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Sant Kabir Nagar: तो क्या सपा कार्यालय पर दो दिग्गज सपाइयों के बीच हुई हाथापाई की पहले से तैयार थी स्क्रिप्ट?
Sant Kabir Nagar News: लगभग डेढ़ सप्ताह पूर्व भी जिला मुख्यालय स्थित सपा के जिला कार्यालय पर दो दिग्गज सपाइयों के बीच भिड़ंत हुई थी।
समाजवादी पार्टी (फोटो: सोशल मीडिया)
Sant Kabir Nagar News: समाजवादी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व जहां आगामी विधानसभा चुनाव में यूपी फतह के लिए तमाम सियासी रणनीतियां तैयार करने में जुटा हुआ है, वहीं संतकबीरनगर जिले के जिम्मेदार सपाइयों में शुक्रवार को हुई हाथापाई और नोकझोंक ने कार्यकर्ताओं के मनोबल पर प्रतिकूल असर डाला है। लगभग डेढ़ सप्ताह पूर्व भी जिला मुख्यालय स्थित सपा के जिला कार्यालय पर दो दिग्गज सपाइयों के बीच भिड़ंत हुई थी।
शुक्रवार को सपा की पूर्व दिवंगत सांसद फूलन देवी की जयंती को लेकर खलीलाबाद स्थित पार्टी के जिला कार्यालय पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। हैरान करने वाली बात यह है कि पार्टी कार्यालय पर होने वाली किसी भी बैठक की सूचना मीडिया सेल पर प्रसारित की जाती रही है, लेकिन इस बार इसे छिपा कर रखा गया। सपाई नीति के तहत पीडीए समुदाय की नायक मानी जाने वाली फूलन देवी का जन्मदिन कार्यक्रम ऐतिहासिक रूप से मनाया जाने वाला था। लेकिन जिस ऐतिहासिक कार्यक्रम को वृहद रूप से प्रचारित और प्रसारित करने की पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की मंशा थी, उसे भी संतकबीरनगर जिले की सपा विंग ने मीडिया से छिपा कर रखा।
ऐतिहासिक बैठक को मीडिया से गोपनीय क्यों रखा गया?
सवाल यह है कि जिले के जिम्मेदार सपाइयों की तरफ से आयोजित इस ऐतिहासिक बैठक को मीडिया से गोपनीय क्यों रखा गया? कार्यकर्ताओं का सवाल है कि जिले में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस महत्वपूर्ण बैठक की मीडिया को सूचना क्यों नहीं दी? इसका जवाब पार्टी की बैठक के दौरान जिले के जिम्मेदार पदाधिकारियों के बीच हुई हाथापाई के मामले से निकल कर सामने आया है। सवाल यह भी है कि जब पार्टी के जिलाध्यक्ष और जिला महासचिव के निर्देश से ही किसी मीटिंग की जानकारी मीडिया को दी जाती रही है, ऐसे में क्या मीटिंग के दौरान जिले के दो बड़े पदाधिकारियों के बीच पार्टी कार्यालय पर हुई हाथापाई और नोकझोंक की स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार की गई थी?
खुद के बूथ की गिनती होने पर नजरें चुराने वाले दिग्गज सपाई जब पार्टी का सुप्रीमो बनकर व्यक्तिगत विवादों को पार्टी मुख्यालय पर सिरमौर बनने की जुगत में जुट कर अनुशासन को तार-तार करने लगे, तो पार्टी के भविष्य का अनुमान स्वतः ही लगाया जा सकता है। कार्यकर्ताओं का दावा है कि विधानसभा चुनाव से पहले यदि संतकबीरनगर जिले की कार्यकारिणी में व्यापक बदलाव नहीं हुआ, तो पार्टी के मिशन 2027 फतह को जिले में करारा झटका मिल सकता है।
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