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Raebareli News: रायबरेली में कुत्तों का आतंक जारी, दो माह में 23,000 से अधिक मामले दर्ज; प्रशासन बेखबर
Raebareli News: जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना के अनुसार, जनवरी से अब तक कुल 23,404 कुत्ते काटने के मामले सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किए गए हैं।
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Raebareli News: जनपद रायबरेली में आवारा कुत्तों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ समय से कुत्ते के काटने के मामलों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिसके चलते लोग एंटी-रेबीज वैक्सीन (ARV) लगवाने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं।
हालिया घटनाएं:
शिवगढ़ क्षेत्र: चार दिन पूर्व शिवगढ़ क्षेत्र में आवारा कुत्तों ने तीन बच्चों को काट लिया। कसना गांव में एक ही परिवार के 9 वर्षीय शनि और 11 वर्षीय अंशिका को मोहल्ले में कथा कार्यक्रम में जाते समय एक आवारा कुत्ते ने हमला किया। बच्चों की चीख सुनकर ग्रामीणों ने डंडे लेकर कुत्ते को भगाया। इसी दिन शिवगढ़ नगर पंचायत के पिपरी में 13 वर्षीय ज्योति भी कुत्ते के हमले का शिकार हुई। तीनों घायल बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवगढ़ ले जाकर एंटी-रेबीज इंजेक्शन दिया गया हैं।
महाराजगंज क्षेत्र: 1 जून को थाना महाराजगंज क्षेत्र में एक पागल कुत्ते ने 15 लोगों (बच्चों, महिलाओं और पुरुषों सहित) को काट लिया था। सभी घायलों को अस्पताल ले जाकर इलाज किया गया। इस घटना के बाद लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से आतंक फैलाने वाले कुत्तों को पकड़ने की मांग की थी।
आंकड़ों में भयावहता:
जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डीएस अस्थाना के अनुसार, जनवरी से अब तक कुल 23,404 कुत्ते काटने के मामले सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज किए गए हैं। इनमें 18,915 मामले आवारा कुत्तों के हैं, जबकि 4,489 मामले पालतू कुत्तों के काटने के हैं। इन सभी मामलों में प्रभावित लोगों को टीकाकरण किया गया है।
डॉक्टरों की सलाह और प्रशासनिक उदासीनता:
डॉक्टरों का कहना है कि बढ़ती गर्मी के साथ कुत्ते अधिक आक्रामक हो जाते हैं। उन्होंने इस मौसम में जंगली और पालतू कुत्तों से बचकर रहने की सलाह दी है। साथ ही, पालतू कुत्तों को समय-समय पर टीका लगवाने और कुत्ते के काटने पर घाव को कम से कम 10-15 मिनट तक साबुन या डेटॉल से साफ करने के बाद तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर टीकाकरण करवाने की हिदायत दी है।
हालांकि, प्रशासनिक स्तर पर इस समस्या से निपटने के लिए कोई ठोस योजना नजर नहीं आ रही है। जिला विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय ने बताया कि आवारा जंगली कुत्तों को पकड़ने के लिए फिलहाल ग्रामीण स्तर पर प्रशासन की ओर से कोई योजना नहीं है। वहीं, नगर पालिका रायबरेली के कार्यकारी अधिकारी सवर्ण सिंह ने बताया कि आवारा कुत्तों को पकड़ने का टेंडर बड़े नगर निगमों में तो होता है, लेकिन अभी तक नगर पालिका रायबरेली में ऐसा कोई टेंडर नहीं हुआ है।
यह स्थिति रायबरेली में जनमानस के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है, जहाँ आवारा कुत्तों के आतंक से लोग भयभीत हैं और प्रशासन की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है।
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