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Raebareli News: इंस्टाग्राम रील्स का काला सच: एक के दस करने के लालच में किशोर लुटे, पुलिस ने बचाया
Raebareli News: इंस्टाग्राम रील से प्रभावित होकर दो किशोर न केवल घर से भागे बल्कि लूटपाट का शिकार भी हुए। पुलिस की तत्परता से दोनों को सकुशल बरामद कर लिया गया है।
Raebareli News: सोशल मीडिया, खासकर इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही रील्स किस कदर युवाओं को गुमराह कर सकती हैं, इसका एक सनसनीखेज मामला रायबरेली से सामने आया है। यहां एक ऐसी इंस्टाग्राम रील से प्रभावित होकर दो किशोर न केवल घर से भागे बल्कि लूटपाट का शिकार भी हुए। पुलिस की तत्परता से दोनों को सकुशल बरामद कर लिया गया है।
मामला मिल एरिया थाना क्षेत्र का है, जहां बीती पांच मई को सतना (मध्य प्रदेश) के एक निवासी ने अपने सत्रह वर्षीय बेटे के लापता होने की सूचना दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया था कि वह नौकरी के सिलसिले में रायबरेली में किराए पर रहता है और उसका बेटा अचानक कहीं चला गया है। नाबालिग से जुड़ा मामला होने के कारण पुलिस तुरंत हरकत में आई और आज लापता बालक समेत रायबरेली के एक अन्य किशोर को सकुशल ढूंढ निकाला।
बच्चों की बरामदगी के बाद जो चौंकाने वाली कहानी सामने आई, वह हर माता-पिता के लिए एक सबक है। सतना से लापता किशोर ने बताया कि उसने इंस्टाग्राम पर एक रील देखी थी, जिसमें 'एक लगाओ और दस पाओ' का दावा किया गया था। इस रील से वह इतना प्रभावित हुआ कि उसने रायबरेली में रहने वाले अपने एक परिचित किशोर से संपर्क किया। उसने योजना बनाई कि वह अपनी मां के कुछ आभूषण लेकर आएगा, जिसे बेचकर रील में बताए गए पते पर निवेश करेगा और दस गुना मुनाफा कमाकर लौटेगा, जिससे घरवाले भी नाराज नहीं होंगे।
इसी योजना के तहत सतना का किशोर रायबरेली पहुंचा, जहां दोनों किशोर लखनऊ गए। वहां उनके एक मित्र ने सतना से लाए गए सत्रह ग्राम सोने को एक सुनार के यहां 72 हजार रुपये में बिकवा दिया। इस पैसे को लेकर रायबरेली और सतना के दोनों किशोर भुसावल के पास मलकापुर पहुंचे, क्योंकि इंस्टाग्राम रील में उसी जगह का पता दिया गया था।
मलकापुर पहुंचकर उन्होंने इंस्टाग्राम पर दिए गए मोबाइल नंबर पर उस व्यक्ति को फोन किया जिसने रील में एक का दस गुना देने का वादा किया था। उस ठग ने गूगल लोकेशन के जरिए दोनों को रास्ते में ही रोक लिया, बुरी तरह पीटा और उनके सारे पैसे छीन लिए। उसने किशोरों के मोबाइल फोन भी छीन लिए, लेकिन उन्हें घर वापस जाने के लिए एक हजार रुपये दे दिए।
किसी तरह लखनऊ पहुंचे बेसहारा बच्चों के पास जब पैसे खत्म हो गए, तो उन्होंने किसी के माध्यम से अपने परिजनों को फोन कर गूगल पे से पैसे मंगवाए। इधर, रायबरेली पुलिस की साइबर टीम सक्रिय थी। जैसे ही परिजनों ने पुलिस को गूगल पे के जरिए पैसे भेजने की जानकारी दी, साइबर टीम ने लखनऊ के पते को ट्रेस कर दोनों किशोरों को सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पूरी कर दोनों किशोरों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाली अविश्वसनीय और लुभावनी रीलों के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता को उजागर किया है। पुलिस ने भी अपील की है कि माता-पिता अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें इस तरह के झांसों से बचने के लिए जागरूक करें।
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