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Sonbhadra News: चकबंदी में गड़बड़ी पर सियासी बवाल, भाकियू का लगातार धरना, सपा ने दिया समर्थन, कहा- 'दूसरे उभ्भाकांड की रची जा रही पृष्ठभूमि'

Sonbhadra News: भैंसवार गांव में 40 वर्ष बाद भी चकबंदी की प्रक्रिया पूरी न हो पाने और चकबंदी में कथित गड़बड़ियां बरतने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा हैं।

Kaushlendra Pandey
Published on: 23 Jun 2025 7:49 PM IST
Political talk on mess in Chakbandi, continuous sit-in of BHAKIU, support given by SP
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चकबंदी में गड़बड़ी पर सियासी बवाल, भाकियू का लगातार धरना, सपा ने दिया समर्थन (Photo- Newstrack)

Sonbhadra News: सोनभद्र । घोरावल क्षेत्र के भैंसवार गांव में 40 वर्ष बाद भी चकबंदी की प्रक्रिया पूरी न हो पाने और चकबंदी में कथित गड़बड़ियां बरतने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा हैं। एक साथ 450 काश्तकारों की आपत्तियां खारिज करने के बाद से जहां गांव में आक्रोश की स्थिति बनी हुई हैं। वहीं, अब इस मसले को लेकर सियासी बवाल जैसी परिस्थितियां बनने लगी हैं। फिलहाल जहां भारतीय किसान यूनियन लोकशक्ति पिछले 34 दिनों से भैंसवार गांव में लगातार धरना-प्रदर्शन जारी रखे हुए है। वहीं, सोमवार को सपा की तरफ से पूर्व विधायक रमेश दूबे ने काश्तकारों के इस आंदोलन को पूर्ण रूप से समर्थन देने का ऐलान किया और जिला प्रशासन और चकबंदी महकमे पर सोनभद्र में एक और उभ्भाकांड की पृष्ठभूमि रचने का आरोप लगाते हुए, गड़बड़ियों को जल्द दुरूस्त कराने की मांग की।

- लंबे समय से उलझा हुआ है भैंसवार की चकबंदी का मसला:

बताते चलें कि भैंसवार गांव में 1470 खातेदारों से जुड़ी जमीन की चकबंदी प्रक्रिया अधर में अटकी पड़ी है। आरोप है कि इसमें से ज्यादातर खातेदारों के साथ गड़बड़ी बरती जा रही है। कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपने खाते यानी हिस्से वाली जमीन पहली ही दूसरों को बेच दी है। अब इन खातेदारों को, जिन खातेदारों ने जमीन नहीं बेची है, उन्हीं के हिस्से में, कब्जा दिलाने की कोशिश हो रही है। मामले में हाईकोर्ट की तरफ से नापी और प्रकरण के न्यायपूर्ण निस्तारण के आदेश दिए जा चुके हैं लेकिन अब तक हल नहीं निकल नहीं पाया है। पूर्व में जब इस मसले ने तूल पकड़ा था तब चकबंदी के कुछ कर्मियों पर कार्रवाई भी की गई थी लेकिन बाद में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। ग्रामीणों का कहना था कि बरती गई गड़बड़ियों को लेकर एक-दो काश्तकारों ने नहीं, 450 ने आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन चकबंदी के अधिकारियों ने बगैर किसी सुनवाई, तथ्यों पर विचार किए बिना ही, महज एक दिन में सभी 450 आपत्तियां खारिज कर दी गईं। मजबूरन ग्रामीणों को धरना-प्रदर्शन का सहारा लेना पड़ा।

- 1470 खातेदारों से जुड़ी है प्रश्नगत चकबंदी की प्रक्रिया:

मौजूदा समय में भाकियू लोकशक्ति किसानों के इस धरना-प्रदर्शन की अगुवाई में जुटा हुआ है। लगातार 34 दिनों से धरना-प्रदर्शन जारी है लेकिन अभी तक इस मसले का कोई हल नहीं निकल पाया है। वहीं, सोमवार को भैंसवार पहुंचे सपा के पूर्व विधायक रमेशचंद्र दूबे ने जिला प्रशासन और चकबंदी महकमे पर प्रकरण को और उलझाने का आरोप लगाया। कहा कि भैंसवार गांव में कुल 1470 खातेदार हैं। इनमें से बड़ी संख्या में किसान गड़बड़ी से प्रभावित हैं। 450 आपत्तियों को एक ही दिन में खारिज कर दिया।

- हक के लिए काश्तकारों को कई जगह देनी पड़ी रिश्वत:

अपने हक के लिए काश्तकारों को कई जगह रिश्वत देनी पड़ी। कई परिवार ऐसे हैं जिनके यहां चूल्हा जलाने को लेकर मुश्किल की स्थिति है। बावजूद 34 दिन से चल रहे धरने का अब तक किसी भी जिम्मेदार अफसर ने संज्ञान लेने की जरूरत नहीं समझी। वहीं, किसानों का कहना था कि वह बरती जा रही गड़बड़ियों को लेकर शासन-प्रशासन दोनों जगह गुहार लगा रहे हैं लेकिन कहीं से भी उन्हें राहत नहीं मिल पा रही।

- नहीं दिखाई गई संजीदगी तो बन सकती है उभ्भा जैसी परिस्थितिः उभ्भा

पूर्व विधायक ने कहा कि भैंसवार के काश्तकार अन्याय और शोषण के शिकार हैं। इन्हें राहत देने की बजाय उदासीनता बरती जा रही है। उन्हें धरने पर बैठने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कहा कि यहां के जिस तरह के हालात हैं, अगर उसको लेकर जिला प्रशासन ने अब भी संजीदगी नहीं दिखाई गई तो सोनभद्र में एक और उभ्भाकांड की स्थिति नजर आ सकती है। कहा कि सपा यहां के लोगों के साथ, उनके हक के लिए हमेशा संघर्ष के लिए तैयार हैं। इस दौरान भाकियू लोकशक्ति के जिलाध्यक्ष बिरजू कुशवाहा, संजय यादव, रामपाल पटेल, मनोज कुमार यादव, शिवपूजन, सीताराम सिंह, कैलाश, बहादुर, सिद्धनाथ मौर्य सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही।

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