Hapur News: हापुड़ में 'फर्जी बुकिंग' से तड़प रहे मरीज, एंबुलेंस का लंबा इंतज़ार; सीएमओ ने शासन को भेजी रिपोर्ट

Hapur News: हापुड़ में गंभीर मरीजों को समय पर एंबुलेंस न मिलना जानलेवा साबित हो रहा है। फर्जी बुकिंग और centralized सिस्टम के चलते मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। सीएमओ ने दो एंबुलेंस चालकों को नोटिस जारी किया और रिपोर्ट शासन को भेजी। सिस्टम में सुधार की मांग तेज़ हो गई है।

Avnish Pal
Published on: 22 Jun 2025 6:59 PM IST
Hapur News: हापुड़ में फर्जी बुकिंग से तड़प रहे मरीज, एंबुलेंस का लंबा इंतज़ार; सीएमओ ने शासन को भेजी रिपोर्ट
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Hapur News: जिले में गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए एंबुलेंस मिलना अब जानलेवा साबित हो रहा है। रेफर किए गए मरीजों को पल-पल एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ता है, और इस प्रक्रिया की जटिलता उनकी जान पर भारी पड़ रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ एंबुलेंस चालक फर्जी बुकिंग का सहारा लेकर मनमाने ढंग से घूम रहे हैं, जिससे जरूरतमंदों तक समय पर मदद नहीं पहुंच पा रही। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) ने इस गंभीर मुद्दे पर एंबुलेंस के जिला कोआर्डिनेटर को नोटिस जारी किया है और पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी है।

जटिल बुकिंग प्रक्रिया और एंबुलेंस चालकों की मनमानी

हापुड़ में सरकारी एंबुलेंस की बुकिंग लखनऊ से केंद्रीकृत होती है। इसके लिए डायल-108 पर कॉल करना पड़ता है, जिसके बाद लखनऊ कंट्रोल रूम मरीज की बीमारी, लोकेशन और गंतव्य जैसी जानकारी नोट करता है। फिर संबंधित एंबुलेंस को सूचना दी जाती है, और चालक बुकिंग करने वाले नंबर से संपर्क कर मरीज के पास पहुंचता है। इस लंबी प्रक्रिया में अक्सर एक घंटे तक का समय लग जाता है, जो गंभीर मरीजों के लिए "गोल्डन आवर" को खो देता है। सीएमओ डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि एंबुलेंस की बुकिंग का कंट्रोल रूम जिले पर होना चाहिए, क्योंकि लखनऊ में होने से नियंत्रण में समस्या हो रही है।

फर्जी बुकिंग का खुलासा

सीएमओ को शनिवार को दो एंबुलेंस फर्जी बुकिंग पर चलते हुए मिलीं। एक एंबुलेंस बाबूगढ़ के पास हाईवे पर पकड़ी गई। चालक ने बताया कि वह मरीज लेने जा रहा है, जबकि रिकॉर्ड में वह मरीज को छोड़ने के लिए बुक हुई थी। पूछताछ करने पर चालक ने बताया कि वह डीजल लेने जा रहा था क्योंकि बाबूगढ़ में डीजल अच्छा मिलता है, लेकिन वाहन की टंकी पूरी भरी हुई पाई गई। ऐसी ही एक और एंबुलेंस भी संदिग्ध पाई गई। सीएमओ ने इन दोनों एंबुलेंस के चालकों को नोटिस जारी किया है और जिला कोआर्डिनेटर को जवाब तलब किया है।

स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार क्या बोले?

सीएमओ डॉ. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि, "एंबुलेंस को फर्जी तरीके से चलाया जा रहा है। हमारी पकड़ में ऐसे मामले आए हैं, जिनकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। हम सप्ताह में किसी भी दिन एंबुलेंस के संचालक का औचक निरीक्षण कराएंगे।" उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि स्थानीय स्तर पर नियंत्रण की कमी के कारण यह समस्या बढ़ रही है।

सिखेड़ा में हाल ही में दो मासूम बच्चों के मामले में भी ऐसी ही स्थिति सामने आई थी, जहां अस्पताल में एंबुलेंस खड़ी होने के बावजूद बुकिंग में वह एंबुलेंस मिली जो सात किलोमीटर दूर रेलवे फाटक के दूसरी ओर फंसी हुई थी। यह दर्शाता है कि यह सिर्फ इक्का-दुक्का घटना नहीं, बल्कि एक गंभीर प्रणालीगत समस्या है, जिसका खामियाजा मरीजों को अपनी जान गंवाकर चुकाना पड़ रहा है।

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Shivam Srivastava

Shivam Srivastava

Shivam Srivastava is a multimedia journalist with over 4 years of experience, having worked with ANI (Asian News International) and India Today Group. He holds a strong interest in politics, sports and Indian history.

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