँ हनुमान पाठ और भंडारे का आयोजन होने लगा, जिसकी जिम्मेदारी राजा उदय प्रताप सिंह उठाते थे।यह भंडारा मोहर्रम की दसवीं तारीख को आयोजित होता था। 2013 और 2014 में भंडारा और मोहर्रम का जुलूस साथ-साथ निकले। लेकिन 2015 में मुस्लिम समुदाय ने हनुमान मंदिर पर भंडारे और झंडे के विरोध में ताजिया नहीं उठाई और ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया।

मामला प्रशासन तक पहुंचा। अगले दिन तत्कालीन डीएम और एसपी ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया और ताजिया को दफन कराया गया।2016 में स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई जब प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारे की अनुमति नहीं दी। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, लेकिन कोर्ट ने फैसला जिलाधिकारी के विवेक पर छोड़ दिया। इसके बाद से हर साल मोहर्रम के दिन राजा उदय प्रताप सिंह को हाउस अरेस्ट कर दिया जाता है।2016 से 2025 के बीच उन्हें 8 बार हाउस अरेस्ट किया जा चुका है। इस साल भी उनके और उनके 12 समर्थकों को नजरबंद कर दिया गया है।

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